मिर्जापुर सीएमओ ने की थी बिलों के पेमेंट में धांधली, डिप्टी सीएम ने 4.35 लाख की रिकवरी का आदेश दिया
मेरठ के प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय में तैनात वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. राजीव जांच में दोषी पाए गए. उनसे 4.35 लाख रुपये की वसूली होगी.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : October 15, 2025 at 6:56 PM IST
|Updated : October 15, 2025 at 10:07 PM IST
लखनऊ: बिलों के भुगतान में गड़बड़ी करना मिर्जापुर के तत्कालीन (वर्ष 2022) मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव सिंघल को महंगा पड़ा. डॉ. राजीव मौजूदा समय में मेरठ के प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैनात हैं. अनियमित तरीके से बिलों के भुगतान की शिकायत की जांच कराई गई थी. इसमें डॉ. राजीव दोषी पाए गए. लिहाजा उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई. साथ ही उनसे 4,35,000 रुपये की वसूली करने का आदेश दिया गया है.
तबादले में गड़बड़ी, पेंशन से वसूली होगी: डिप्टी सीएम के मीडिया सेल से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि प्रदेश भर में नर्सों के तबादले में अनियमितता की शिकायत मिली थी. मामले की जांच कराई गई. जांच में उस वक्त निदेशक चिकित्सा उपचार पद जिम्मेदारी निभा रहे डॉ. पीएम श्रीवास्तव को दोषी पाया गया. डॉ. पीएम श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो चुके हैं. डॉ. पीएम श्रीवास्तव की पेंशन से तीन साल तक 10 प्रतिशत के हिसाब से कटौती के आदेश दिए गए हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में कार्यरत नेफ्रोरोलॉजी विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष द्वारा एन०पी०ए० लेते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस किये जाने के आरोप सिद्ध होने के उपरांत 03 वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोकते हुए परिनिन्दा का दण्ड दिये जाने के आदेश दिये गये हैं।@BJP4UP
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) October 15, 2025
प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप, तीन इंक्रीमेंट रोके गये: प्रयागराज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजी विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द गुप्ता पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं. जांच में आरोप सही पाए गए. लिहाजा उनके तीन सैलरी इंक्रीमेंट स्थायी रूप से रोक दिये गये हैं. उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को परिनिन्दा का दंड देने के आदेश दिए हैं.
निविदा में धांधली का आरोप: चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में सम्बद्ध चिकित्सा शिक्षक डॉ. राजेश कुमार बरनवाल पर प्रधानाचार्य, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय देवरिया पर आरोप है कि तैनाती के दौरान 36 पदों पर आउटसोर्स ऑफ मैनपावर के आधार पर आपूर्ति के लिए नवीन निविदा नहीं की गई. आरोप हैं कि बार-बार नवीन निविदा को निरस्त किया गया. बिना सक्षम अनुमोदन के पुरानी संस्था को अनुबंध की समय अवधि बढ़ायी गयी.
रिटायरमेंट के बाद पेंशन से वसूली होगी: ऐसे में डॉ. राजेश को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई करने के आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिए गए हैं. कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश सिंह मर्तोलिया द्वारा मेडिकल कॉलेज परिसर में साफ सफाई व अपशिष्ट निस्तारण के लिए अनुबन्धित संस्था को बिना सक्षम अनुमोदन के पुरानी संस्था का अनुबंध का समय विस्तारित करने का दोषी पाया गया है.
डिप्टी सीएम ने विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया: आरोप पत्र देकर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं. ब्रजेश पाठक ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा. रिटायरमेंट के बाद पेंशन से वसूली की जाएगी. लिहाजा स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी सरकार की योजनाओं को बहुत ही ईमानदारी से मरीजों तक पहुंचाएं. जनता में भरोसा पैदा करें.
