आजादी के 75 साल बाद पहली बार गांव के युवक को मिली सरकारी नौकरी, जश्न

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Published : Sep 26, 2022, 10:33 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 6:49 PM IST

साेहागपुर में आजादी के बाद पहली बार सरकारी नौकरी

मुजफ्फरपुर के सोहागपुर गांव में पहली बार किसी युवक की सरकारी सेवा में बहाली हुई है. लगभग दो हजार की आबादी वाले इस गांव में आजादी के बाद से अबतक किसी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी. गांव के सभी लोग काफी खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि राकेश से प्रेरणा लेकर उनके बच्चे भी बेहतर करेंगे.(First time government job in Muzaffarpur Sohagpur)

मुजफ्फरपुर: जिले के कटरा प्रखंड के सोहागपुर गांव में आजादी के 75 साल बाद पहली बार किसी युवक को सरकारी नौकरी मिली है (First time government job in Muzaffarpur Sohagpur). इसे लेकर ग्रामीणों में काफी खुशी है. पूरे गांव में आज तक किसी काे सरकारी नौकरी नहीं मिली थी. गांव के युवक राकेश कुमार ने इस मिथक को तोड़ कर अब सरकारी शिक्षक बन गए हैं. राकेश की नियुक्ति जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हुई है. आठ सितंबर काे नियुक्ति पत्र मिला है. वे अब बच्चों को शिक्षा देंगे.

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आजादी के 75 साल बाद गांव में पहली सरकारी नौकरी की खुशी

साेहागपुर गांव में पहली बार लगी सरकारी नौकरी: यह गांव लगभग दो हजार लोगों की आबादी वाला है. आज तक किसी को सरकारी सेवक बनने में सफलता नहीं मिली थी. गांव के राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने अपनी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत मुकाम हासिल कर दिखाया. गांव में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद दरभंगा यूनिवर्सिटी से एमकॉम किया. उसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की. जिसके बाद बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई, जिसमें उसे सफलता हासिल की.

''आजादी के बाद पहली बार गांव को सौभाग्य मिला कि राकेश कुमार जैसा युवा गांव में सरकारी नौकरी में नियुक्त हुआ. गांव की आबादी 2000 के लगभग है लेकिन शिक्षा का प्रतिशत 60 प्रतिशत से भी नीचे हैं. राकेश से गांव के अन्य युवाओं को सीखना चाहिए. गांव में आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा मार्गदर्शन मिलेगा''- संजीत कुमार चौधरी, ग्रामीण

राकेश ने बताया कि काफी संघर्ष करना पड़ा. पिता की मौत के बाद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की. उसके बाद परीक्षा की तैयारी करनी शुरू की. राकेश की सफलता की बात सुनकर स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं. गांव वालों का कहना है कि गांव का यह पहला लड़का है जो अपनी मेहनत और लगन की बदौलत आजादी के 75 साल बाद नौकरी हासिल की है. अपने गांव का नाम रोशन किया है. गांव के युवा और बच्चों को राकेश से सीख लेने की जरूरत है. सच्ची लगन और मेहनत से पढ़ाई करने पर सफलता मिलती है.

"हमारे गांव में लगभग 2000 लोगों की आबादी है लेकिन आज तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली. मैंने गांव में ही पढ़ाई की. बाद में दरभंगा यूनिवर्सिटी से एम. कॉम किया और उसके बाद राजस्थान से बीएड की परीक्षा पास की. जिसके बाद बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई और उसमें मैं सफल रहा. पिताजी की मृत्यु के बाद ट्यूशन पढ़ाकर पढ़ाई और तैयारी की"- राकेश कुमार, नवनियुक्त शिक्षक

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Last Updated :Sep 27, 2022, 6:49 PM IST

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