वीरेन्द्र पासवान के हत्यारों को कलश विसर्जन से पहले ही जम्मू में सेना ने किया ढेर, बेटा बोला- पूरा हुआ बदला

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Published : Oct 12, 2021, 8:27 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 10:58 PM IST

भागलपुर

श्रीनगर में हुए आतंकी हमले (Terrorists Attack) में भागलपुर के वीरेंद्र पासवान (Virendra Paswan) की गोली लगने से मौत हो गई थी. मंगलवार को उनके अस्थि कलश को लेकर वीरेंद्र पासवान के छोटे भाई बीरेंदर पासवान श्रीनगर से सीधे भागलपुर के बरारी घाट पहुंचे. जहां उनकी अस्थियां विसर्जित की गई. पढ़ें रिपोर्ट..

भागलपुर: 5 अक्टूबर को श्रीनगर में हुए आतंकी हमले (Terrorists Attack) में भागलपुर के जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान (Terrorists Attack) की मौत हो गई थी. उनके पार्थिव शरीर का श्रीनगर में दाह संस्कार किया गया था. वीरेंद्र को मुखाग्नि उनके छोटे भाई बीरेंदर ने दी थी. मंगलवार को उनके अस्थि कलश को लेकर वीरेंद्र पासवान के छोटे भाई बीरेंदर पासवान श्रीनगर से सीधे भागलपुर के बरारी घाट पहुंचे. जहां वीरेंद्र पासवान के बेटे विक्रम पासवान और बीरेंदर पासवान ने मिलकर अस्तित्व को विसर्जित किया.

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बता दें कि वीरेंद्र पासवान को आतंकवादियों ने 5 अक्टूबर की शाम करीब 7:30 बजे उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वीरेंद्र पासवान अपना ठेला लेकर घर लौट रहे थे. गोली लगते ही वीरेंद्र पासवान की मौके पर ही मौत हो गई थी. वीरेंद्र पासवान 2 साल से श्रीनगर में ही रहकर रोजी रोटी कमा रहे थे.

देखें रिपोर्ट

वीरेंद्र पासवान के छोटे भाई ने बताया कि वीरेंद्र श्रीनगर के लाल बाजार में गोलगप्पे और भेलपुरी बेचते थे. वहीं, कुछ ही दूरी पर हम भी ठेले पर गोलगप्पे और भेलपुरी बेचते थे. मेरा भाई रोज 1 बजे लाल बाजार में ठेला लगाता था. शाम के 7 बजे तक ठेला लगाने के बाद वह लौट जाते थे. उस दिन थोड़ी देर हुई और घर पहुंचने से कुछ ही दूरी पर उन्हें गोली मार दी.

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एक कश्मीरी ने आकर बताया कि उनके भाई को गोली मार दी तो विश्वास नहीं हुआ लेकिन, थोड़ी देर बाद दूसरे कश्मीरी व्यक्ति ने आकर बताया कि तुम्हारे भाई को गोली मार दी है. जिसके बाद हम वहां पहुंचे तो भाई को लेकर पुलिस अस्पताल चली गई थी. अस्पताल गए तो भाई का शव पड़ा हुआ था. पुलिस ने शव को वहां से उठाकर मेरे सामने शव गृह में रख दिया. जिसके बाद दूसरे दिन हमें शव को दिया और हमने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया.

वीरेंद्र पासवान का बेटा विक्रम पासवान ने बताया कि सुनकर बहुत अच्छा लगा के पिताजी के अस्थि कलश को विसर्जित करने से पहले ही पिताजी के हत्यारे आतंकी को भारतीय सैनिकों ने मार गिराया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय सैनिक और भारत सरकार का बहुत धन्यवाद करते हैं.

बता दें कि जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान 2 साल से श्रीनगर में किराए के मकान पर रहता था, जबकि उनका भाई बीरेंदर एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर आलमगीर बाजार में रहता था. बीरेंदर 10 साल से अधिक वक्त से वहां रोजी रोटी कमाता है, जबकि वीरेंद्र पासवान 2 साल पहले ही गया था.


Last Updated :Oct 12, 2021, 10:58 PM IST
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