राष्ट्रपति चुनाव 2022 : BJP की सियासी चाल में ऐसे फंस गए नीतीश कुमार!

author img

By

Published : Jun 22, 2022, 7:57 PM IST

सीएम नीतीश कुमार

आगामी राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) के लिए बीजेपी नीत NDA ने द्रौपदी मुर्मू को अपने उम्मीदवार बनाया है. एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu NDA President Candidate) का नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी समर्थन किया है. ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल ये उठ रहे है कि क्या द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जो राजनीतिक चाल चली है, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फंस (Nitish Kumar got caught in BJP political trick) चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर

पटना: सियासत में शह-मात का खेल कोई नई बात नहीं है. राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) की सुगबुगाहट के बाद से ही बिहार में प्रत्याशी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सबकी नजर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर टिकी थी. इस बीच, एनडीए (NDA) ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना कर ऐसी सधी चाल चली की जेडीयू (JDU) के सामने मुर्मू के समर्थन के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा.

ये भी पढ़ें: आंकड़ों से जानिए कैसे राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार है जरूरी, नवीन पटनायक मजबूरी

फैसले से चौंकाते रहे हैं नीतीश कुमार : राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जेडीयू के नेताओं ने नीतीश कुमार को योग्य उम्मीदवार बता चुके थे. बाद में हालांकि नीतीश कुमार ने खुद को इससे किनारा कर लिया था. दरअसल, नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव में अपने निर्णयों से चौंकाते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते पर भी गौर करें, तो विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों दलों के नेता आमने-सामने आते रहे हैं, जिस कारण कहा जाता है कि दोनों के रिश्ते में गांठ पड़ी हुई है. इस कारण लोगों की खास नजर नीतीश पर टिकी हुई थी.

2017 में कोविंद.. 2012 में प्रणव मुखर्जी का समर्थन : साल 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन के हिस्सा थे. तब महागठबंधन की ओर से मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया गया था और एनडीए ने रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा था. नीतीश कुमार की पार्टी ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया था. इससे पहले, 2012 में जब नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे और उस वक्त प्रणब मुखर्जी यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार बने थे तो नीतीश ने बीजेपी से अलग लाइन लेते हुए प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन किया था.

JDU ने भी किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन : इस चुनाव में बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के नाम पर ऐसी चाल चली की, जेडीयू को भी समर्थन देने के लिए विवश होना पड़ा. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा, ''राष्ट्रपति के चुनाव में गरीब परिवार में जन्मी एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिद्धांतत: महिला सशक्तिरण एवं समाज के शोषित वर्गों के प्रति समर्पित रहे हैं. जनता दल (यू) मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत एवं समर्थन करती है.''

CM नीतीश ने बदला अपना ट्रेंड! : CM नीतीश ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर ट्वीट कर लिखा, 'श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है. द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) जी एक आदिवासी महिला हैं. एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है. द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा सरकार में मंत्री तथा इसके पश्चात झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकीं हैं. कल प्रधानमंत्री जी ने बात कर इसकी जानकारी दी थी कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री जी को भी इसके लिए हृदय से धन्यवाद.' फिलहाल, इस बार द्रोपदी मुर्मू का समर्थन कर नीतीश ने अपना ट्रेंड बदल लिया है.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपने फैसले से चौंकाते रहे हैं नीतीश कुमार!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.