महंगी पड़ी ऑनलाइन शॉपिंग, ठगों ने दो खातों से उड़ाए लाखों

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Published : Feb 12, 2021, 9:27 AM IST

महंगी पड़ी ऑनलाइन शॉपिंग

पटना के कंकड़बाग इलाके में ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान दो लोगों लाखों की ठगी का शिकार हो गए. पुलिस की ओर से मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.

पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर फ्रॉड के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे है. पूरे देश में कोरोना काल के दौरान डिजिटल पेमेंट का प्रचलन बढ़ा है. जिस वजह से साइबर फ्रॉड करके अपराधी नए-नए तरीक खोजकर आम इंसान की गाढ़ी कमाई को धड़ल्ले से उड़ा रहे हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले इन दिनों फ्लिपकार्ट, अमेजन या अन्य शॉपिंग साइट्स की फर्जी वेबसाइट बनाकर कर आम इंसान की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं.

ठगों ने दो खातों से उड़ाए लाखों

ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए ठगी
राजधानी के कंकड़बाग निवासी अमित कुमार ने शॉपिंग के लिए फ्लिपकार्ट की साइट पर शॉपिंग किया. शॉपिंग करने के बाद उन्होंने जब अपने डेबिट कार्ड से पेमेंट करने के लिए एक अकाउंट नंबर और पासवर्ड डाला तो, तुरंत साइबर अपराधियों ने उनके अकाउंट को हैक कर लिया. इसके बाद 2 लाख की निकासी कर ली गई.

मंम
पीड़ित

हालांकि, जब उन्होंने इस मामले की जानकारी आर्थिक अपराध इकाई और पुलिस दी. तब जांच पड़ताल में पता चला कि जिस साइट के माध्यम से वह खरीदारी कर रहे थे. वह फ्लिपकार्ट से मिलती जुलती डुप्लीकेट साइट थी. पीड़ित ने कहा कि कई बार बैंक और पुलिस के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अबतक अपराधियों की गिरफ्तार नहीं हो पाई है.

दूसरी घटना में राजधानी के निवासी सोनू कुमार ऑनलाइन खरीदारी करना महंगा पड़ गया. उन्होंने जैसे ही कपड़े की खरीदारी के लिए वेबसाइट पर क्लिक किया वैसे ही उनके खाते से 1 लाख रुपये की रकम की निकासी कर ली गई है. पिछले कई दिनों से वह बैंक और थाने का चक्कर काट रहे हैं.

पटना देश में दूसरे नंबर पर
पटना देश में दूसरे नंबर पर

ऐसे ही आर्थिक अपराध इकाई में कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि आम इंसान गूगल पर जब भी कुछ खरीदारी करते हैं तो उन्हें फ्लिपकार्ट अमेजॉन के समांतर वेबसाइट उपलब्ध मिलता है. जिस पर खरीदारी के समय ही क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने की सुविधा रहती है. ऑर्डर भी लिया जाता है पैसे भी कट जाते हैं, लेकिन उनके सामान उनके घर तक नहीं पहुंच पाता है.

चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसन खान ने कहा कि बैंक और मोबाइल के थ्रू साइबर फ्रॉड एक गंभीर समस्या है. आर्थिक अपराध इकाई की ओर से इन मामलों में गंभीरता दिखाई गई है. पहले के दर्ज कुछ मामलों मैं जॉइंट ऑपरेशन के दौरान अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करते हुए उन्हें कड़ी सजा भी दिलवाई गई है.

1 जुलाई 19 से 30 जून का आंकड़ा
1 जुलाई 2019 से 30 जून 2020 का आंकड़ा

आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से समय-समय पर ई-पोस्टर के जरिए और समय-समय पर स्कूल कॉलेजों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाता है. साइबर क्राइम सोशल मीडिया यूनिट राजधानी पटना समेत बिहार के अन्य जिलों में स्थापित है. जिसके माध्यम से बिहार में बढ़ रहे साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कार्य किए जा रहे हैं.

अपराध इकाई की तरफ से टोल फ्री नंबर
एडीजी ने बताया कि जिलों से जुड़े मामलों को जिलों में निष्पादन किया जाता है और बड़ी घटना को आर्थिक अपराध इकाई के मुख्यालय से निष्पादन किया जाता है. आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. जिस पर कोई भी व्यक्ति साइबर फ्रॉड से जुड़ी शिकायतें पहुंचा सकता है.

साइबर एक्सपर्ट की राय.
साइबर एक्सपर्ट की राय.

साइबर से जुड़ी समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार ने भी एक के पोर्टल तैयार किया है, जिसके जरिए कहीं से भी कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या उस पोर्टल के माध्यम से साझा कर सकता है. उसे संबंधित जिले या राज्य में भेज कर समाधान किया जाता है.

