औरंगाबाद में बाघ देखे जाने की बात अफवाह, लकड़बग्घा को समझ रहे टाइगर: DFO

औरंगाबाद में बाघ देखे जाने की बात अफवाह, लकड़बग्घा को समझ रहे टाइगर: DFO
औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखण्ड में नदी के किनारे बाघ देखे जाने का मामला महज एक अफवाह (Rumors Of Tiger Sighting In Aurangabad) निकला. जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखण्ड में इन दिनों बाघ की अफवाह (Rumors Of Tiger In Aurangabad ) उड़ी हुई है. दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में बतरे नदी के किनारे लकड़बग्घा (Hyena in Aurangabad) के घूमने की पुष्टि हुई है. जिसे ग्रामीण बाघ समझ कर डर गए. इस बात की अफवाह फैलने से लोग डरे हुए हैं. वही डीएफओ तेजस जायसवाल ने बाघ वाली अफवाह का खंडन किया है. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी है.
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बाघ के अफवाह की खबर निकली झूठी: मिली जानकारी के अनुसार जिले के कुटुम्बा प्रखंड इलाके के कई गांव में सोमवार की शाम करीब बतरे नदी किनारे लकड़बग्घा देखा गया. जिससे इलाके में दहशत फैल गया. सूचना पर वन विभाग के अधिकारी कुटुम्बा प्रखंड इलाके में गए तो उन्होंने देखा कि बाघ नहीं लकड़बग्घे के पैरों के निशान हैं. हालांकि ग्रामीणों ने बाघ होने का दावा किया था. इस सम्बंध में डीएफओ तेजस जायसवाल ने बताया कि वह बाघ नहीं लकड़बग्घा है.
नदी के किनारे दिखा लकड़बग्घे के पंजे का निशान: वन विभाग के भ्रमण के बाद फिलहाल यह तो निश्चित हो गया है कि क्षेत्र में कहीं भी बाघ नहीं है. डीएफओ तेजस जायसवाल ने लोगों से अपील की है कि लकड़बग्घा से भी बचकर रहने की जरूरत है. ग्रामीण सावधान रहें. ग्रामीण लकड़बग्घा को बाघ समझ रहे थे. जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के पदाधिकारियों को दी गई. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी कुटुम्बा पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू किया जिसमे पंजा का निशान भी देखा गया है.
"पंजा का जो निशान है, उससे प्रतित होता है कि वह लकड़बग्घा है, लेकिन यह भी खतरनाक है." :- तेजस जायसवाल, डीएफओ, औरंगाबाद वन प्रमंडल
