
जल विहार मेले में राई नृत्य ने मचाई धूम, छतरपुर में दिखी बुंदेली संस्कृति और परंपरा की झलक
छतरपुर में नगर पालिका परिषद ने परंपरागत मेले जल विहार 2025 का आयोजन किया. 9 से 18 अक्टूबर तक दिखेगी बुंदेलखंड की समृद्ध संस्कृति.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : October 15, 2025 at 3:00 PM IST
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में हर साल की तरह इस साल भी 9 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक जल विहार मेले का आयोजन किया जा रहा है. राजा-महाराजाओं के समय से चल रही परंपरा को ग्रामीण आज तक बखूबी निभा रहे हैं. इसमें मनोरंजन के साथ कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. मेले के छठे दिन (मंगलवार को) बुंदेलखंड के प्रसिद्ध लोक नृत्य राई का आयोजन किया गया. इसको देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी.
जल विहार मेले में उमड़ा जनसैलाब
छतरपुर में नगर पालिका द्वारा जल विहार मेले का 10 दिवसीय भव्य आयोजन किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक मेले में प्रतिदिन रात्रि में विभिन्न जगहों से पहुंचे कलाकार अपनी शानदार अद्भुत और अलौकिक प्रस्तुति से लोगों का मन मोह रहे हैं. मेले के छठे दिन बुंदेलखंड के प्रसिद्ध लोक नृत्य राई का आयोजन किया गया.
पायल की झंकार बना आकर्षण का केंद्र
शानदार प्रस्तुति बुंदेली लोक नृत्य राई को देखने के लिए देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रही. इस दौरान दर्शक लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह वर्धन बढ़ाते रहे. इसके अलावा इसमें देशभर से दुकानदार झूले सहित कई मनोरंजन के साधन लेकर पहुंचे हुए हैं, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसमें मौत का कुआं, पायल की झंकार और खाजा सहित अन्य बुंदेली व्यंजन शामिल हैं.

महिलाओं के लिए विशेष पारंपरिक इंतजाम
जल विहार मेले में हर साल की तरह इस साल भी भारी संख्या में सैलानियां की भीड़ उमड़ी है. जहां अधिकांश दुकानें महिलाओं के लिए सजी हुई नजर आ रही है. इस मेले को महिलाओं के लिए विशेष पारंपरिक तौर पर सजाया जाता है. इसलिए अधिक संख्या में महिलाएं खरीदारी करने आती हैं.

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नगर पालिका महामंत्री सुरेन्द्र चौरसिया बताते हैं कि "इस जल विहार मेले का आयोजन राजा महाराजाओं के समय से चला आ रहा है. पहले इसका आयोजन राजा भवानी सिंह द्वारा महल के बगल में आयोजित किया जाता था. धीरे-धीरे मेले में आने वालों की संख्या बढ़ी गई, उसी हिसाब से बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है. अब इसका आयोजन नगर पालिका द्वारा किया जाता है. जिसमें रंगारंग आयोजन के साथ हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जाता है."

