
बांग्लादेश: संसद परिसर में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज
ढाका में संसद के पास प्रदर्शनकारियों ने जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर को लेकर विरोध किया. वहीं उनको हटाने पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.

Published : October 17, 2025 at 7:04 PM IST
ढाका : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बार फिर से माहौल गर्म हो गया. वहीं संसद के पास एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. बताया जाता है कि पुलिस ने इस दौरान तेज आवाज करने वाले ग्रेनेड का भी प्रयोग किया. प्रदर्शनकारियों के वहां पर डटे रहने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की.
बताया जाता है कि जुलाई चार्टर नामक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने को लेकर अनिश्चितता के बीच, प्रदर्शनकारी संसद के पास जुटे थे.
The area surrounding #Bangladesh’s Parliament turned into a scene of violent confrontation as protesters clashed with police & security forces while attempting to rally ahead of the signing of the July National Charter.
— All India Radio News (@airnewsalerts) October 17, 2025
The demonstrators - comprising those injured in the July… pic.twitter.com/3FQtjjLeKc
इस संबंध में ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर समारोह के लिए बनाए गए मंच के समक्ष सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए थे, ये लोग अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारी सुबह संसद भवन के मुख्य द्वार पर चढ़कर परिसर में कथित रूप से घुस गए और फिर मंच के सामने एकत्र हो गए. वहीं जब सुरक्षा बलों ने उनको रोकने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारी अतिथियों के लिए रिजर्व कुर्सियों पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की. इसके अलावा संसद भवन के सामने बने अस्थायी स्वागत कक्ष, अस्थायी कंट्रोल रूम और फर्नीचर को आग के हवाले कर दिया.
वहीं पुलिस ने उनको खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया. हालांकि अधिकारियों ने उनको संसद परिसर से बाहर खदेड़ दिया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की डंडे से पिटाई की गई तथा उन पर आंसू गैस और तेज आवाज करने वाले ग्रेनेड दागे गए.
बता दें कि अंतरिम सरकार द्वारा गठित आयोग और राजनीतिक पार्टियों के बीच लंबी बातचीत के बाद जुलाई चार्टर का मसौदा तैयार किया गया था.
सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रमुख सहयोगी, नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) का कहना है कि वह इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेगी. यूनुस के आशीर्वाद से फरवरी में गठित छात्र-नेतृत्व वाले इस संगठन के मुख्य समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने गुरुवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर नहीं करेगी.’’

इससे पहले एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा था कि कुछ राजनीतिक दल आम सहमति (राष्ट्रीय) के नाम पर इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं.
सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय सहमति आयोग द्वारा तैयार किए गए चार्टर में देश चलाने के लिए 80 से अधिक सिफारिशें शामिल थीं.
गौरतलब है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग इस चर्चा का हिस्सा नहीं थी क्योंकि अंतरिम सरकार ने एक शासकीय आदेश के तहत अपने नेताओं पर मुकदमा चलने तक अपनी गतिविधियों को रोक दिया था. अवामी लीग के अधिकतर नेता जेल में हैं या फरार हैं.
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