बेगूसराय गोलीकांड के आरोपियों को सामने लाकर बोली पुलिस- 'दहशत फैलाना था मकसद'

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Published : Sep 16, 2022, 5:32 PM IST

Begusarai Firing Case Etv Bharat

बिहार के बेगूसराय में मंगलवार को हुए गोलीकांड मामले (Begusarai Firing Case) के चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बेगूसराय एसपी योगेंद्र कुमार आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर..

बेगूसराय: बिहार का बेगूसराय मंगलवार को गोलियों की तड़तड़ाहट (Begusarai Firing Case) से दहल उठा था. पूरे मामले को लेकर बेगूसराय पुलिस की खूब फजीहत भी हो रही थी. इसी बीच पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों साइको किलर (Psycho Killer In Begusarai) को धर दबोचा. शुक्रवार को बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार (Begusarai SP Yogendra Kumar) ने चारों दहशतगर्दों को मीडिया के सामने पेश करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी. एसपी ने बताया कि इन अपराधियों दहशत फैलाना मकसद था.

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एसपी ने बेगूसराय गोलीकांड के दोषियों को किया मीडिया के सामने प्रस्तुत: एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि 13 तारीख की हुई गोलीबारी की घटना में शामिल चार अपराधियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है. घटना में प्रयुक्त दो देसी पिस्तौल को 5 कारतूस के साथ जब्त किया गया है. घटना में इस्तेमाल की गई एक मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया गया है. अपराधियों ने जो कपड़े थे उसे भी पुलिस ने बरामद किया है.

"सूत्रों से जो जानकारी मिली थी और फोटो से मिलान के आधार पर चारों अपराधियों को पकड़ा गया है. सबसे पहले युवराज को चिन्ह्रित किया गया था. उसकी गिरफ्तारी की गई. युवराज ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया था. उसने बताया कि उसके बाइक के पीछे बैठा लड़का सुमित है. साथ ही उसने बताया कि घटना के दिन उसने जो पीले रंग की टी शर्ट पहनी थी वह सुमित के घर पर है. टीम ने सुमित के घर छापा मारा और टी शर्ट को बरामद किया."- योगेंद्र कुमार, एसपी,बेगूसराय

बेगूसराय एसपी की प्रेस कांफ्रेस.

'घटना के दिन पहने गए कपड़े बरामद': युवराज की निशानदेही पर सुमित को अरेस्ट किया गया. घटना में इस्तेमाल दो देसी कट्टा बरामद कर लिया गया है. दूसरी मोटरसाइकिल की तलाश जारी है. इस घटना की साजिश रचने में चुनचुन और केशव नागा शामिल थे. सभी पहले से और घटना के समय सभी फोन से एक दूसरे के संपर्क में थे. नागा को जमुई के झाझा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया. चुनचुन पर कुल 6 संगीन मामले दर्ज हैं. केशव उर्फ नागा पर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है. घटना का मकसद क्षेत्र में दहशत फैलाना था.

'6 जिलों से मिला पूरा सहयोग': योगेंद्र कुमार ने बताया कि अपराधियों के चार मोबाइल फोन को भी जब्त किया गया है. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी बेगूसराय और पुलिस अधीक्षक बेगूसराय की तरफ से टीमों का गठन किया गया था. टीम लगातार काम कर रही थी. नजदीक के 6 जिले पटना, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई, लखीसराय और मुंगेर से हमें पूरा सहयोग मिला.

'दहशत फैलाना था मकसद': मामले पर पुलिस मुख्यालय ने भी जानकारी दी है. एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि घटना के पीछे अपराधियों का मकसद क्षेत्र में दहशत फैलाना था. आगे अनुसंधान जारी है. जब चार्जशीट दाखिल होगा तो सभी का रोल स्पष्ट कर दिया जाएगा.

एडीजी पुलिस मुख्यालय ने दी जानकारी.

"सूचना और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करके मामले का खुलासा किया गया. बेगूसराय पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन किया और उसने विभिन्न टीम के सहयोग से कुल चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. इनके विरुद्ध 2018, 2019, 2020 में हत्या लूट सहित 6 मामले दर्ज हैं."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

बेगूसराय के बीहट का रहने वाला है नागाः पुलिस के मुताबिक केशव कुमार उर्फ नागा बेगूसराय के बीहट का रहने वाला है, जो जमुई के झाझा स्टेशन से मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन से रांची भागने की फिराक में था. उसने कांड में अपनी संलिप्‍तता स्‍वीकार कर ली है. उसी की निशानदेही पर गोलीकांड के अन्य आरोपियों सुमित, युवराज और अर्जुन को पकड़ा गया.

दो संदिग्ध की हुई थी गुरुवार को गिरफ्तारी: इस गोलीकांड मामले में स्पेशल टीम के साथ-साथ साइबर क्राइम यूनिट की टीम भी जांच में जुटी हुई है. जांच के दौरान गुरूवार को घटना के दौरान उस इलाके में एक्टिव रहे हजारों नंबर को खंगाला गया था. जिसके आधार पर 2 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी. दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस दो अन्य लोग जो इस पूरे मामले में संलिप्त हैं. उनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी में जुटी थी. जिसमें पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया.

FSL की टीम कर रही जांच: इससे पहले बिहार पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान चार-पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिनके पास से 10 से 12 की संख्या में हथियार बरामद हुआ है. क्या यह हथियार इस घटनाक्रम में इस्तेमाल किया गया था, इसकी तहकीकात के लिए FSL को मिले खोखा से हथियार का मिलान किया जा रहा है. हालांकि सवाल यह भी उठ रहा था कि आखिर 48 घंटे के बाद इस पूरे मामले में स्पेशल टीम इतनी लेट से क्यों पहुंची. जबकि, इस मामले को गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की टीम को इस मामले की तहकीकात में पहले जुट जाना चाहिए था.



बेगूसराय में गोलीकांड की पूरी कहानी: आपको बता दें कि इस पूरी घटना (Begusarai Firing Case) को लेकर पूरा बिहार सिहर उठा है. इस मामले में सबसे पहले दो बाइक पर 4 साइको किलर सवार होकर शहर में प्रवेश करते हैं. इनकी मंशा दहशत फैलाने के इरादे से फायरिंग करने की थी. शहर से ये चारों आगे बढ़ते हैं जबकि जगह-जगह पुलिस तैनात रहती है और कई जगह चेक पोस्ट भी होते हैं. 30 किलोमीटर के सफर में चार थाना पड़ा लेकिन किसी को कुछ भनक नहीं हुई. चारों को ना तो किसी ने रोका ना ही तलाशी ही ली गई. हालांकि आए दिन वाहन चेकिंग अभियान चलाने के दावे भी पुलिस करती है. चारों किलर ने एनएच 28 से एनएच 31 के बीच दहशत फैलाना शुरू कर दिया. इन लोगों ने शहर में फायरिंग नहीं की बल्कि बछवाड़ा का रास्ता चुना. वहीं एक रास्ता एनएच 80 का लखीसराय को जाता है. अगर कहीं पर भी पुलिस ने इन लोगों को रोका होता या गाड़ी की जांच की जाती तो घटना को पहले ही रोका जा सकता था. अब पुलिस ने चारों साइको किलर्स का फोटो जारी कर इनाम की घोषणा की लेकिन चूक और लापरवाही की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. मामले में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है.

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