बिहार से मासूम को गोद लेकर गए अमेरिकी दंपति, मेडिकल जांच में हुई रेप की पुष्टि

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Published : Sep 24, 2019, 11:59 PM IST

एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि बाल संरक्षण इकाई ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस प्राथमिकी के बाद दत्तक केंद्र से सभी बच्चों को कड़ी सुरक्षा के साथ बिहार के अलग-अलग केंद्रों में ले जाया गया है.

गया: जिला ही नहीं, प्रदेश और देश को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आयी है. गया से 5 साल की बच्ची को गोद लेकर गए अमेरिकी दंपति ने, जब बच्ची की दिन प्रतिदिन खराब हालत देख मेडिकल जांच करवायी तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. दरअसल, मेडिकल जांच में बच्ची के साथ हुई हैवानियत का उजागर हुआ है.

18 अगस्त को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखीबाग मुहल्ले में एनजीओ इकोविक के चालित विशिष्ट दत्तक केन्द्र से अमेरिकी दंपति ने पांच वर्षीय बच्ची को गोद लिया था. अमेरिका जाने के बाद बच्ची बीमार बनी रहती थी. इसके बाद जब दंपती ने उसका मेडिकल टेस्ट करवाया, तो रिपोर्ट में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में सूजन के साथ-साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया.

जानकारी देते एसएससपी

भारतीय दूतावास को दी जानकारी...
अमेरिकी दंपति ने इस बाबत भारतीय दूतावास को जानकारी दी. वहीं, शिकायत के बाद बाल संरक्षण इकाई ने दत्तक केंद्र पर छापेमारी कर केंद्र से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया. टीम ने केंद्र को सील कर दिया.

पांच नामजद अभियुक्त
इस मामले में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. बाल संरक्षण इकाई गया के सहायक निदेशक राजन कुमार के लिखित आवेदन पर दत्तक केन्द्र के की महिलाएं समेत पांच लोगों को अभियुक्त बनाया है. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार शनिवार को जेल भेज दिया. इसमें विनोद कुमार,पूनम कुमारी, खुशबू राय,पवन कुमार और सुरेन्द्र कुमार शामिल हैं.

सील किया गया दत्तक केंद्र
सील किया गया दत्तक केंद्र

क्या बोले एसएसपी....
इस बाबत एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि बाल संरक्षण इकाई ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस प्राथमिकी के बाद दत्तक केंद्र से सभी बच्चों को कड़ी सुरक्षा के साथ बिहार के अलग-अलग केंद्रों में ले जाया गया है. एसएसपी ने बताया कि सभी बच्चों का मेडि3कल करवाया गया है. वहीं, उन्होंने ये भी बताया कि अमेरिका से बच्ची को वापस भारत लाया जाएगा. उसके बाद बच्ची के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

संस्था के निर्देशक का बयान...

  • संस्था के निर्देशक विनोद कुमार के मुताबिक 18 अगस्त को अमेरिकी दंपति बच्ची को देखने दत्तक केन्द्र आये थे.
  • 19 अगस्त को सारी प्रक्रिया पूरी कर बच्ची को अपने साथ ले गये.
  • बच्ची का पासपोर्ट बनाने के लिए 20 अगस्त को केन्द्र की पूनम कुमारी पटना गयी थी.
  • 23 अगस्त को पासपोर्ट मिला, इसी बीच दो बार पटना केन्द्र के कर्मी गये लेकिन दंपति परिवार द्वारा कोई शिकायत नहीं की गयी.
  • अमेरिका जाने के पहले दिल्ली में मेडिकल जांच भी की गयी. उस समय मेडिकल जांच के दौरान बच्ची स्वस्थ थी.
  • 30 अगस्त को दिल्ली से अमेरिका गये, तो 31 अगस्त को अमेरिका में बच्ची बीमार हुई. बच्ची को अमेरिका में दर्द हुई, इसकी जिम्मेदारी गया के दत्तक केन्द्र को देना अन्याय है.
Intro:यू शब्द ढूढ़ेगे तो रहम और तरस की हजारो गाथा अनाथ बच्चों के लिए लिखा जा सकता है। लेकिन हम उन रहम से दूर अनाथ बच्चों के साथ होनेवाला हैवानियत का दास्तां सुनाएंगे। ये दास्तां की शुरुआत फल्गू नदी के तट पर बसे गया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखीबाग मुहल्ला में स्थित दत्तक केंद्र का है जहां अनाथ बच्चों के साथ होता था गन्दा खेल, ये हम नही अमेरिका का मेडिकल रिपोर्ट कह रहा है।


