वैश्विक नवाचार सूचकांक-2021 में भारत को 46वां स्थान प्राप्त हुआ

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Published : Sep 21, 2021, 7:15 AM IST

Innovation

जीआईआई की रैंकिंग में लगातार सुधार करते हुए भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 रैंकिंग में 46 वें स्थान पर आ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

नई दिल्ली : विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 रैंकिंग में भारत 2 स्थान ऊपर 46 वें स्थान पर आ गया है. भारत पिछले कई वर्षों में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) की रैंकिंग में लगातार सुधार कर रहा है.

भारत इस रैंकिंग में 2015 में 81 से 2021 में 46 स्थान पर आ गया है. कोविड महामारी के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में नवाचार सबसे आगे रहा है, और यह देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा, जैसा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत आह्वान में निहित है.

विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम और सार्वजनिक तथा निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत काम के कारण जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है. परमाणु ऊर्जा विभाग; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग; जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक विभागों ने राष्ट्रीय नवाचार ईकोसिस्टम को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

नीति आयोग विभिन्न क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि में नीति नेतृत्व में नवाचार लाने हेतु राष्ट्रीय प्रयासों को अनुकूल सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. भारत नवाचार सूचकांक, का नवीनतम संस्करण है, जिसे पिछले साल नीति आयोग द्वारा जारी किया गया था, जिसे भारत के सभी राज्यों में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। नीति आयोग द्वारा वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की निगरानी और मूल्यांकन पर निरंतर जोर दिया गया है, जिसमें जीआईआई भी शामिल है.

जैसे-जैसे हम जीवन और आजीविका को बचाने और राष्ट्रीय आर्थिक विकास प्रक्षेपवक्र को आकार देने की दिशा में आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे ही जीआईआई-2021 सभी देशों के लिए उनकी नवाचार क्षमताओं और तत्परता का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु होगा, जो आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने में एक लंबी दूरी तय करेगा.

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वैश्विक नवाचार सूचकांक, दुनिया भर की सरकारों के लिए अपने-अपने देशों में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने का आधार है. पिछले कुछ वर्षों में, वैश्विक नवाचार सूचकांक ने खुद को विभिन्न सरकारों के लिए एक नीति उपकरण के रूप में स्थापित किया है और उन्हें मौजूदा स्थिति को प्रदर्शित करने में मदद की है.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भी एक नवाचार संचालित अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा के पथ प्रदर्शक के रूप में आगे बढ़ रहा है. इस वर्ष, नीति आयोग, सीआईआई और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के साथ साझेदारी में, 21-22 सितंबर, 2021 के दौरान वर्चुअल माध्यम से वैश्विक नवाचार कॉन्क्लेव की मेजबानी कर रहा है.

शुभारम्भ सत्र में नीति आयोग के सदस्य, डॉ. वी.के. सारस्वत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. के विजय राघवन, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अमिताभ कांत, डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक, डैरेन टैंग, डॉ. सौमित्र दत्ता, लेखक, जीआईआई और प्रोफेसर, कॉर्नेल विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका; विपिन सोंढ़ी, अध्यक्ष, सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एंड आर एंड डी और इनोवेशन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, अशोक लीलैंड लिमिटेड और चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, सीआईआई सहित कई वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल होंगे.

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