सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं लिव-इन रिलेशनशिप, जोड़े को सुरक्षा नहीं मिलेगी : हाईकोर्ट

author img

By

Published : May 18, 2021, 7:39 PM IST

high court

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को सुरक्षा दिए जाने के एक और मामले में दायर याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि रिश्ता नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक और प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग को खारिज कर दिया है. जस्टिस एचएस मदान ने सख़्त आदेश देते हुए कहा कि प्रेमी जोड़ा अपने लिव-इन रिलेशनशिप को मंजूर करवाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा है, जबकि उनका रिश्ता नैतिक और सामाजिक तौर पर मंजूर नहीं किया जा सकता. उनको किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी.

प्रेमी जोड़े की तरफ से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि वह एक दूसरे से प्यार करते हैं और साथ रहना चाहते हैं लेकिन उन के माता पिता इस के लिए राज़ी नहीं है. हालांकि दोनों विवाह नहीं करना चाहते और अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील जे एस ठाकुर के अनुसार, सिंह और कुमारी तरनतारन जिले में एक साथ रह रहे हैं.

नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य
बता दें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट लिव इन रिलेशनशिप मामलों को लेकर हमेशा ही सख्त फैसले सुनाती आई है. न्यायमूर्ति एचएस मदान ने अपने 11 मई के आदेश में कहा, 'वास्तव में, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन-रिलेशनशिप पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. तदनुसार याचिका खारिज की जाती है.'

इससे पहले एक अन्य मामले में भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के ही जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने कहा था कि लीव इन रिलेशनशिप कहीं न कहीं कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है. ऐसे रिश्तों को समाज में नैतिक और सामाजिक तौर पर मंजूरी नहीं मिल सकती.

पढ़ें :- हाई कोर्ट में लिव-इन रिलेशनशिप वाले जोड़ों को सुरक्षा की याचिका खारिज

बता दें कि हाल ही में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने एक लिविंग रिलेशनशिप में रहने वाले प्रेमी जोड़े की तरफ से सुरक्षा की मांग के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इससे समाज पर बुरा असर जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.