ये आयुर्वेदिक दवा मोटापे और मधुमेह को देती है मात : AIIMS Research

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Published : Sep 24, 2022, 2:16 PM IST

AIIMS research on anti diabetic drug bgr 34 beneficial for diabetes obesity disease

AIIMS के डॉक्टरों की टीम ने पाया है कि, मधुमेह विरोधी आयुर्वेदिक दवा BGR-34 पुरानी बीमारी से पीड़ित रोगी के चयापचय तंत्र में सुधार के साथ-साथ मोटापे को कम करने में प्रभावी है. शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना ही मेटाबॉलिज्म (Metabolism is the conversion of food into energy) यानी चयापचय कहलाता है. AIIMS research on anti diabetic drug bgr 34 beneficial for diabetes obesity disease . diabetes obesity disease ये आयुर्वेदिक दवा मोटापे और मधुमेह को देती है मात : AIIMS Research

नई दिल्ली: प्रमुख स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Research) के डॉक्टरों की एक टीम ने पाया है कि, मधुमेह विरोधी आयुर्वेदिक दवा बीजीआर 34 (BGR-34) पुरानी बीमारी से पीड़ित रोगी के चयापचय तंत्र में सुधार के साथ-साथ मोटापे को कम करने में प्रभावी है. आपके शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना ही मेटाबॉलिज्म (Metabolism is the conversion of food into energy) अर्थात चयापचय कहलाता है. एम्स के फामार्कोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर सुधीर चंद्र सारंगी (Sudhir Chandra Sarangi, Additional Professor, Pharmacology Department , AIIMS) के नेतृत्व में टीम तीन साल के अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंची. औषधीय पौधों से सामग्री की एक श्रृंखला को मिलाकर, इस दवा BGR 34 को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा गहन शोध के बाद विकसित किया गया है और AIMIL Pharmaceuticals द्वारा इसका विपणन किया (बेंचा) जा रहा है. AIIMS research on anti diabetic drug bgr 34 beneficial for diabetic obesity disease .

एलोपैथी दवाओं के साथ प्रभावी : अध्ययन का उद्देश्य यह जांच करना था कि क्या BGR 34 अपने आप में या अन्य एलोपैथी दवाओं के साथ प्रभावी था और यदि हां तो किस स्तर पर. परिणाम उत्साहजनक थे. यह पाया गया कि Herbal medicine शरीर के वजन में कमी के साथ-साथ हार्मोनल प्रोफाइल के मॉड्यूलेशन के माध्यम से उपवास रक्त शर्करा को कम करने के लिए पर्याप्त है, इसके और भी फायदे हैं. लेप्टिन के निशान को कम करते हुए यह दवा हार्मोनल प्रोफाइल, लिपिड प्रोफाइल और ट्राइग्लिसराइड स्तर को भी नियंत्रित करती है जो वसा को नियंत्रित करने में प्रभावी है.

अधिक मात्रा में ट्राइग्लिसराइड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्योंकि यह एक खराब कोलेस्ट्रॉल है. इसी तरह, नियंत्रित लिपिड प्रोफाइल दिल की बीमारियों को दूर रखता है जबकि हार्मोनल प्रोफाइल में गड़बड़ी से नींद पर असर पड़ता है और नींद खराब हो सकती है. इसके विपरीत, हार्मोनल प्रोफाइल का मॉड्यूलेशन महत्वपूर्ण पाया गया जिसके परिणामस्वरूप इंसुलिन का स्तर बढ़ गया. मार्च 2019 में शुरू किया गया अध्ययन जल्द ही एक शोध पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा.

AIMIL Pharmaceutical : कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा (Sanchit Sharma, Executive Director, AIMIL Pharmaceutical) ने कहा कि हर्बल-आधारित आयुर्वेद दवाओं को उन लोगों के बीच भारी स्वीकृति मिल रही है जो जीवनशैली में बदलाव के कारण बढ़ती गैर संचारी बीमारियों की पृष्ठभूमि में निवारक स्वास्थ्य उपाय करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, सरकार ने भी प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में समय-परीक्षण किए गए औषधीय पौधों के आधार पर इन उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं.

वास्तव में, सर्बियन जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल एंड क्लिनिकल रिसर्च ऑन साइन्डो साइंटिफिक प्लेटफॉर्म (Serbian Journal of Experimental and Clinical Research on the Cindo Scientific Platform) के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि बीजीआर-34 तीन महीने के भीतर शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और मधुमेह की जटिलताओं को रोकने के लिए एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट कार्रवाई भी कर सकता है. जो देश में बढ़ता ही जा रहा है. -- आईएएनएस

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