मुश्किल में पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह, बेल याचिका खारिज होने के बाद करना होगा सरेंडर

author img

By

Published : Sep 2, 2022, 5:01 PM IST

पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह

पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को राजीव रंजन अपहरण मामले में कोर्ट से बेल नहीं मिली है. पटना एसएसपी ने बताया कि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज होने के बाद वारंट बेलेबल है. जिस वजह से अगर वह सरेंडर करते हैं तो उन्हें जमानत मिल जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री को जमानत नहीं मिली है. कार्तिकेय सिंह को साल 2014 में बिहटा के बिल्डर राजू सिंह को अपहरण मामले में कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. जिस वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती (Karthikeya Singhs Troubles May Increase) हैं. पटना एसएसपी से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज होने के बाद वारंट बेलेबल है, जिस वजह से अगर वह सरेंडर करते हैं तो उन्हें जमानत मिल जाएगी. यानी कि फिलहाल जेल नहीं जाएंगे. आपको बता दें कि न्यायिक दंडाधिकारी दानापुर में बिहटा थाना कांड संख्या 859/2014 में धारा 363/ 364/365 /34 आईपीसी में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह को अभियुक्त के श्रेणी में ला दिया था.

ये भी पढें- सुशील मोदी का नीतीश पर तंज, कहा- 'कार्तिकेय कुमार को बर्खास्त करने ही हिम्मत नहीं जुटा सके आप'

पूर्व कानून मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला: दरअसल पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत खारिज होने की मुख्य वजह यह रही कि हाईकोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी. .ये आदेश दिया था कि वह कोर्ट में सरेंडर करें और रेगुलर बेल के लिए आवेदन करें. पूर्व मंत्री जनार्दन राय की मानें तो वह फिर बेल के लिए हाई कोर्ट जाएंगे. वहीं बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि- 'विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी, न्यायालय का जो निर्देश है, उसके अनुसार बिहार पुलिस एक्शन लेगी.'

'बिहार सरकार के विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह मामले में बिहटा थाना कांड संख्या 859/2014 के तहत धारा 363/ 364/365/34 आईपीसी में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह को अभियुक्त श्रेणी में ला दिया है. जिसके तहत 363 में 7 वर्ष 364 में उम्रकैद है और 365 में भी 7 वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है. अगर न्यायालय द्वारा उन्हें दोषी करार दिया जाता है तो उनकी सदस्यता भी खत्म हो सकती है. कानून के तहत किसी भी जनप्रतिनिधि की सजा अगर 2 वर्ष से अधिक होती है तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है, जैसे हाल के दिनों में बाहुबली विधायक अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई है. हालांकि पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह हाई कोर्ट का रुख अपना सकते हैं.' - आलोक चौबे, वकील, पटना हाई कोर्ट

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.