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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में 8 विशेष आकर्षणों और 8 पर्यटन स्थलों की पहचान की

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने 8 आइकोनिक टूरिज्म डेस्टिनेशन की पहचान की है.

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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 17, 2025 at 6:53 PM IST

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नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (DoNER) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वोत्तर भारत का विकास इंजन बन गया है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने क्षेत्र की यूनिफाइड ब्रांडिंग रणनीति के तहत 8 विशेष विशेषताओं और 8 आइकोनिक टूरिज्म डेस्टिनेशन की पहचान की है.

उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय ने यूनिफाइड ब्रांड पूर्वोत्तर रणनीति के माध्यम से पूर्वोत्तर को एक वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक स्थल के रूप में स्थापित करने की पहल की है. प्रत्येक राज्य ने अपनी पहचान को बढ़ावा देने के लिए अनूठे प्रोडक्ट और अनुभवों की पहचान की है—जैसे असम का मुगा सिल्क, मेघालय की लाकाडोंग हल्दी, मणिपुर का पोलो, सिक्किम की जैविक खेती और त्रिपुरा का क्वीन पाइनएप्पल.

प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल
इसी तरह आठ प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों, जिनमें काजीरंगा (असम), जीरो (अरुणाचल प्रदेश), सोहरा (मेघालय), थेनजोल (मिजोरम), माताबारी (त्रिपुरा), किसामा (नागालैंड), नामची (सिक्किम) और मोइरंग (मणिपुर) शामिल हैं. इनको सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विश्व स्तरीय आकर्षण के रूप में विकसित किया जा रहा है."

रइको-टूरिज्म मॉडल का राज्यों में विस्तार
सिंधिया ने कहा कि होमस्टे और इको-टूरिज्म मॉडल का राज्यों में विस्तार हुआ है, जिससे ग्रामीण आय में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और स्थायी आजीविका को बढ़ावा मिला है. सिंधिया ने कहा कि डोनर मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 में 3,447.71 करोड़ रुपये का अपना अब तक का सर्वाधिक व्यय हासिल किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 74.4 प्रतिशत और तीन वर्षों में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है.

सिंधिया ने कहा कि इस साल मई में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 4.48 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं, जिसमें आठ मुख्यमंत्रियों, आठ केंद्रीय मंत्रियों, 100 से अधिक राजदूतों और 108 सार्वजनिक उपक्रमों ने भाग लिया.

अंतर-राज्यीय सहयोग को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, बुनियादी ढांचा, खेल, पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारा और प्रोटीन आत्मनिर्भरता जैसे आठ क्षेत्रों में मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में उच्च-स्तरीय कार्यदलों का गठन किया है. उन्होंने कहा, "ये कार्यदल अंतर-राज्यीय सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं, नीतिगत संरेखण को सक्षम बना रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास के प्रयास राज्य-बद्ध होने के बजाय क्षेत्रीय रूप से एकीकृत हों. "

सिंधिया ने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी सुविधा तंत्र के माध्यम से, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने शिलांग हवाई अड्डे के विस्तार, सिक्किम में NH-10 के वैकल्पिक संरेखण और त्रिपुरा में कैलाशहर हवाई अड्डे के विकास सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अनुमोदन में तेजी लाई है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी की रीढ़ मजबूत हुई है.

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