अपर आयुक्त (प्रशासन), विध्यांचल मण्डल मिर्जापुर की धर्मपत्नी के इलाज में लापरवाही व समय से ई०सी०जी० नहीं कराये जाने संबंधी प्रकरण में दोषी पाए जाने पर मण्डलीय चिकित्सालय, मिर्जापुर में तत्समय तैनात 04 चिकित्साधिकारियों को आरोप पत्र देकर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही तथा तत्समय…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) October 15, 2025
चार डॉक्टरों, एक नर्स के खिलाफ कार्रवाई होगी: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मिर्जापुर जनपद में डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. अपर आयुक्त डॉ. विश्राम यादव की पत्नी रमा यादव की इलाज में लापरवाही के मामले में डिप्टी सीएम ने चार डॉक्टरों एक नर्स के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. 10 जून 2024 को अपर आयुक्त की पत्नी की अचानक तबीयत खराब होने पर जिला मंडलीय अस्पताल लाया गया था जहां डॉक्टरों के लापरवाही से उनकी मौत हो गई थी.
विंध्याचल मंडल में तैनात अपर आयुक्त डॉ. विश्राम यादव की पत्नी रमादेवी की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 15 महीने बाद डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया. दरअसल 10 जून 2024 को विंध्याचल मंडल में तैनात अपर आयुक्त डॉक्टर विश्राम की पत्नी रमादेवी का रात 9:00 बजे तबीयत खराब होने पर आवास पर मौजूद परिजनों और कर्मचारियों ने जिला मंडलीय अस्पताल पहुंचाया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
अपर आयुक्त डॉ. विश्राम यादव विभागीय काम से लखनऊ गए हुए थे. जानकारी मिलते ही वापस आने पर डॉ. विश्राम यादव ने डॉक्टरों के लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया था. इसको लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जांच करने के बाद दोषी पाए जाने पर अस्पताल के डॉक्टर तरुण सिंह, डॉक्टर सुनील सिंह, डॉक्टर पंकज पांडेय और नर्स सुषमा पर कार्रवाई विभागीय करने का आदेश दिया है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि अपर आयुक्त (प्रशासन), विध्यांचल मण्डल मिर्जापुर की पत्नी के इलाज में लापरवाही और समय से ECG नहीं कराये जाने के प्रकरण में दोषी पाए जाने पर मण्डलीय चिकित्सालय, मिर्जापुर में तैनात चार चिकित्साधिकारियों को आरोप पत्र देकर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई तथा उस समय तैनात एक स्टाफ नर्स जो कि सेवानिवृत हो चुकी हैं, के विरुद्ध भी सुसंगत नियमों के अधीन कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से जारी विज्ञप्ति के जरिए बताया गया कि आगरा के शमशाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में तैनात डॉ. वन्दना जैन, श्रावस्ती संयुक्त जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपुल अग्रवाल, बाराबंकी के जाटा बरौली सीएचसी के डॉ. देव वृत लगातार गैरहाजिर चल रहे थे. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को गैरहाजिर चल रहे डॉक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं.
वाराणसी कबीर चौरा जिला महिला चिकित्सालय में 18 अगस्त को गर्भवती रिजवाना को सायंकाल ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स प्रीतम सिंह ने बिना डॉक्टरी परीक्षण रेफरल पर्ची तैयार की दी. गर्भवती को एम्बुलेंस व स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं की. इस कारण गर्भवती का प्रसव विषम परिस्थितियों में अस्पताल प्रांगण में ही हो गया. लिहाजा प्रसूता की जिंदगी संकट में पड़ गई.
मामले को गम्भीरता से लेते हुए उप मुख्यमंत्री ने स्टाफ नर्स प्रीतम सिंह को आरोप पत्र देकर निलम्बित करने के आदेश दिये हैं. साथ ही महिला चिकित्साधिकारी डॉ. सुमिता गुप्ता ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही किये जाने के दोष में उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश भी दिये गये है.
इसके अलावा डॉक्टर व कर्मचारियों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने, ड्यूटी चार्ट, राउण्ड की व्यवस्था, रोगियों के बेड हेड टिकट पर वाइटल्स की नियमित रिकॉर्डिंग, चिकित्सालय का स्वयं नियमित राउण्ड न करने के लिए प्रमुख अधीक्षिका को भी दोषी पाया गया है. ऐसे में अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. नीना वर्मा के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं.
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