पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बोले- गेंद अब अफगानिस्तान के पाले में, लेकिन शर्तों के साथ...
दोनों देशों के बीच 48 घंटे का सीजफायर चल रहा है, जो 15 अक्टूबर से लागू है. उसके बाद क्यो होगा, देखना होगा.

Published : October 17, 2025 at 7:41 AM IST
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात अच्छे नहीं हैं. बता दें, दोनों देशों के बीच फिलहाल 48 घंटे का सीजफायर लागू है. लेकिन दोनों देशों के बीच अभी भी तनाव बना हुआ है. इसी सिलसिले में पाक के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बड़ा बयान दिया है.
वहीं, शहबाज शरीफ को सीजफायर खत्म होने के बाद की स्थिति पर थोड़ा डर सता रहा है कि उसके बाद क्या होगा. शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान से बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बात सिर्फ शर्तों के साथ ही होगी. तनाव के बाद संघीय मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुवार को हमने 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम का फैसला करते हुए अफगानिस्तान को यह संदेश भेजा है कि अगर वे बातचीत के जरिए हमारी जायज शर्तें पूरी करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं. गेंद अब उनके पाले में है.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक शहबाज ने कहा कि अगर अफगान पक्ष 'ईमानदार और गंभीर' है, तो वह बातचीत की पहल करेगा. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के सहयोगी देश, खासकर कतर, भी स्थिति को सामान्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस मुद्दे का स्थायी समाधान किया जाएगा, जिसमें अफगान धरती से "फितना अल-खवारिज" का सफाया भी शामिल है, ताकि उसके क्षेत्र का उपयोग आतंकवादियों द्वारा न किया जा सके.
अपने रुख को दोहराते हुए, शहबाज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 'ठोस मांगों' के आधार पर भविष्य में भी युद्धविराम जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी, 'अगर यह सिर्फ समय बिताने के लिए किया गया है, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बताया कि कतर के अमीर ने मिस्र में अपनी बैठक के दौरान हाल की घटना की निंदा की थी और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और मध्यस्थता करने की इच्छा व्यक्त की थी. शहबाज ने झड़पों के दौरान सशस्त्र बलों और फील्ड मार्शल असीम मुनीर की प्रतिक्रिया की भी प्रशंसा की और कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई लोगों की जान जाने के कारण यह 'आवश्यक' था.
वहीं, गाजा के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि यदि घेरे गए क्षेत्र में लड़ाई और मौतें रुक गई हैं तो यह एक 'बड़ी उपलब्धि' है. उन्होंने युद्ध विराम हासिल करने के प्रयासों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सभी मुस्लिम देशों विशेष रूप से कतर, सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात के योगदान की भी सराहना की.
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