केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से मछुआरों की गुहार- 'दूसरे प्रदेश से आकर लोग पकड़ते हैं मछली.. लेकिन हमें ही इजाजत नहीं'

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Published : Mar 2, 2022, 6:49 PM IST

Buxar fishermen have trouble in fishing

आजादी के बाद से आज तक हम अपने ही यहां गुलाम की जिंदगी जी रहे हैं. दूसरे प्रदेश के लोग आकर मछली पकड़ते हैं और हमें रोका जाता है. बक्सर के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के मछुआरों (Fishermen Of Buxar Brahmapur Police Station Area) ने अपनी समस्या बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से ठोस कदम उठाने की मांग की है. पढ़िए पूरी खबर..

बक्सर: जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले मछुआरे अपनी समस्याओं (Buxar fishermen have trouble in fishing ) को लेकर पिछले 7 साल से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन आज तक इनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी. सांसद व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ( Ashwini Kumar Choubey On Buxar Fishermen) का भी ध्यान मछुआरों ने इस समस्या की ओर आकृष्ट कराया. इन लोगों का कहना है कि माफिया इन्हें मछली पकड़ने नहीं देते हैं. इतना ही नहीं मछली पकड़ने के एवज में पैसों की मांग भी की जाती है.

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मछुआरों की रोजी रोटी पर संकट: ब्रम्हपुर प्रखंड के सेमरा गांव के रहने वाले शिवजी मल्लाह बताते हैं कि, अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, लोकायुक्त, बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी, सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे सहित प्रधानमंत्री कार्यालय को भी आवेदन दिया है, पर समाधान नहीं निकला. मछुआरा शिवजी मल्लाह की मानें तो पिछले सात सालों से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने रोजी रोटी बचाने के लिए गुहार लगा रहें हैं. हर बार इन्हें आश्वासन मिलता है लेकिन सात सालों में समस्या का समाधान कभी नहीं हुआ. अपनी फरियाद लेकर कहीं खुद गये तो कहीं आवेदन दिया पर नतीजा हर बार सिफर ही रहा.

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क्या है समस्या: मछुआरों ने बताया कि ब्रह्मपुर प्रखंड के मूल मछुआरों को आजतक कमेटी का सदस्य नहीं बनाया गया है. जिसके कारण इन लोगों को मछली पकड़ने में काफी परेशानी होती है. मछली पकड़ने के लिए कुछ नियम बना दिए गए हैं. जिसके कारण ये लोग ज्यादा मछली नहीं पकड़ सकते हैं. जबकि उत्तर प्रदेश से आए मछुआरे जितनी चाहे उतनी मछली पकड़ सकते हैं. इन लोगों का आरोप है कि इनके पुश्तैनी कारोबार को कुछ माफिया खत्म करने की फिराक में हैं.

बोले मछुआरे- मिले योजनाओं का लाभ: ब्रह्मपुर प्रखंड के ही मोहन ने कहा कि, मछली पकड़ना और बेचना हमारी जीविका है. इससे ही हमारे परिवार की रोजी रोटी चलती है. मछली बेचकर ही हम चावल खरीदते हैं, जो हमारे बच्चे खाते हैं. ऐसे में हम चाहते हैं कि सरकार न्याय करे. हम लोगों को किसी को भी रंगदारी न देना पड़े. ऐसी व्यवस्था की जाय कि, जो भी सुविधाएं मछुआरों के लिए सरकार द्वारा दी गई है वह आसानी से उनतक पहुंचे.

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"हमारी समस्या पर स्थानीय प्रशासन गंभीरता से विचार ही नहीं करता है. मामले को गंभीरता से लेने पर अबतक समाधान हो चुका होता. उत्तर प्रदेश के मछुआरे हमारे क्षेत्र में आकर आज भी सौ सौ की संख्या में मछली पकड़ते हैं लेकिन हमें नहीं पकड़ने दिया जाता है. हमलोगों से टैक्स मांगा जाता है. रंगदारी मांगी जाती है."- शिवजी मल्लाह, मछुआरा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा: इस बाबत मछुआरों से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि, यह बात सही है कि इनको समस्या हो रही है. इस समस्या का निदान जल्द से जल्द आवश्यक है. स्थानीय प्रशासन के साथ हुई बैठक में इनके समस्याओं के निराकरण के लिए मैंने खुद जिलाधिकारी बक्सर से कहा है. इस संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

डीएम से ईटीवी भारत ने की बात: जिलाधिकारी अमन समीर से इस संदर्भ में ईटीवी भारत ने भी बात की तो, डीएम ने कहा कि जिला सहकारिता पदाधिकारी को उचित कार्रवाई कर समाधान करने का निर्देश दे दिया गया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि इन गरीब मछुआरों की समस्याओं का निराकरण इस बार अवश्य हो जाएगा. मछुआरों को भी उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस पूरे मामले को प्रशासन सुलझा लेगा ताकि इन लोगों के रोजगार पर किसी तरह की आंच न आए.

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