भागलपुर: पूर्व मुखिया की हत्या मामले में 3 दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

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Published : Dec 16, 2021, 1:38 PM IST

भागलपुर में हत्या मामले में दोषियों को उम्रकैद की सजा

भागलपुर के नवगछिया (Naugachia Civil Court) व्यवहार न्यायालय ने इस्माइलपुर भिट्ठा के पूर्व मुखिया महेश मंडल की हत्या मामले में 3 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और आर्थिक दंड भी लगाया है. पढ़िए पूरी खबर...

भागलपुर (नवगछिया): बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में इस्माइलपुर भिट्ठा के पूर्व (Murder of Former Mukhiya)मुखिया की हत्या मामले में नवगछिया सिविल कोर्ट ने 3 दोषियों को (Life Imprisonment for 3 Convicts) आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. नवगछिया सिविल कोर्ट (Naugachia Civil Court) के प्रथम एडीजे ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है, और जुर्माना भी लगाया है.

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नवगछिया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम नरेंद्र पाल सिंह ने पूर्व मुखिया की हत्या मामले में 3 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. इस्माइलपुर निवासी ज्योति मंडल, सुभाष उर्फ सुखरा उर्फ सुबोध मंडल, मेघल टोला निवासी प्रमोद मंडल को हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली है.

दरअसल, घटना छह अगस्त वर्ष 2009 की है, जब इस्माइलपुर भिट्ठा पंचायत के पूर्व मुखिया महेश मंडल को अपराधियों ने इस्माइलपुर गंगा घाट के पश्चिम केलाबाड़ी पगडंडी के नाला के पास गोली मारकर हत्या कर दिया था. हत्या की प्राथमिकी मुखिया के पार्टनर धनंजय मंडल के बयान पर दर्ज किया गया था. जिसमें इस्माइलपुर निवासी ज्योति मंडल, सुबोध मंडल, मेघल टोला निवासी प्रमोद मंडल को नामजद आरोपित बनाया गया था. घटना का कारण जलकर विवाद बताया गया था.

भागलपुर में हत्या मामले में दोषियों को उम्रकैद

अपर जिला सत्र न्यायालय प्रथम एसटी संख्या 213-10 के तहत मामले की सुनवाई हुई. अभियोजन पक्ष से 9 लोगों की सुनवाई हुई. जिसमें तीन स्वतंत्र गवाह, चिकित्सक और अनुसंधानकर्ता ने अभियोजन पक्ष का समर्थन किया. वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों पर दोष सिद्ध किया गया. न्यायालय द्वारा धारा 302/34भादवि के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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कोर्ट ने मामले में दोषियों पर 20-20 हजार रूपये का अर्थ दंड भी लगाया गया है. आर्म्स एक्ट में पांच वर्ष की सजा और 10 हजार रूपया जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं, जुर्माना नहीं देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई जायेगी. सरकार की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी रविंद्र पासवान ने बहस में हिस्सा लिया है.

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