मुजफ्फरपुर में मुंहबोले मामा ने भांजे को किया अगवा फिर मांगी 30 लाख की फिरौती

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Published : May 14, 2022, 11:06 PM IST

Updated : May 15, 2022, 6:05 AM IST

बच्चा सकुशल बरामद

मुजफ्फरपुर में अपहरणकर्ताओं से पुलिस ने बच्चे को छुड़ा (Police Rescues Child From Kidnappers in Muzaffarpur) लिया है. रुपए लेने के बाद भी किडनैपर बच्चे की हत्या करने या गायब करने के फिराक में थे. अपहरणकर्ता मुंहबोला मामा बताया जा रहा है. पीड़ित पिता ने बताया कि आरोपी सरोज उनके साला विजय का दोस्त है. पहले विजय के साथ वह घर पर अक्सर आता था. जिससे उसकी जान पहचान हो गयी थी. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चे का अपहरण (Child Kidnapping in Muzaffarpur) करने का मामला सामने आया है. अहियापुर थाना इलाके के शेखपुर ढाव से मुंहबोले मामा ने ट्रेवल एजेंसी संचालक राजीव कुमार के पुत्र रॉकी का अपहरण कर लिया और कॉल कर तीस लाख रुपए की फिरौती मांगी. रुपये नहीं देने पर बच्चे की हत्या की भी धमकी दी गयी थी. अपहरणकर्ताओं ने धमकी दी थी कि अगर पुलिस को सूचना दी तो रॉकी की हत्या कर दी जाएगी. पैसों का फौरन इंतजाम करने को कहा गया था जिसके बाद राजीव ने काफी सोच-विचार के बाद अहियापुर थाना में शिकायत दर्ज कराई.

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मुंहबोला मामा ही निकला अपहरणकर्ता: मामला एसएसपी जयंतकांत तक पहुंचा जिसके बाद उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 सदस्यीय टीम गठित कर दी. जिसका नेतृत्व टाउन डीएसपी रामनरेश पासवान कर रहे थे. इनके साथ-साथ एसएसपी की विशेष टीम, डीआईओ और एसआईटी शामिल थी. पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करने के साथ फिरौती की रकम को भी बरामद कर लिया है. आरोपी सरोज मुंहबोला मामा बताया जा रहा है.

लोकेशन बदल कर रहे थे गुमराह: अपहरणकर्ताओं के मोबाइल का लोकेशन बार-बार बदल रहा था. पुलिस जब लोकेशन पर पहुंचती तो मोबाइल स्विच ऑफ हो जाता था. इससे पुलिस को परेशानी होने लगी. लेकिन किसी तरह पुलिस ने छपरा से पुलिस की विशेष टीम ने उसे दबोच लिया और फिर उसकी निशानदेही पर बच्चे को वहीं से सकुशल बरामद किया गया. आरोपियों की पहचान सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज के सरोज कुमार और गोपालगंज महुआ के रवि कुमार के रूप में हुई है.

बच्चा सकुशल बरामद: सरोज मुंहबोला मामा बताया गया है. पीड़ित राजीव ने बताया कि आरोपी सरोज उनके साला विजय का दोस्त है. पहले विजय के साथ वह घर पर अक्सर आता था. जिससे उसकी जान पहचान हो गयी थी. 2018 में उनके साले विजय की मौत हो गयी थी. फिर भी सरोज कभी-कभी उनके घर आता जाता था. रॉकी से वह काफी घुल मिल गया था. वह उसे मामा बुलाता था. सरोज भी उसे सगे भांजे की तरह प्यार करता था. उसके लिए कभी चॉकलेट तो कभी गिफ्ट्स लेकर आता था. लेकिन क्या पता था कि उसकी नीयत में खोट है. वह बस सही मौके की तलाश में था.

'रुपए लेने के बाद भी ये लोग बच्चे की हत्या कर देते या गायब करने की फिराक में थे. अपहरणकर्ताओं ने कहा कि रॉकी ने उसे पहचान लिया था. अगर उसे छोड़ देते तो वह सबकुछ सच बता देता. वे दोनों पकड़े जाते. इसी बात को छुपाने के लिए रुपए लेने के बाद उसकी हत्या करने की प्लानिंग थी. टीम के सभी सदस्यों ने बेहतरीन कार्य किया है. इसके लिए सभी को सम्मानित किया जाएगा.' - जयंतकांत, एसएसपी
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नोट- आपके शहर या क्षेत्र में कोई अपराध या हादसे की सूचना मिलती है, तो आप इसकी जानकारी इस नंबर 1860 345 6999 पर दे सकते हैं.

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Last Updated :May 15, 2022, 6:05 AM IST
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