अंधविश्वासः सर्पदंश से मौत के घंटों बाद तक चलता रहा जिंदा करने का खेल

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Published : Jun 13, 2021, 9:20 PM IST

सांप ने काटा अंधविश्वास ने मारा

बेगूसराय (Begusarai) में एक युवक की जान अंधविश्वास के कारण चली गई. समय रहते उसे अगर अस्पताल ले जाया जाता और उचित उपचार होता तो युवक की जान बच सकती थी. लेकिन उसे तंत्र-मंत्र से ठीक करने की कोशिश जारी रही. पढ़ें रिपोर्ट.

बेगूसरायः कहने को साइंस ने बहुत प्रगति कर ली है, लेकिन अगर आप गांवों में आज भी जाएंगे तो विज्ञान की प्रगति को लेकर पढ़े जाने वाले कसीदे आपको कोरी बातों के अलावा और कुछ नहीं लगेंगी.

आधुनिक विज्ञान के इस युग में आज भी ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास (Superstitions In Rural Area) विज्ञान पर भारी पड़ता दिखता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला है बेगूसराय में, जहां सर्पदंश (Snake Bite) की आशंका के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में एक युवक की मौत हो गई.

सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. लेकिन तांत्रिक उसे जिंदा कर देने का दावा करता रहा. घटना लाखो सहायक थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की है.

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बहियार से लौट कर होने लगी थी तबीयत खराब
लोगों ने बताया, जगदीशपुर के गंगासागर का पुत्र राजा कुमार (22 वर्षीय) गांव के बहियार में बंधी अपनी घोड़ी को लाने गया था. लौटने के बाद उसने मवेशी को चारा भी खिलाया.

जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उसने परिजनों के सामने सर्पदंश की आशंका जाहिर की. उसके बाद लोग उसे तांत्रिक के पास ले गये. हद तो तब हो गयी, जब जिंदा ही नहीं मौत के 24 घंटे बाद भी तंत्र-मंत्र के सहारे राजा को जिंदा करने की कोशिश की गई.

रोते-बिलखते परिजन
रोते-बिलखते परिजन

तबीयत बिगड़ने पर ले गए सदर अस्पताल
इलाज के लिए ले जाने की बजाय गांव के ही फेरो स्थान मंदिर में घंटों झाड़-फूंक कराया. बाद में जब तबीयत अत्यधिक बिगड़ गई, तब रात के 9 बजे उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

घर के पास जमे लोग
घर के पास जमे लोग

मुर्दे में जान डालने पर भरोसा करते रहे परिजन
डॉक्टरों द्वारा राजा कुमार को मृत घोषित किये जाने के बाद दूसरी बार परिजनों ने तंत्र-मंत्र के सहारे मुर्दा में जान फूंकने की तमाम तरह की कोशिश की. इसके लिए तंत्र साधकों से संपर्क साधा गया.

तांत्रिकों द्वारा बताए गए तमाम तरह की कोशिशों की गई. अंधविश्वास की पराकष्ठा तब हद पार कर गयी जब युवक को जिंदा करने का दावा करने वाला तांत्रिक कहीं और बैठ कर ही मुर्दा को जिंदा करने का उपाय बताता रहा. परिवार के लोग भी वैसा करते रहे.

सर्पदंश के दौरान क्या करें
सर्पदंश के दौरान क्या करें

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तांत्रिक की नहीं थी कोई पहचान
लोग उस तांत्रिक को न तो नाम से जानते थे और न ही उसकी कोई पहचान थी. तांत्रिक के दावे पर कई बार लोग विश्वास भी करते रहे. एक बार तो उस तांत्रिक ने दूर बैठकर ही मुर्दे के आंख लाल होने का दावा किया. परिवार के लोग बताते हैं कि ऐसा हुआ भी. जिससे युवक के जिंदा होने की उम्मीद बढ़ गई.

उसके दावे में सच्चाई पर लोगों ने यकीन कर लिया. उसके बाद पूरी शिद्दत से मुर्दे को जिंदा करने में लोग लगे रहे. कई घंटे बीत जाने के बाद भी जब मुर्दा जिंदा नहीं हुआ तब उस तांत्रिक ने खुद आकर मुर्दे को जिंदा करने का दावा किया. परिजनों ने कहा कि तांत्रिक ने जड़ी लेकर आने की बात कही है. लेकिन काफी देर बाद भी वह नहीं पहुंचा और ना ही मुर्दा जिंदा हुआ.

