पटना HC के सरकार से पूछा- कब तक बिहार में ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना होगी

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Published : Jul 4, 2022, 5:47 PM IST

Patna High Court File Photo

बिहार में ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना को लेकर हो रही देरी पर पटना हाईकोर्ट ने एक जनहित की सुनवाई में राज्य सरकार से जवाब मांग है. बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की पीआईएल पर कोर्ट में सुनवाई हुई. पढ़ें पूरी खबर..

पटनाः बिहार में ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Tribal Research Institute In Bihar) को अबतक तक स्थापित नहीं किये जाने को पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए (Hearing In Patna High Court) राज्य सरकार से सवाल जवाब मांगा है कि कब तक ये स्थापित होगा. जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने की. ये जनहित याचिका बिहार आदिवासी अधिकार फोरम (Bihar Tribal Rights Forum) की ओर से दायर किया गया है. ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट वास्तव में आदिवासी विकास, उनकी संस्कृति और विरासत व योजना और कानून बनाने के लिए आधार उपलब्ध कराता है. इस बारे में सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इसके लिए कार्रवाई कर रही है.

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कोर्ट को बताया, क्या हो रही इंस्टीट्यूट के लिए तैयारीः सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 30 जून 2022 को बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे. एससी/एसटी कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया गया कि वे शीघ्र ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के स्वीकृत की व्यवस्था करें. साथ ही भवन निर्माण विभाग के सचिव को केंद्र सरकार योजना के अंतर्गत नए भवन और परिसर नहीं मिलने तक ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के लिए भवन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. इंस्टीट्यूट के लिए तत्काल भवन की तीस दिनों के भीतर करने के लिए निर्देशित किया गया है.


केंद्र को प्रस्ताव भेजने के लिए 90 दिन समय की मांगः सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने बताया कि ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट निर्माण के लिए वैकल्पिक भूमि की तलाश की जा रही है, जिसमें ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के लिए म्यूजियम, मेमोरियल, कॉन्फ्रेंस हॉल सहित अन्य सारी व्यवस्था होगी. इसका प्रस्ताव बना कर केंद्र को भेजने के लिए कोर्ट से 90 दिनों का समय मांगा है.

अगली सुनवाई इसी माह होगीः सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि क्या ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर सकते हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया. इस मामलें पर आगे की सुनवाई इस माह में की जाएगी.

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