पटना में कहां-कहां विराजेंगी बाजरा, ज्वार, कॉर्नफ्लेक्स, पापड़ और लिपस्टिक से बनीं मां दुर्गा की प्रतिमाएं, जानिये

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Published : Oct 1, 2022, 8:43 PM IST

इको फ्रेंडली मूर्तियां,

पटना के दो भाइयों ने इस साल नवरात्र में कुछ हट कर प्रतिमाएं तैयार की हैं. दाेनों भाइयों ने पांच तरह की मां की प्रतिमाएं तैयार की हैं. इसमें उन दोनों ने बाजरा, ज्वार, कॉर्नफ्लेक्स, पापड़ और लिपस्टिक की प्रतिमाएं तैयार की हैं. विस्तार से पढ़िये कैसे इन प्रतिमाओं काे तैयार किया गया (eco friendly idol in patna).

पटना: राजधानी पटना में दो मूर्तिकार भाइयों की जोड़ी इस बार कुछ अलग हटके मां दुर्गा की मूर्तियां तैयार की हैं. जितेंद्र कुमार और चंदन कुमार दोनों भाइयों ने पांच तरह के माता रानी की मूर्ति तैयार की हैं. इनकी खासियत यह है कि इनमें मिट्टी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. मूर्ति गेहूं और मकई के चिप्स यानी कि कॉर्न फ्लेक्स से बनी हैं, तो कोई मूर्ति विभिन्न प्रकार के पापड़ और तिलौरी से तैयार की गई है. एक मूर्ति बाजरा के दानों से तैयार की गई है. ज्वार के दाने से भी मूर्ति तैयार बनाई. एक मूर्ति तो पांच हजार विभिन्न रंग की लिपस्टिक का इस्तेमाल करके तैयार की गई है.(eco friendly idol in patna)

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पटना में इको फ्रेंडली मूर्तियां.

यहां लगेंगी ये मूर्तियांः शनिवार शाम से पटना के विभिन्न क्षेत्रों में ये मूर्तियां भेजी जाएंगी. गेहूं और मकई के चिप्स की मूर्ति पटना के न्यू आर्य एथलेटिक क्लब में लगाई जाएगी. मिक्स पापड़ की मूर्ति मुसल्लहपुर के जय हिंद क्लब में बैठायी जाएगी. ज्वार की मूर्ति भंवर पोखर स्थित इंडियन क्लब काे भेजी गयी है.बाजरा की मूर्ति एकता क्लब बायपास में रखी जाएगी. लिपस्टिक की मूर्ति एएमबीसी क्लब अमरूदी मोहल्ला में देखी जा सकती है.

इको फ्रेंडली हैं ये मूर्तियांः मूर्तिकार जितेंद्र जो दोनों भाइयों में बड़े हैं, ने बताया कि इस बार उन्होंने जो मूर्ति बनाई है वह पूरी तरह इको फ्रेंडली है. उसमें अनाज का इस्तेमाल किया गया है (durga statue made of millet). उन्होंने बताया कि मूर्ति को आकार देने के लिए गीले पेपर और पुआल का इस्तेमाल किया गया है. अलग-अलग अनाज से अलग-अलग मूर्तियां बनाई गई हैं. कोई मूर्ति गेहूं और मक्का के चिप्स से बनी है तो कोई मूर्ति साबूदाना और अन्य प्रकार के पापड़ तिलौरी से बनी है. उन्होंने बताया कि लगभग 20 दिन लग जाते हैं मूर्तियों को आकार देने में. मूर्ति किस से बनायी जाएगी इसको लेकर लंबा रिसर्च चलता है. जितेंद्र ने बताया कि यूट्यूब पर अलग-अलग प्रकार की मूर्तियों के निर्माण का वीडियो देखते हैं और इससे भी काफी कुछ सीखा है.

इको फ्रेंडली मूर्ति.
इको फ्रेंडली मूर्ति.

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ऐसे रखी जाएगी लिपिस्टिक से बनी प्रतिमाः चंदन ने बताया कि वह विभिन्न रंग के लिपिस्टिक का इस्तेमाल कर इस बार लिपस्टिक की मूर्ति तैयार की है (durga statue made of lipstick). 5000 लिपस्टिक का मूर्ति बनाने के लिए उन्होंने प्रयोग किया है. माता का चेहरा से लेकर साड़ी का डिजाइन सब कुछ लिपस्टिक से तैयार किया गया है. इस मूर्ति को बनाने का काम सबसे लास्ट में शुरू किया गया क्योंकि इसमें लिपस्टिक के गलने की आशंका रहती है. यह मूर्ति जहां स्थापित होगी वहां पंडाल में कूलर रहेगा जो मूर्ति को ठंडा रखेगा ताकि लिपस्टिक गल कर बह ना जाए.

इको फ्रेंडली मूर्ति.
इको फ्रेंडली मूर्ति.

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विसर्जन के बाद तुरंत गल जाएगीः चंदन ने बताया कि अनाज से भी वे लोग मूर्तियां बना रहे हैं. एक मूर्ति को बनाने में 12 हजार से 20 हजार तक लगते हैं. बाजार में यह मूर्तियां 15 हजार से 20 हजार तक में बिकती हैं. स्पेशल आर्डर मिलने के बाद ही वह लोग इस प्रकार की मूर्तियां तैयार करते हैं. 10 वर्षों से पटना में मूर्ति निर्माण करते आ रहे हैं. ऐसे में जो पूजा पंडाल वाले कुछ अलग किस्म की मूर्तियां रखना चाहते हैं वह उन्हें अप्रोच करते हैं और फिर मूर्ति बनाने का काम शुरू होता है. इस बार दोनों भाइयों ने पांच मूर्तियां बनायी है. सभी मूर्तियां इको फ्रेंडली हैं. पानी में डालने के 10 से 15 मिनट के अंदर पूरी तरह गल जाएगी.

इको फ्रेंडली मूर्ति.
इको फ्रेंडली मूर्ति.
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