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दीपावली पर दिव्यांगों के बनाए इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का मेला; हुनर से बनायी लोगों के दिलों में जगह

लखनऊ के इस मेले में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं 35 संस्थाओं और विद्यालयों के कर्मचारी और विद्यार्थी भाग ले रहे हैं.

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लखनऊ में इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का मेला (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : October 17, 2025 at 7:42 PM IST

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लखनऊ: जवाहर भवन परिसर में चल रहे दिव्यांगजनों के मेले में इस बार पर्यावरण अनुकूल (Eco-Friendly) उत्पादों को प्राथमिकता दी गई है. मेले में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं 35 संस्थाओं और विद्यालयों के कर्मचारी एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं. अपने हाथों से बनाए गए इन उत्पादों की विलक्षणता और कलात्मकता मेले का प्रमुख आकर्षण बनी हुई है.

दिव्यांगों के टैलेंट की सराहना: मेले में आने वाले लोगों ने दिव्यांगजन की प्रतिभा की सराहना की. कई खरीदारों ने न सिर्फ इनकी मेहनत की तारीफ की बल्कि इनके उत्पाद खरीदकर आर्थिक सहयोग भी किया. लोगों का कहना था कि इन उत्पादों ने न सिर्फ त्योहारी रंगत बढ़ाई है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त संदेश भी दिया है.

लखनऊ में देव दीपावली मेला (Video Credit: ETV Bharat)

दिव्यांगों ने बनाए बेमिसाल प्रोडक्ट्स: यहां उन प्रोडक्ट्स के स्टॉल लगाये गये हैं जिनको दिव्यांगों ने बनाया है. यहां कैंडल, झालर, दीये, सजावटी सामान, गमले, पेंटिंग्स और चॉकलेट गिफ्ट पैक जैसे आकर्षक उत्पाद नजर आए. खरीदार अरुण कुमार तिवारी ने कहा, यह उत्पाद बेहद खूबसूरत हैं. त्योहार की खुशियां इनसे और बढ़ जाएंगी.

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दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश (Photo Credit: ETV Bharat)

ट्रेनिंग से दिव्यांगों में जगी आशा की किरण: जिन लोगों को हम दिव्यांग समझकर असहाय मानते थे, उन्होंने ऐसे शानदार और सुनहरे उत्पाद बनाए हैं. सामान्य व्यक्ति भी वैसा नहीं बना सकता. इन्हें खरीदकर हमें गर्व महसूस हो रहा है. दिव्यांग विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके स्कूल में 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश लिया जाता है. वहा पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें हस्तकला और उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

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दिव्यांगजन द्वारा निर्मित उत्पादों को मंच (Photo Credit: ETV Bharat)

कैंडल, झालर और सजावट का सामान: प्रधानाचार्य ने कहा कि हमारे बच्चों ने विभिन्न प्रकार की कैंडल, झालर और सजावट के सामान तैयार किए हैं. सभी उत्पाद इको-फ्रेंडली हैं और किफायती भी. कैंडल 20 रुपये से 100 रुपये तक और झालर 100 रुपये से 500 रुपये तक उपलब्ध हैं.

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दिव्यांगों के हुनर को बाजार मिला. (Photo Credit: ETV Bharat)

बच्चों को पहले प्रशिक्षण दिया जाता है: संस्था से जुड़ी अंजलि ने कहा कि कई ऐसे बच्चे हैं जो न बोल सकते हैं, न देख सकते हैं, न सुन सकते हैं, फिर भी उन्होंने खूबसूरत कैंडल, दीये और पेंटिंग बनाई हैं. इन बच्चों को पहले प्रशिक्षण दिया जाता है. धीरे-धीरे यह बच्चे निपुण हो जाते हैं और ऐसे सुंदर उत्पाद बनाते हैं कि हर कोई हैरान रह जाता है.

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दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने लगाया मेला. (Photo Credit: ETV Bharat)

कपड़ों पर डिजाइन और सजावटी सामान: मेले में शबाना के स्टॉल पर दस ऐसी महिलाएं काम कर रही हैं, जो बोल नहीं सकतीं. वे अपने घर पर ही क्राफ्ट, चॉकलेट पैकेट, कपड़ों पर डिजाइन और सजावटी सामान बनाती हैं. उन्होंने कहा कि पहले ये महिलाएं खुद को असहाय समझती थीं, लेकिन प्रशिक्षण और हौसले ने इनकी जिदगी बदल दी है. शबाना ने बताया कि अब यह न केवल हुनर दिखा रही हैं, बल्कि अपने परिवार का सहारा भी बन गई हैं.

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दिव्यांगों के हाथों बने उत्पाद. (Photo Credit: ETV Bharat)

दिव्यांग बच्चों ने बनायीं बेहतरीन पेंटिंग: दिव्यांग बच्चों की संस्था से जुड़ीं पूनम ने कहा कि उनकी संस्था में करीब 200 बच्चे हैं जो पेंटिंग और सजावट का सामान बनाते हैं. जब ये बच्चे पहली बार उनके पास आते हैं, तो उन्हें बैठना, उठना या खाना भी नहीं आता. धीरे-धीरे जब वह उन्हें सिखाती हैं, तो वे आत्मनिर्भर बनते जाते हैं. उनके दो बच्चे ऐसे हैं जो न देख सकते हैं, न सुन सकते हैं, फिर भी उन्होंने डायमंड चिपकाकर एक बेहतरीन पेंटिंग बनाई है. इसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दिव्य दीपावली मेला . (Photo Credit: ETV Bharat)

अधिकारी और नेता भी कर रहे खरीदारी: दीपावली से पहले लखनऊ में हो रहा यह मेला दिव्यांग जनों की आत्मनिर्भरता, प्रतिभा और संघर्ष का सुंदर संगम बन गया है. आमजन से लेकर अधिकारी और नेता तक सभी इस मेले में पहुंचकर खरीददारी कर रहे हैं. दिव्यांग कारीगरों के हौसले को सलाम कर रहे हैं. यहां मिट्टी के हस्तनिर्मित दीपक, मोमबत्तियां, आर्टिफिशियल आभूषण, हथकरघा प्रोडक्ट्स, घरेलू सजावटी सामान, आचार, मुरब्बा, मसाले और पूजा सामग्री डिस्प्ले में लगायी गयी.

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