गया में पिंडदान को लेकर तैयारियां पूरी, कोरोना काल में जान लें नए नियम

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Published : Sep 18, 2021, 10:28 PM IST

गया

पितृपक्ष (Pitrapaksha) के दौरान गया (Gaya) में पिंडदानियों के लिए जिला प्रशासन और विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. अब पिंडदानी कोविड-19 का गाइडलाइंस का पालन करते हुए पिंडदान कर सकते हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

गया: बिहार सरकार (Bihar Government) ने गया (Gaya) में पितृपक्ष (Pitrapaksha) में लगने वाले राजकीय मेले पर इस साल कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण रोक लगा दी है. लेकिन, पितृपक्ष में पिंडदानियों के आने पर कोई भी मनाही नहीं है. पिंडदानी जिला प्रशासन की कोविड-19 का गाइडलाइंस का पालन करते हुए गयाजी में पिंडदान कर सकते हैं.

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गया जी पितृपक्ष का पिंडदान 20 सितंबर से शुरू होगा. पितृपक्ष के दौरान गया में आने वाले पिंडदानियों के लिए जिला प्रशासन और विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति ने अपने स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.

दरअसल, गया में पितृपक्ष के दौरान हर साल राजकीय मेले का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण मेले का आयोजन नहीं किया गया है. इस साल पितृपक्ष के दौरान पिंडदानी गया जी में आकर पिंडदान कर सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्पष्ट आदेश के बाद जिला प्रशासन ने पितृपक्ष के दौरान आने वाले पिंडदानियों के लिए स्वास्थ्य, टीकाकरण, स्वच्छता, यातायात और विधि व्यवस्था की तैयारी की जा रही है.

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वहीं, विष्णुपद मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति धूप और बरसात से बचने के लिए जगह-जगह पिंडदान करने के लिए वाटरप्रूफ टेंट बना रही है. विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभूलाल बिठल ने बताया कि 20 सितंबर से शुरू होने वाले पिंडदान को लेकर समिति ने अपने स्तर से तैयारी कर ली है.

दो साल से कोविड काल होने के बावजूद मन्दिर कई माह तक बन्द रहा फिर भी समिति अपने सीमित संसाधन से पिंडदानियों को सुविधा देने के लिए तैयार हैं. हम लोग मन्दिर, देवघाट, मन्दिर परिसर में पर्याप्त संख्या में टेंट लगवा रहे हैं, ताकि लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करके पिंडदान कर सकें. मंदिर के गर्भगृह से लेकर पूरे परिसर की सफाई और सैनिटाइजेशन समय-समय पर होते रहेगा. वहीं, मन्दिर में मास्क पहनने वाले लोगों को ही प्रवेश करने दिया जाएगा.

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वहीं, जिला प्रशासन ने कोविड टीकाकरण, स्वास्थ्य व्यवस्था, विधि व्यवस्था और यातायात व्यवस्था के लिए तैयारी पूरी कर ली है. जिला प्रशासन इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जिसके जरिये लोगों की सहायता की जाएगी.

''राज्य सरकार के आदेशानुसार राजकीय मेला का आयोजन नहीं किया गया है. लेकिन तीर्थयात्रियों को सुविधाएं दी जाएगी. उन्हें बुनियादी सुविधाओं के साथ सुरक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा दी जाएगी. इस साल राज्य सरकार और जिला प्रशासन लोगों से अपील कर रही है कि आप पितृपक्ष के दौरान गया नही आएंगे. जो यात्री आएंगे उनकी ये निजी यात्रा रहेगी. पितृपक्ष के दौरान विष्णुपद और देवघाट पर काफी भीड़ लगती है. इन दोनों जगह पर सबसे ज्यादा पिंडदान किया जाता है.''- राजीव रौशन, एडिशनल एसडीओ, गया सदर

गया नगर निगम ने सबसे ज्यादा पिंडदान करने वाले जगह पर स्वच्छता के लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है. गया नगर निगम के नगर आयुक्त सावन कुमार ने बताया कि विष्णुपद मंदिर परिसर, देवघाट, फल्गु नदी, सीताकुंड और अक्षयवट में सबसे ज्यादा पिंडदान किया जाता है. इन स्थानों पर सफाई व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए 250 सफाईकर्मियों को तीन शिफ्ट तैनात किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है.

बता दें कि जिला प्रशासन के अलावा गया जंक्शन और बस स्टैंड पर भी पिंडदानी के लिए व्यवस्था रहेगी. गया जंक्शन पर कोविड प्रभावित क्षेत्र से आने वाले पिंडदानियों का कोविड टेस्ट किया जाएगा. इसके अलावा पिंडदानियों के लिये हेल्प डेस्क रहेगा. जहां से पिंडदानी विभिन्न रेल रूट के लिए ट्रेन की जानकारी ले सकते हैं. गया जंक्शन पर पिंडदानियों के सुरक्षा के लिए हर ट्रेन के आगमन पर पुलिस बल की तैनाती होगी, जिससे उन्हें किसी तरह की समस्या ना हो.

वहीं, गया शहर स्थित सरकारी बस स्टैंड पर सभी रूटों के लिए बस चालू कर दी गयी है. इसके अलावा गया जंक्शन से विष्णुपद और बोधगया के लिए अधिक बसें चलायी जाएगी. गया-रांची और गया-पटना रूट के लिए बसों की संख्या बढ़ायी जाएगी. पूर्व में जिला प्रशासन गया जंक्शन और सरकारी बस स्टैंड से पिंडदानियों के लिए विष्णुपद और अन्य पिंडवेदी जाने के लिए निःशुल्क बस की व्यवस्था करती थी, लेकिन इस पितृपक्ष में बसों की व्यवस्था नहीं की गई है.

गया एयरपोर्ट पर अभी दिल्ली और बनारस के लिए उड़ानें शुरू नहीं हुई है. गया एयरपोर्ट पर अभी व्यवस्था नहीं की गई है. पितृपक्ष के दौरान गया आने वाले पिंडदानियों के लिये जिला प्रशासन ने गाइडलाइंस जारी की है.

  • राज्य के अंदर और बिहार राज्य के बाहर एवं अन्य देशों के श्रद्धालुओं और खासकर बुजुर्गों से अनुरोध किया जाता है, गया में पिंडदान करने नहीं आए.
  • लोगों को बड़े ग्रुप/समूह में आने पर प्रतिबंध रहेगा.
  • बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना जांच जरूरी होगी. कोरोना का टीका लिया गया है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी.
  • कोरोना जांच के दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो गया में दस दिन आइसोलेटेड रहना पड़ेगा.
  • पितृपक्ष हेतु कोई राजकीय और सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा.
  • गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना से बचाव और सुरक्षा से संबंधित दिशा निर्देश के आलोक में सीमित संख्या में लोग पिंडदान कर सकेंगे. पंडा और पुजारी कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाएंगे.
  • इस साल ना ही पिंडदानियों के लिए अतिरिक्त आवासन, निजी भवन और विद्यालयों की व्यवस्था नहीं की जा रही है और पिंडदानी के लिए कोई अन्य विशेष व्यवस्था, परिवहन की व्यवस्था नहीं की जाएगी.
  • जिला प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए एक कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है, कंट्रोल रूम का नम्बर (0631) 2222253, 2222259 है.
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