सर्पदंश से कैसे बजा जाए
सर्पदंश से कैसे बजा जाए

लाश को केले के थम्ब में बांध कर नदी में छोड़ा
अंधविश्वास के सहारे चमत्कार की उम्मीद पाले लोगों ने मुर्दा को दाह संस्कार करने की बजाय केले के थम्ब में बांध कर नदी की धार में भी छोड़ दिया. ताकि फिर कोई चमत्कार हो और युवक जिंदा होकर लौट आये. खास बात तो ये है कि किसी चमत्कार के इंतजार में रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले तक लोगों की आंखों पर अंधविश्वास का चश्मा चढ़ा रहा. लेकिन किसी ने भी शव के सड़ने गलने की चिंता नहीं की.

'बहियार में घोड़ी बंधी थी. उसे लाकर राजा ने मवेशी को चारा खिलाया. उसके बाद तबीयत बिगड़ने की बात कहते हुए सर्पदंश की आशंका जाहिर की. उसके बाद उसकी झाड़फूंक करायी. लेकिन रात में तबीयत काफी बिगड़ने लगी. उसे सदर अस्पताल बेगूसराय लेकर जाया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एक तांत्रिक ने भरोसा दिलाया था कि उसे ठीक कर देंगे. उन्होंने दूर से ही हम सभी को कुछ उपाय करने को कहा. जैसा उन्होंने कहा, वैसा किया. आंख की पुतली लाल होने के बारे में उन्होंने कहा तो वैसा हुआ भी. फिर तांत्रिक कहने लगे कि हम जड़ी लेकर आते हैं. लेकिन वे नहीं आए.' -रमेश राय, मृतक के चाचा

सांप काटे तो क्या करें?
सांप काटे तो क्या करें?

घटना बनी है चर्चा का विषय
फिलहाल यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. कुछ लोग इस मौत का कारण अंधविश्वास बता रहे हैं. कुछ लोग इसे तांत्रिक और झाड़फूंक करने वालों को इस मौत का जिम्मेवार मान रहे हैं. सच्चाई जो भी हो, झाड़फूंक की जगह अगर युवक को हॉस्पिटल ले जाते तो जान बच सकती थी.

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सर्पदंश के बाद क्या बचाव करें

  • किसी भी प्रकार का सांप काट ले तो घबराएं नहीं, शांत रहें
  • पीड़ित के शरीर पर कोई भी कसाव वाली वस्तु न रहने दें (बेल्ट, जूते की लेस) न बंधे रहने दें, इससे रक्तचाप बढ़ता है
  • काटे गए स्थान को हिलाए डुलाएं नहीं, मांसपेशियों में हरकत होने से जहर जल्दी फैल सकता है.
  • सांप की पहचान करने की पूरी कोशिश करें
  • पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके, पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और डॉक्टरी उपचार करवाएं
  • स्वास्थ्य केंद्र में ही एंटी वेनम लगवाएं

सर्पदंश के दौरान क्या न करें

  • ओझा या तांत्रिक के पास जाकर झाड़ फूंक में समय न गवाएं
  • सर्पदंश के स्थान पर ब्लेड और धारीदार वस्तु से न काटें
  • पीड़ित को ज्यादा चलने न दें
  • पीड़ित को किसी वाहन, व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की सहायता से स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं
  • कोबरा या करैत सांप के काटने पर पीड़ित को सोने न दें
  • सोने पर रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ता है

सर्पदंश से कैसे बचा जाए

  • घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, कोई कबाड़ न होने दें
  • घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें
  • पानी निकासी के मार्गों पर बारीक जाली लगाएं
  • खेतों और अधिक घास वाली जगहों पर नंगे पैर न चलें
  • किसी अंधेरी जगह में जाते समय टॉर्च या लालटेन का प्रयोग करें
  • घरों में यदि नीचे सो रहे हैं तो बीच मे सोएं या पलंग या मच्छरदानी का प्रयोग करें
  • घरों के दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को किसी कपड़े की सहायता से बंद करके रखें
  • घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दें
  • अनजानी जगह और बिल में हाथ न डालें
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