
यूपी में घाघरा नदी पर रेलवे का तीसरा पुल तैयार; नवंबर से ट्रेनें भरेंगी रफ्तार, जानिए खासियत
घाघरा घाट-चौकाघाट बुढ़वल स्टेशन के बीच बना है पुल, 1037 मीटर लंबे पुल के खुलने से तीसरी लाइन हो जाएगी शुरू.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : October 15, 2025 at 7:48 PM IST
|Updated : October 15, 2025 at 9:51 PM IST
गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे घाघरा नदी पर तीसरे पुल के निर्माण के साथ ट्रेनों को रफ्तार देने की तैयारी में जुट गया है. रेलवे की कोशिश थी कि दीपावली तक यह शुरू हो जाए, लेकिन कमिश्निंग नहीं होने से अब यह त्योहार के बीतने के साथ शुरू हो पायेगा.
280 करोड़ की लागत से पुल तैयार : मुख्य संरक्षा आयुक्त की जांच के बाद इस पुल से ट्रेनें गुजरने लगेंगी. घाघरा घाट-चौकाघाट बुढ़वल स्टेशन के बीच घाघरा नदी पर यह पुल बना है. 1037 मीटर लंबे पुल के खुल जाने से तीसरी लाइन तो शुरू ही हो जायेगी, चौथी लाइन का भी मार्ग प्रशस्त हो जायेगा. करीब 280 करोड़ की लागत से पुल को तैयार किया गया है. पुल को बनने में करीब चार साल का समय लगा है.
'ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी' : पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि नदी पर बना यह तीसरा पुल, तीसरी लाइन के साथ ट्रेनों की आवाजाही का केंद्र बनेगा. जिससे ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और यात्रियों को समय से विभिन्न ट्रेनों की उपलब्धता हो सकेगी. यह पुल एक मायने में और भी बेहद खास है.
'चौथी लाइन का स्ट्रक्चर तैयार' : उन्होंने बताया कि रेलवे ने भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए इस पुल से चौथी रेलवे लाइन को भी गुजारने का इंतजाम कर रखा है. जब चौथी लाइन बिछाने की जरूरत पड़ेगी तो पुल बनाना नहीं पड़ेगा. चौथी लाइन का स्ट्रक्चर तैयार है, सिर्फ पटरी बिछेगी और ट्रेन सरपट दौड़ने लगेंगी.
'मालगाड़ियों के संचालन में आएगी तेजी' : उन्होंने बताया कि ट्रैक क्षमता में वृद्धि होने से अधिक संख्या में गाड़ियां तीव्र गति से चलाई जा सकेंगी. यात्री गाड़ियों का संचालन अधिक सुचारू रूप से हो सकेगा. मालगाड़ियों के संचालन में भी तेजी आएगी जो व्यापारी और उद्यमियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा.
'पुल की लंबाई 1037 मीटर' : उन्होंने बताया कि घाघरा नदी पर बना यह पुल पूरी तरह से तैयार हो चुका है. इसकी कमिश्निंग नवंबर में होने के साथ इसे शुरू किया जाएगा. इस पुल की लंबाई 1037 मीटर है और इसमें 17 स्पैन हैं. इस कार्य के पूर्ण हो जाने से गोंडा कचहरी से बुढ़वल तक तीसरी लाइन की कमिश्निंग हो जाएगी.
'1896 में तैयार हुआ था एल्गिन ब्रिज' : उन्होंने बताया कि इसके बाद इस सैचुरेटेड खंड की क्षमता बढ़ेगी और अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन संभव होगा. उन्होंने बताया कि गोरखपुर लखनऊ रेल मार्ग पर छोटे-बड़े कई पुल हैं, लेकिन इस नदी पर सबसे महत्वपूर्ण पुल एल्गिन ब्रिज 1896 में तैयार हुआ था.
'चौथी लाइन के लिए भी उपयोगी साबित होगा' : उन्होंने बताया कि नए पुल से आने वाले समय में बाराबंकी से गोरखपुर होते हुए छपरा तक 425 किलोमीटर रेल मार्ग पर थर्ड लाइन बन जाएगी. तीसरी के साथ चौथी रेल लाइन के लिए भी सर्वे कार्य तेज गति से चल रहा है, इसलिए यह पुल भविष्य में चौथी लाइन के लिए भी उपयोगी साबित हो जाएगा. अभी गोरखपुर जंक्शन से करीब 90 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं.
गोरखपुर जंक्शन से गुजरती हैं करीब 106 ट्रेनें : इस पुल पर चौथी लाइन भी बिछाई जा सकेगी, इसको ध्यान में रखकर पुल को बनाया गया है. रेलवे के इतिहास में यह बड़ी उपलब्धि होगी, जहां 1896 में इस पर पहला एल्गिन ब्रिज बना था, वहीं दूसरे पुल का निर्माण 2013 में हुआ और अब तीसरी लाइन की सौगात बारह साल के भीतर ही रेलवे अपने यात्रियों को देने जा रहा है. अभी तक गोरखपुर जंक्शन से करीब 106 ट्रेन गुजरती हैं. भविष्य में ट्रैक क्षमता बढ़ने से संख्या बढ़ सकती है.

