औरंगाबाद: नाबालिग से अपहरण कर दुष्कर्म, छेड़छाड़ कर वीडियो बनाने के मामले में दो अभियुक्तों को 10 और 3 साल की सजा

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Published : Nov 29, 2022, 7:40 AM IST

औरंगाबाद में मामले में अभियुक्त को सजा

औरंगाबाद में नाबालिग से दुष्कर्म (Minor Molested in Aurangabad) मामले में व्यवहार न्यायालय ने अभियुक्त को 10 साल की कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त सजा होगी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

औरंगाबाद: बिहीर के औरंगाबाद में कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म (Molestation with Minor Girl)मामले में अभियुक्त को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई हुई है. कोर्ट ने यह फैसला 2 वर्ष पहले नाबालिग के साथ अपहरण और जबरन सम्बन्ध बनाने के मामले में दी, इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त सजा होगी. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद (Civil Court Aurangabad) के एडीजे सह स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने 2020 के एक मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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दोषी को 10 साल की कारावास: अभियुक्त को दिनांक 19 नवम्बर को भारतीय दंड संहिता की धारा में दोषी पाते हुए जमानत रद्द करके जेल भेज दिया गया था. स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि इस वाद में चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों ने गवाही दी थी जिसमें अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 ए में पांच साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया है. वहीं धारा 363 में तीन साल की सजा और तीन हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार में 10 साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी.

"इस वाद में चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों ने गवाही दी थी जिसमें अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 ए में पांच साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया है. वहीं धारा 363 में तीन साल की सजा और तीन हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार में 10 साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी."-शिवलाल मेहता, स्पेशल पीपी



क्या है पूरा मामला: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले में नाबालिग लड़की के पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें सूचक ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर शाम के वक्त लड़की का अपहरण कर लिया. पटना ले जाकर अभियुक्त ने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया. वहीं इसके बाद कई दिनों तक नाबालिग को अपने साथ रखकर फेसर में लाकर छोड़ गया.

नाबालिक से छेड़छाड़ का मामला: जिले में एक और नाबालिक से छेड़छाड़ कर वीडियो बनाने के मामले में आरोपी को 3 वर्ष की सजा सुनाई गई है, इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 3 महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे सह स्पेशल पोक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने बारुण थाना में 2021 के एक मामले में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सजा सुनाई है.



नाबालिग लड़की के चाचा ने दर्ज कराई प्राथमिकी: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले में नाबालिग लड़की के चाचा ने सितंबर 2021 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि अभियुक्त ने उनकी भतीजी के साथ छेड़छाड़ करते हुए उसका वीडियो बनाया, जिसके बाद उसे वायरल कर दिया. जिससे पीड़िता और परिवार की मान सम्मान और इज्जत भंग हुई है.
अभियुक्त ने ऐसा कर गंभीर अपराध किया है.

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