बिहार के सारण में 6 लोगों की संदिग्ध मौत, जहरीली शराब पीने की आशंका

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Published : Aug 12, 2022, 12:02 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 8:55 PM IST

people Suspected death in Saran

सारण में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, यहां शराब पीने से 6 और व्यक्तियों की मौत हो गई है. कल शाम एक व्यक्ति की मौत हुई थी. दरअसल बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद लोग शराब पीने से बाज नहीं आ रहे हैं, यहां तक की जहरीली शराब का भी लोग सेवन कर लेते हैं.

छपराः बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है. कल शाम जिले के गड़खा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और आज मरहौरा के 6 व्यक्ति की मौत (People Suspected Death In Saran) की सूचना है. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. घटना मरहौरा थाना क्षेत्र (Marhaura Police Station) के भुआलपुर गांव में हुई है. अब तक सदर अस्पताल में दो व्यक्तियों के शव और तीन व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार अवस्था में पहुंच चुके हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

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सदर अस्पताल पहुंचे वरीय अधिकारीः इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारी छपरा सदर अस्पताल पहुंच चुके हैं. जो बीमार लोगों से पूरी जानकारी ले रहे हैं. वरीय अधिकारी लोगों से जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे और किस प्रकार उन्होंने क्या पिया है, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ी है. इससे पहले भी 3 अगस्त को जिले में शराब पीने से 11 लोगों की मौत और 16 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. जिले में शराब पीने से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शराब पीने के बाद अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगी. घरवाले कुछ समझ पाते, इसके पहले दो लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.

"अभी तक पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन लक्षण में आंख का एक जगह होना और इनकी हिस्टरी से लगता है कि शराब इन लोगों ने पी है. हमने गांव में एंबुलेंस भेजी है ताकी और जो लोग भी बीमार हैं, उन्हें जल्द अस्पताल लाया जा सके. दो लोगों की मौत हुई और बाकी का इलाज किया जा रहा है, अगर स्थिति ठीक नहीं रही तो पटना रेफर किया जाएगा"- सागर दुलाल सिन्हा, सीएस, छपरा

शराबंदी पर उठ रहे हैं सवालः मालूम हो कि इससे पहले 3 अगस्त को मकेर में कई लोगों की शराब पीने से मृत्यु हुई थी. ऐसे मामले में कई बार पुलिस पल्ला झाड़ते नजर आई है, जिसको लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मकेर की घटना को लेकर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.

बिहार में शराबबंदी कानून फेल : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इस कारण से जहरीली शराब से बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों की मौत होती रहती है. यह पहली बार नहीं है, जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जहरीली शराब से मौत का जिम्मेदार सिर्फ चौकीदार या थाना प्रभारी ही कैसे हो सकता है, जिन्हें शराब से मौत के मामले में अक्सर दोषी पाकर सस्पेंड कर दिया जाता है.

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Last Updated :Aug 12, 2022, 8:55 PM IST
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