"बिहार में 'हिडन सोर्स ऑफ फंड कलेक्शन' का जरिया बनी शराबबंदी"

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Published : Nov 13, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 10:30 PM IST

पटना

बिहार में पूर्ण शराबबंदी की समीक्षा से पहले विपक्ष ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि शराबबंदी एनडीए नेताओं के लिए 'हिडन सोर्स ऑफ फंड कलेक्शन' है. वहीं, बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने कार्यकाल को राजद ना भूले, एनडीए सरकार में गलत करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होती है.

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Complete Liquor Ban) की समीक्षा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 16 नवंबर को करने वाले हैं. पिछले 10 दिनों में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की बिहार में मौत हो चुकी है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमले बोल रहा है. शराबबंदी की समीक्षा से पहले एक बार फिर विपक्ष ने एनडीए (NDA) नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि शराबबंदी बिहार में कहीं नहीं है, यह तो एनडीए नेताओं के लिए फंड कलेक्शन का एक जरिया है.

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जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर एक तरफ जहां सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा के लिए 16 नवंबर को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. वहीं, दूसरी तरफ राजद ने जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर कई टीमें बनाई हैं और उन्हें समस्तीपुर, गोपालगंज समेत अन्य प्रभावित इलाकों में भेजा है. इन सब के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शराबबंदी कानून को लेकर सरकार पर फिर हमला बोला है.

देखें रिपोर्ट

राजद ने यह दावा किया है कि शराबबंदी कानून बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की पहल पर लागू हुआ है ना कि इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई भूमिका है, इसलिए मुख्यमंत्री का यह दावा गलत है कि शराबबंदी कानून उनकी पहल पर लागू हुआ. राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि शराबबंदी कानून सरकार के लिए फंड कलेक्शन का एक जरिया बना हुआ है.

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''जब बीजेपी और जदयू के नेता शराब के अवैध कारोबार में पकड़े जाते हैं, तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती और उन्हें बचा लिया जाता है. जिस वक्त बिहार में शराबबंदी नहीं थी, उस वक्त महज 9.50 प्रतिशत लोग शराब पीते थे, लेकिन अब एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 17 फीसदी से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं. ऐसे में सरकार के तमाम दावों पर सवाल खड़े होते हैं.''- चितरंजन गगन, प्रदेश प्रवक्ता, राजद

उन्होंने कहा कि झारखंड से नवादा, नालंदा और पटना होते हुए वैशाली तक शराब पहुंच जाती है तो इसके लिए क्या गांव का चौकीदार जिम्मेदार है. आखिर सरकार की इंटेलिजेंस एजेंसी और पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है. राजद नेता ने कहा कि सरकार ने आज तक किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की. क्या चौकीदार को सस्पेंड कर देने से मामला खत्म हो जाएगा. नीतीश सरकार की हर कार्रवाई में बीजेपी बराबर की हिस्सेदार है, इसलिए बीजेपी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. सिर्फ दिखावे के लिए मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करते हैं, लेकिन इसका नतीजा कुछ नहीं निकलता है.

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इधर, इस मामले को लेकर बीजेपी ने राजद पर पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि राजद नेताओं के कार्यकाल में किस तरह अपहरण, लूट और हत्या की वारदात होती थी, यह लोग आज तक नहीं भूले हैं. एनडीए सरकार में गलत करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होती है. अगर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक कर रहे हैं, तो निश्चित तौर पर जो लोग दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.

''हम ये स्वीकार करते हैं कि बिना प्रशासन और पुलिस के मिलीभगत के शराब बिहार में नहीं पहुंच सकती, इसलिए मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक कर रहे हैं और जो लोग दोषी होंगे उन्हें कतई छोड़ा नहीं जाएगा.''- प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी

बता दें कि जहरीली शराब पीने से बिहार में पिछले करीब 2 हफ्ते में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यह सिलसिला अभी जारी है, जिसे लेकर शराबबंदी कानून पर सवाल उठ रहे हैं. कुछ दिन पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने भी अवैध शराब की बिक्री में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया था.

Last Updated :Nov 13, 2021, 10:30 PM IST
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