ADJ अविनाश कुमार से मारपीट मामला: पुलिस के रवैये से HC नाराज, CID को सौंपा जांच का जिम्मा

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Published : Dec 1, 2021, 12:32 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 1:47 PM IST

Patna High Court

झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार से मारपीट (Jhanjharpur ADJ Avinash Kumar assault case) मामले में पटना हाईकोर्ट ने कठोर रुख अख्तियार किया है. जस्टिस राजन गुप्ता (Justice Rajan Gupta of Patna High Court) की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा दिया.

पटना: बिहार के मधुबनी में झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार से मारपीट मामले (Jhanjharpur ADJ Avinash Kumar assault case) की जांच का जिम्मा पटना हाईकोर्ट ने सीआईडी को सौंपा है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता (Justice Rajan Gupta of Patna High Court) के खंडपीठ ने बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी (High court angry with Bihar Police) जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि मधुबनी के एसपी को क्यों नहीं स्थानांतरित किया गया. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या पुलिस अधिकारी मनमानी कार्रवाई करेंगे.

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कोर्ट ने सीआईडी को जांच का जिम्मा सौपा (CID will investigate ADJ Avinash Kumar assault case) और कहा कि इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. साथ ही इस मामले की निगरानी सीआईडी के एडीजी खुद करेंगे. कोर्ट ने अगली सुनवाई मे जांच का पूरा ब्योरा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश सीआईडी को दिया है. कोर्ट ने इस मामले मे सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. साथ ही कोर्ट मास्टर को आज ही इस मामले से सम्बन्धित कागजात समेत कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट उन्हें देने का आदेश दिया है.

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चेम्बर में कैसे प्रवेश किया? कोर्ट ने इस मामले में सहयोग करने हेतु एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का निर्णय लिया था. आज वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अनुसंधान करने में सक्षम है. एडवोकेट जनरल ने कहा कि यदि चाहे तो कोर्ट सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है.

उल्लेखनीय है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया है. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था. इस घटना के संबंध में मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी.

जिला जज, मधुबनी के द्वारा भेजे रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चेम्बर में जबरन घुसकर गाली दी थी. उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार किया था और हाथापाई की थी. इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उन पर हमला किया और मारपीट भी की थी. पुलिस अधिकारियों ने सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा था. कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहने से छूट दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसम्बर 2021 को होगी.

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Last Updated :Dec 1, 2021, 1:47 PM IST
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