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'एसीबी की कार्रवाई थी अवैध': रेवंत रेड्डी के वकील ने SC में दी दलील

एसीबी ने एमएलसी चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए रिश्वत देने के आरोप में रेवंत रेड्डी को गिरफ्तार किया था.

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सुप्रीम कोर्ट. (ANI)
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By Sumit Saxena

Published : October 15, 2025 at 6:51 PM IST

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नई दिल्लीः तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के वकील ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूरी तरह से अवैध जाल बिछाया था. बुधवार को जे के माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में सुनवाई की. इस मामले में गुरुवार को भी बहस जारी रहेगी.

रेड्डी के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि कथित रिश्वत देने वाले के रूप में उनके मुवक्किल पर मुकदमा चलाना कानूनी रूप से टिकने योग्य नहीं है. रोहतगी ने दलील दी कि यह जाल पूरी तरह से अवैध है क्योंकि सीआरपीसी के तहत एफआईआर दर्ज होने से पहले कोई भी जांच शुरू नहीं हो सकती. उन्होंने आगे कहा कि इसमें कोई सामान्य डायरी प्रविष्टि या एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

पीठ के समक्ष तर्क दिया गया कि जाल में कथित तौर पर तीन लोग रिश्वत की पेशकश करते हुए पकड़े गए थे. रेवंत रेड्डी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 12 के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है. जो केवल रिश्वत लेने वालों पर लागू होती है, रिश्वत देने वालों पर नहीं.

रोहतगी ने कहा कि अगर आरोपों पर अधिनियम की धारा 7, 11 और 12 लागू होती भी हैं, तो ये प्रावधान केवल सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में किए गए कार्यों पर ही लागू होंगी. रोहतगी ने कहा कि रिश्वत देने वाले इन प्रावधानों के दायरे में नहीं आते थे, बल्कि केवल रिश्वत लेने वाले ही आते थे. उन्होंने कहा कि रिश्वत देने वाले को 2018 के संशोधन के बाद ही कानून के दायरे में लाया गया था.

क्या है मामलाः

31 मई, 2015 को तत्कालीन तेलुगु देशम पार्टी के नेता रेवंत रेड्डी को एसीबी ने विधान परिषद चुनावों में टीडीपी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया था. रेवंत रेड्डी के अलावा, एसीबी ने कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था. बाद में सभी को जमानत मिल गई.

जुलाई 2015 में, एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत कथित अपराधों के लिए रेवंत रेड्डी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया.

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