गाजा-हमास युद्ध के बाद भी कोलकाता में मुस्लिम समुदाय के लोग संभालते हैं यहूदी सिनागॉग
इजराइल-हमास युद्ध के बीच कोलकाता की यह कहानी दुनियाभर के लिए एक मिसाल है कि प्यार और भाईचारा हर विवाद से ऊपर है.


Published : October 15, 2025 at 8:39 PM IST
कोलकाताः इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध ने गाजा में भारी तबाही मचाई है. पिछले दो साल से जारी इस युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं. कई देशों ने, खासकर मुस्लिम बहुल देशों ने, इजरायल की कार्रवाइयों की निंदा की है. लेकिन कोलकाता में, गाजा से 4,500 किलोमीटर दूर, एक अनोखी कहानी सामने आ रही है जो सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करती है.
कोलकाता के ब्राबोर्न रोड पर दो यहूदी सिनागॉग- मेगन डेविड और नेवे शालोम और पोलक स्ट्रीट पर बेथ एल सिनागॉग स्थित हैं. इन तीनों सिनागॉग की देखभाल मुस्लिम समुदाय के तीन लोग करते हैं. इनके नाम अनवर खान, मोहम्मद मकसूद और मोहम्मद सिराज हैं. अनवर मेगन डेविड, मकसूद नेवे शालोम और सिराज बेथ एल सिनागॉग की देखरेख करते हैं.

ये तीनों लोग न केवल इन सिनागॉग को संभालते हैं, बल्कि यहूदी समुदाय के साथ परिवार जैसा रिश्ता रखते हैं. कोलकाता में यहूदी समुदाय की संख्या अब केवल 16-17 है, जबकि देश में 3,500-4,000 यहूदी दिल्ली और मुंबई में रहते हैं. इन सिनागॉग के अलावा, राजाबाजार नरकेल डांगा में एक यहूदी कब्रिस्तान और पार्क स्ट्रीट में एक स्कूल भी है, जिसकी जिम्मेदारी 80 वर्षीय श्रीमती कोहेन संभालती हैं.
कोहेन, जो 1962 में कोलकाता आई थीं, बताती हैं कि उनके लिए ये सिनागॉग और स्कूल परिवार जैसा है. अनवर, मकसूद और सिराज उनके साथ हर खुशी में शामिल होते हैं. हाल ही में यहूदी नववर्ष के उत्सव में भी ये तीनों मौजूद थे. इजरायल-गाजा युद्ध पर कोहेन कहती हैं, "हम यहां अपने धर्म का पालन करते हैं. वहां का युद्ध हम पर कोई असर नहीं डालता. अनवर, मकसूद और सिराज कई पीढ़ियों से हमारे साथ हैं. हमारा रिश्ता परिवार जैसा है."

17वीं सदी में जब यहूदी कोलकाता आए, तब से मुस्लिम समुदाय के लोग उनके साथ विभिन्न कामों में सहयोग करते रहे हैं. न्यू मार्केट की मशहूर यहूदी नहौम बेकरी में भी ज्यादातर कर्मचारी मुस्लिम हैं.
अनवर खान कहते हैं, "हमारे यहां जाति, धर्म या समुदाय को लेकर कभी कोई विवाद नहीं हुआ. मेरी तीन पीढ़ियां यहां सम्मान के साथ काम करती आई हैं. हमें श्रीमती कोहेन से हमेशा प्यार और सम्मान मिला है. वहां की स्थिति का यहां कोई असर नहीं है. हम साथ रहते हैं, यही हमारी संस्कृति है."

पार्क स्ट्रीट के यहूदी गर्ल्स स्कूल में 1,500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. जिनमें अलग-अलग समुदायों के बच्चे शामिल हैं. यहां पढ़ाई, अनुशासन और खेलों के जरिए बच्चों को सच्चा इंसान बनने की सीख दी जाती है. कोलकाता की यह कहानी दुनियाभर के लिए एक मिसाल है कि प्यार और भाईचारा हर विवाद से ऊपर है.
क्या होता है यहूदी सिनागॉगः
यहूदी धर्म के लोगों के लिए प्रार्थना और पूजा स्थल होता है. यह एक धार्मिक भवन होता है जहां यहूदी प्रार्थना, सीखने और जीवन के विभिन्न चरणों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं. सिनागॉग अक्सर एक बड़े हाल के साथ-साथ सामुदायिक कार्यों के लिए अन्य सुविधाओं से भी लैस होता है. सिनागॉग पढ़ने और सीखने का भी एक स्थान है.

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