महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी हनुमान चालीसा पाठ को लेकर सियासी संग्राम..

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Published : May 9, 2022, 9:22 PM IST

बिहार में हनुमान चालीसा पर सियासत

महाराष्ट्र के बाद बिहार में हनुमान चालीसा पर सियासत (Politics in Bihar over Hanuman Chalisa) शुरू हो गई है. बीजेपी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. जिसके बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ गया. जिसके बाद जदयू ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: बिहार में इन दिनों सियासी पारा सातवें आसमान पर है. पहले दावते इफ्तार को लेकर सियासत हुई और फिर हनुमान चालीसा को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है. पिछले दिनों महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा को लेकर विवाद खड़ा हुआ तो उसकी आंच बिहार में भी पहुंच गई. भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कश्मीरी ब्राह्मणों को लेकर आयोजित कार्यक्रम में 'हनुमान चालीसा का पाठ' किया गया तो विपक्षी खेमे ने बीजेपी पर चौतरफा हमला बोल दिया.

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दरअसल, दावते इफ्तार को लेकर भी बीजेपी नेताओं ने सवाल खड़े किए. पार्टी की ओर से कहा गया कि दावते इफ्तार तुष्टिकरण की राजनीति है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया कि दावते इफ्तार के तर्ज पर फलाहार भी होना चाहिए. इस मामले में जेडीयू ने बीजेपी से किनारा कर लिया है. हनुमान चालीसा पाठ को लेकर जेडीयू का स्टैंड बीजेपी से अलग है.

''हनुमान चालीसा हमारी संस्कृति का हिस्सा है हम कहीं भी और किसी भी समय हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए हनुमान जी हमारे धर्म और संस्कृति का हिस्सा हैं.''- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

''बहुत मेहनत से नीतीश कुमार ने बिहार के अंदर सांप्रदायिक सौहार्द और अमन चैन कायम किया है इसे किसी को भी बिगड़ने का हक नहीं है. धर्म के अनुसार सबको हनुमान चालीसा या नमाज पढ़ने का अधिकार है, लेकिन इसे प्रसारित करने की दरकार नहीं है.''- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

''बीजेपी वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है. पार्टी चाहती है कि लोग बेरोजगारी, महंगाई और गैस की बढ़ती कीमतों पर चर्चा ना करें. इसके लिए हनुमान चालीसा जैसे मुद्दे उठाए जाते हैं. बिहार की संस्कृति सांप्रदायिक सौहार्द की है. हिंदू और मुसलमान एक दूसरे के त्योहार को मिलजुल कर मनाते हैं.''- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

''देश के अंदर ध्रुवीकरण की राजनीति चल रही है और आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव होने हैं. राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से वोट बैंक को साधने के लिए मुद्दों की राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी का स्टैंड उसी का हिस्सा है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

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सियासी दलों में ठनी: बता दें कि बीजेपी और एबीवीपी के पदाधिकारियों ने पटना में अपने एक कार्यक्रम के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ किया था, जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निर्णायक राजनीति करने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए दावा किया कि बिहार में कई कश्मीर उभरे हैं. किशनगंज और बिहार के अन्य सीमावर्ती इलाकों जैसे जिलों में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया जा सकता है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बखौल ने बिहार के सीएम पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया. बचौल ने यह टिप्पणी हाल ही में कांग्रेस और जदयू दोनों द्वारा की गई इफ्तार पार्टी के संदर्भ में की थी.

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