Body:मोक्ष के नगरी गया में कल्पना से कोसो दूर ऐसे घटना का अंजाम दिया गया जिसका पता अमेरिका से चला। गया में बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित दत्तक केंद्र से 19 अगस्त को एक अमेरिकी दंपति ने पांच वर्षीय बच्ची को गोद लिया था। बच्ची को जब अमेरिका ले गयी लेकिन वो बीमार रहने लगी। दंपति ने बच्ची का इलाज करवाया जिसमे बच्ची के साथ यौनाचार होने का बात सामने आया। दंपति ने भारतीय राजदूत को इसकी जानकारी दी , उसके बाद बाल संरक्षण इकाई ने दत्तक केंद्र पर छापेमारी कर केंद्र से जुड़े सभी लोग को गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया और केंद्र को सील कर दिया।

इस मामले में तहकीकात करने पर पुलिस महकमा कुछ भी बताने से बच रही है यहां तक ये भी जानकारी नही दिया जा रहा है उस केंद्र से कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिला है या नही। केंद्र के आसपास के लोग ने बताया केंद्र करीब इस मुहल्ला में 10 साल से संचालित है। सरकारी कर्मचारी त्रिभुवन शर्मा जो अभी चाईबासा में रहते हैं उनके मकान में पिछले चार वर्ष से संचालित है। उनका कोई परिवार यहां नही रहता हैं। इस केंद्र के कोई लोग मुहल्ला के किसी लोग से कोई मतलब नही रखते थे। दत्तक केंद्र का दरवाजा हमेशा बन्द रहता था। छोटे बच्चे खेलते थे, कभी लड़ते थे ,लेकिन चाहरदीवारी से बाहर के लोगो से कोई मतलब नही रहता था। उस मे काम करनेवाला नौकरानी भी बाहर से आती थी। कुछ महिलाओं ने कहा अगर हमलोग समाजिक भावना से बुलाया जाता ये सब होता ही नही। बंद कमरे में कोई संस्था चलती है।

जेल भेजे गए संस्था के विनोद कुमार, पूनम कुमारी, खुशबू राय, पवन कुमार और सुरेंद्र कुमार है।संस्था के निर्देशक विनोद कुमार ने बताया कि 18 अगस्त को अमेरिकी दंपति बच्ची को देखने दत्तक केंद्र आए थे ,19 अगस्त को सारी प्रक्रिया पूरी कर बच्ची को अपने साथ ले गए। बच्ची का पासपोर्ट बनाने के लिए 20 अगस्त को केंद्र की पूनम कुमारी पटना गई थी,23 अगस्त को पासपोर्ट मिला इसी बीच दो बार पटना केंद्र के कर्मी दंपति से मिले लेकिन दंपत्ति परिवार द्वारा कोई शिकायत नहीं की गयी। अमेरिका जाने के पहले दिल्ली में मेडिकल जांच भी की गई मेडिकल जांच के दौरान बच्ची स्वस्थ थी। दिल्ली से अमेरिका 30 अगस्त को गए और 31 अगस्त को अमेरिका में बच्ची को दिक्कत हुआ, ऐसे में दत्तक केंद्र कैसे दोषी होगा?


Conclusion:बाइट- मनोज कुमार, स्थानीय
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