बांका में आफत बनकर टूटा वज्रपात, 7 की मौत, खेतों में बिछ गईं लाशें

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Published : Aug 7, 2021, 10:34 PM IST

Death due to lightning in Banka

बिहार के बांका (Banka) जिले में आकाशीय बिजली गिरने से सात लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन लोग घायल हो गए. मारे गए अधिकतर लोग धान की रोपनी संबंधी काम के लिए खेत में गए थे.

बांका: बिहार के बांका (Banka) जिले में शनिवार को आकाशीय बिजली (Lightning) आफत बनकर गिरी. अलग-अलग जगहों पर वज्रपात के चलते जिले में सात लोगों की मौत हो गई. बिजली गिरने से हताहत हुए अधिकतर लोग धान की खेती से संबंधी काम कर रहे थे. खेतों में लाशें बिछ गईं. वज्रपात से एक दर्जन लोग घायल हुए हैं.

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वज्रपात की चपेट में आकर जान गंवाने वालों में चांदन के 18 वर्षीय दीपक कुमार, 30 साल की रेखा देवी, कटोरिया का 14 वर्षीय युवक, अमरपुर की 13 वर्षीय बालिका और महिला, बौंसी की 60 वर्षीय वृद्ध महिला और जयपुर का एक 14 वर्षीय बालक शामिल हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय अधिकारी सक्रिय हुए और शव को पोस्टमार्टम के लिए देर शाम तक बांका सदर अस्पताल भेजते रहे.

वज्रपात से चांदन प्रखंड के जमुनी गांव में धान की रोपनी कर रहीं चार महिलाएं घायल हो गईं. कटोरिया और आनंदपुर में चार अलग-अलग जगहों पर बारिश के दौरान वज्रपात से 14 साल के किशोर की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए. मृतक किशोर की पहचान कटोरिया थाना क्षेत्र के दर्वेपट्टी गांव के ढीबा पंडा के बेटे लालधारी पंडा के रूप में हुई है. वह तुलसीवरण बहियार स्थित खेत में हल जोत रहे अपने पिता के पास गया था. इस दौरान बारिश शुरू होते ही वज्रपात हुई और किशोर की मौके पर ही मौत हो गई.

अमरपुर में दो अलग-अलग जगहों पर वज्रपात की चपेट में आने से बाजा गांव के राजु मांझी की 13 साल की बेटी राखी कुमारी की मौत हो गई. वह धान की रोपनी कर रही अपनी मां गुड़िया देवी को खाना पहुंचाने जा रही थी. अचानक तेज बारिश के साथ वज्रपात हो गई, जिसकी चपेट में आने से बच्ची की मौत हो गई. कासपुर गांव में धान की रोपनी कर रही 24 साल की लक्ष्मी देवी वज्रपात की चपेट में आ गई, जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई.

बंधुआ कुरावा थाना क्षेत्र के गहराजोर गांव में वज्रपात से 60 साल की लाली मुर्मू की मौत हो गई. वह नरचातरी बहियार में धान रोप रही थी. वहीं, जयपुर थाना क्षेत्र के केरवार गांव के बहियार में वज्रपात से भूषण यादव के 15 वर्षीय पुत्र शैलेश कुमार की मौत हो गई. इसके साथ ही दो महिला (प्रमिला देवी और गुड़िया देवी) घायल हो गई. तीनों गांव से एक किलोमीटर दूर बहरातर बहियार में भैंस चरा रहे थे.

युवक अपने मोबाईल पर गाना सुन रहा था. इसी बीच वज्रपात से उसकी मौत हो गई और दोनों महिलाएं बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं. वज्रपात की चपेट में आकर हुई मौत मामले में स्थानीय स्थानीय पुलिस द्वारा सभी के शव को पोस्टमार्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेजा गया है. स्थानीय अधिकारी मुआवजा दिलाने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं.

बता दें कि वज्रपात से घर के बाहर खुले में मौजूद लोगों को अधिक खतरा होता है. वज्रपात की संभावना होने पर कुछ सावधानी बरतना जीवन रक्षक साबित हो सकता है. सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लेना चाहिए. यह इस बात का संकेत है कि आसपास बिजली गिरने वाली है. ऐसा होने पर जहां हैं, वहीं रहना चाहिए. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे- लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लेना चाहिए.

वज्रपात की संभावना हो तो बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहना चाहिए. तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहना चाहिए. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़ा नहीं होना चाहिए. घर से बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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