मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले का स्वास्थ्य महकमा अपने कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहता है. जिले के कोटवा पीएचसी से ऐसी खबर सामने आई है, जो स्वास्थ्य विभाग के क्रियाकलापों की पोल खोल रही है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा से थोड़ी दूरी पर एक झाड़ी में हॉस्पिटल में सप्लाई होने वाली लाखों रुपये की जीवन रक्षक दवाइयां फेंकी हुई मिली है. फेंकी गई दवाइयों की एक्सपायरी डेट वर्ष 2022 और 2023 है. झाड़ियों में सरकारी दवा मिलने के बाद से तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है.
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कोटवा पीएचसी के पास फेंकी गई सरकारी दवाइयों के बारे में पूछने पर सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें दवा फेंके जाने की जानकारी मिली है. जिसके जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को सरकार मुफ्त में दवा देती है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को मुफ्त में दी जाने वाली दवाओं को फेंकने में व्यस्त रहते हैं.
हाल ही में तुरकौलिया पीएचसी के शौचालय की टंकी में लाखों रुपये की फेंकी गई दवाइयां मिली थी. अब कोटवा पीएचसी का कारनामा सामने आया है. कोटवा पीएचसी के पास लाखों रुपये की फेंकी गई जीवन रक्षक दवाओं को स्थानीय लोगों ने झाड़ियों में देखा. उसके बाद जिला के स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल गई. हालांकि, सिविल सर्जन ने इस मामले में जांच कराने की बात कही है.
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