Gaya News : कुख्यात नक्सली को पकड़ने वाले SDPO का ट्रांसफर, बैंड बाजा के साथ दी गई विदाई

Gaya News : कुख्यात नक्सली को पकड़ने वाले SDPO का ट्रांसफर, बैंड बाजा के साथ दी गई विदाई
एक बॉडीगार्ड के बूते बिहार- झारखंड के कुख्यात नक्सली को पकड़ने वाले एसडीओपीओ के ट्रांसफर पर लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. जी हां, गया के इमामगंज के एसडीपीओ मनोज राम को मंगलवार को विदाई दी गई. पढ़ें पूरी खबर..
गया : बिहार के गया में एसडीपीओ मनोज राम की विदाई कार्यक्रम का आयोजन हुआ. यह एक ऐसे अफसर थे जिन्होंने एक बॉडीगार्ड के बूते बिहार-झारखंड के कुख्यात नक्सली अरविंद भुईयां को पकड़ लिया था. अब इमामगंज के एसडीपीओ मनोज राम का ट्रांसफर हो गया है. ट्रांसफर के बाद उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया. विदाई समारोह बैंड बाजे ढोल के साथ आयोजित हुआ. इसमें काफी संख्या में इमामगंज इलाके के लोग शामिल हुए. इन्होने नक्सली साए को हटाने के लिए लगातार काम किया.
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ग्रामीणों में दिखी मायूसी : जिले के इमामगंज एसडीपीओ मनोज राम का ट्रांसफर हो गया. उनके ट्रांसफर के बाद विदाई समारोह का आयोजन किया गया. इमामगंज में हुए विदाई समारोह में बैंड बाजे ढोल के साथ उन्हें विदाई दी गई. वहीं, अच्छे अधिकारी के स्थानांतरण के बाद ग्रामीणों में काफी मायूसी देखी गई. विदाई समारोह में कई जनप्रतिनिधि व्यवसायी, बुद्धिजीवी और ग्रामीण शामिल हुए. इस मौके पर एसडीपीओ मनोज राम ने लोगों को संबोधित किया.
"किसी अधिकारी के जीवन में ड्यूटी सबसे बड़ी चीज है और जहां उसे जिम्मेदारी दी जाती है, वहीं जाना पड़ता है. मैंने अपनी क्षमता के अनुसार इस क्षेत्र के लिए काम किया. इस नक्सली क्षेत्र में काम करना काफी चुनौती थी, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र के लोगों को नक्सलियों के साए से सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास किया. यही वजह है कि इलाके में नक्सली गतिविधियां भी कम हो गई है". - मनोज राम, स्थानांतरित एसडीपीओ, इमामगंज
एक बॉडीगार्ड के बूते पकड़ा था अरविंद भुईंया को : एसडीपीओ मनोज राम के बारे में एक बड़ी चर्चा रही है. यह चर्चा बिहार झारखंड के मोस्ट वांटेड नक्सली अरविंद भुुईया की गिरफ्तारी को लेकर रही है. ग्रामीणों के बीच हमेशा चर्चा या रही कि, उनके द्वारा महज एक बॉडीगार्ड के बूते बिहार झारखंड के कुख्यात माओवादी अरविंद भुुईया को पकड़ा था. इस दौरान एसडीपीओ मनोज राम और अरविंद भुुईया के बीच हाथा-पाई भी हुई थी, लेकिन एसडीपीओ ने उसे पकड़कर ही दम लिया था.