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नयर हसन खान ने आम लोगों से अपील की है कि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ से साइबर फ्रॉड की घटना होती है. तो, समय रहते ही वह बैंक या आर्थिक अपराध इकाई या नजदीकी थाना को सूचित करें. ताकि समय रहते ही हम इसका समाधान कर सकें.

साइबर फ्रॉड को लेकर बदनाम हैं कई इलाके
एडीजी ने बताया कि जो इलाके खासकर साइबर फ्रॉड को लेकर बदनाम है. उन्हीं इलाकों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम पहले भी छापेमारी कर चुकी है. आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से बिहार के पुलिसकर्मियों को भी साइबर प्रशिक्षण दिया जाता है और समय-समय पर दूसरे राज्यों के एक्सपर्ट के पास भी भेजा जाता है.

साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ ने कहा, साइबर फ्रॉड बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण बेरोजगारी है. करोना काल में जिस तरह से काफी लोगों को अपने नौकरी व्यवसाय से हाथ से हाथ धोना पड़ा है. जिस कारण वह अपनी जरूरतों और परिवार के जीविका चलाने हेतु फ्रॉड की दुनिया में कदम बढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीकों के साथ कर आम इंसान को ठग रहे हैं.

फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी
बैंक में लोन दिलाने के लिए पेट्रोल पंप के नाम पर या अमेजन, फ्लिपकार्ट का फर्जी वेबसाइट बनाकर उसका फायदा उठाते हुए आम इंसान को लूट रहे हैं. साइबर क्राइम के मामले पहले के मुकाबले बढ़ गए हैं. इन्हें रोकने के लिए साइबर क्राइम सेल पुलिस और बैंक कई तरह के कदम उठा रहे हैं. इसके बावजूद भी राजधानी पटना समेत बिहार के अन्य जिलों में साइबर क्राइम थमने का नाम नहीं ले रहा है.

बिहार के हर थाने में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले दर्ज हैं, लेकिन रिकवरी 5 प्रतिशत से भी कम है. हालांकि, हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस की ओर से तेजी दिखाई जाती है. कुछ मामलों में वैसे भी समय पर वापस होते हैं. लेकिन ज्यादातर मामले में महीनों साल बीत जाने के बाद भी आम इंसान के पैसे बैंक के द्वारा वापस नहीं मिल पाता है.

साइबर क्राइम के मामले में पटना दूसरे नंबर पर
बिहार में कुल 75 साइबर क्राइम की यूनिट है. सबसे ज्यादा पटना जिले में चार यूनिट है. इसके बावजूद साइबर क्राइम के मामले में पटना देश में दूसरे नंबर पर है. इस बात की जानकारी खुद आरबीआई के तरफ से दी गई थी.

वहीं, 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2020 के दौरान अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के देश में 19,652 मामले दर्ज हुए हैं. पटना में 392 मामले दर्ज हुए हैं. जबकि दिल्ली में 496 मामले दर्ज हुए हैं. यह सभी शिकायत 20 से ज्यादा श्रेणियों में की गई है. 2011 से लेकर अब तक जिला पुलिस को तकनीकी सहायता के लिए 1915 कांड में आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से सहायता प्रदान की गई है.

हर साल औसतन 250 कांडों में जिला पुलिस को आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से सहायता प्रदान की जाती है, जिनमें से कई महत्वपूर्ण साइबर अपराध कांडों का आर्थिक अपराध इकाई की ओर से सफलतापूर्वक उद्भेदन किया गया है.

इस तरह रहें सतर्क
आम इंसान को भूलकर भी बाहर के वाईफाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अन्यथा साइबर फ्रॉड वाईफाई के माध्यम से किसी के भी मोबाइल के अंदर घुसकर उनके अकाउंट या उनके पर्सनल फोटो वीडियो को हैक कर सकते हैं. घर में लगे वाईफाई के डिफॉल्टर पासवर्ड को भी बदलते रहना चाहिए. आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट के अनुसार आम इंसान को अपने मोबाइल डेक्सटॉप या अकाउंट के पासवर्ड को स्ट्रांग रखने के साथ-साथ पासवर्ड को हमेशा बदलते रहना चाहिए.

सावर्जनिक जगह पर फोन चार्ज ना करें. कभी भी खरीदारी करते समय वेबसाइट सही है या नहीं इसकी जांच पड़ताल करने के बाद ही खरीदारी करें, क्योंकि मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट या अन्य वेबसाइट की फर्जी वेबसाइट मौजूद है. बैंक कभी भी किसी को कॉल नहीं करता है. भूल कर भी ऐसे फेक कॉल जिसमें पिन संबंधित जानकारी मांगी जाए उन्हें कभी भी साझा ना करें. लैपटॉप या डेक्सटॉप पर अपनी ईमेल आईडी सोशल मीडिया अकाउंट को काम के बाद तुरंत लॉगआउट कर दें.

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