जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव में TMC क्यों ले ही है दिलचस्पी, जबकि बंगाल से अभी वेकेंसी नहीं है

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Published : May 13, 2022, 8:08 PM IST

Rajya Sabha elections

जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर बंगाल में भी गहमागहमी है, हालांकि अभी वहां से सीट अभी रिक्त नहीं हुए है. इसके वावजूद तृणमूल कांग्रेस इसमें विपक्षी एकता के सूत्र तलाशने में जुटी है.

कोलकाता : राष्ट्रपति चुनाव से पहले जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई है. अगले महीने 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों के लिए मतदान होगा. बंगाल से राज्यसभा के लिए अभी कोई सीट खाली नहीं है, मगर तृणमूल कांग्रेस इस चुनाव में विपक्षी एकता का सूत्र तलाश कर रही है. टीएमसी इस चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर इसमें राजनीतिक भविष्य तलाश कर रही है. आंकड़ों के मुताबिक, 10 जून के बाद से राज्यसभा में बीजेपी की सदस्यों की संख्या एक बार फिर 100 के नीचे आ जाएगी. अगर विपक्ष एकजुट होकर अपना कैंडिडेट खड़ा करता है तो बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी दलों के लिए बेहद अहम होने जा रहा है. भाजपा को होने वाले सीटों के नुकसान से विपक्ष को एकजुट करने में मदद मिलेगी

2022 में पश्चिम बंगाल से चुने गए किसी राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल समाप्त नहीं हो रहा है. बंगाल से चुने गए सांसद शांता छेत्री, सुष्मिता देव, प्रदीप भट्टाचार्य, डेरेक ओ ब्रायन का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है. जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव में सर्वाधिक 11 सांसद उत्तर प्रदेश से चुने जाएंगे. तमिलनाडु और महाराष्ट्र से छह-छह सांसदों का चुनाव होगा. बिहार से पांच, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक से चार-चार सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. मध्य प्रदेश-ओडिशा से तीन-तीन, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हरियाणा से दो-दो और उत्तराखंड से एक सदस्य के चुनाव के लिए जून में वोट डाले जाएंगे.

इस चुनाव में 57 सांसद चुने जाएंगे. एक्सपर्टस का मानना है कि कुल नतीजों में इस बार विपक्ष का पलड़ा बीजेपी पर भारी रहेगा. आम आदमी पार्टी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस को मिलने वाली सीटों को मिला दिया जाए तो भाजपा से अधिक होंगी. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इस समय महाराष्ट्र में एक साथ लड़ रहे हैं, इसलिए राजनीतिक बिरादरी को नहीं लगता कि इससे बीजेपी को फायदा होगा. पंजाब की दोनों सीटें भी आम आदमी पार्टी के खाते में ही जाएगी.

बंगाल के लोगों को उम्मीद है कि भले भी अभी राज्यसभा चुनाव में राज्य से वेकेंसी नहीं है, इसके बावजूद एक-दो नेताओं की लॉटरी लग सकती है. राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत दो भाजपा सांसद - रूपा गंगोपाध्याय और स्वप्न दासगुप्ता कार्यकाल समाप्त होने वाला है. इस बात पर अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि भाजपा राज्यसभा में इन दो सीटों को भरने के लिए बंगाल के दो लोगों को चुन सकती है. ऐसे में डोना गांगुली या सौरव गांगुली को उच्च सदन के लिए मनोनीत किया जा सकता है.

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