Bihar Election Results 2025

ETV Bharat / bharat

राहुल का 'दलित न्याय' अभियान, मात्र 'फोटो-ऑप': आर पी सिंह

बीजेपी प्रवक्ता आर पी सिंह का कहना है कि राहुल फोटो खिंचवाने जा रहे और इसपर सियासत कर रहे हैं.

Singh
आर पी सिंह (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 17, 2025 at 7:32 PM IST

5 Min Read
Choose ETV Bharat

अनामिका रत्ना

नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश के फतेहपुर दौरे ने एक बार फिर दलित उत्पीड़न के मुद्दे को गरमा दिया है. राहुल ने रायबरेली में लिंचिंग का शिकार हुए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की, तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे 'ट्रेजडी का राजनीतिकरण' बताकर जोरदार हमला बोला.

इसको लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि राहुल गांधी 'फोटो खिंचवाने' की राजनीति कर रहे हैं. इसी बीच बिहार में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित करने की कवायद तेज हो गई है. पूर्व जेडीयू नेता आरसीपी सिंह के बयान ने इस मुद्दे को और तूल दे दी है. उन्होंने कहा कि राहुल उनकी चिंता ना करें सरकार उन्हें न्याय दिलाएगी.

इस सवाल पर पहले हाल में सुसाइड करने वाले IPS के घर और अब उत्तर प्रदेश पहुंचकर राहुल कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे है. इस पर बोलते हुए बीजेपी प्रवक्ता आर पी सिंह का कहना है कि राहुल फोटो खिंचवाने जा रहे और इसपर सियासत कर रहे हैं. उनकी नजर दलित वोटबैंक पर है, लेकिन बिहार में NDA सरकार ने जनता के लिए जितना काम किया है, उससे वहां की जनता एनडीए का ही साथ देगी राहुल अपनी राजनीतिक रोटी ना सेकें.

हरिओम के घर पहुंचे राहुल गांधी
राहुल की पहले हरियाणा में सुसाइड करने वाले दलित आईपीएस के घर जाना और अब मॉब लांचिंग के शिकार हरिओम के घर पर पहुंचकर सांत्वना देने को भाजपा चुनाव से जोड़कर देख रही. भाजपा का आरोप है कि बिहार चुनाव को देखते हुए कांग्रेस दलित वोट बैंक पर सियासत का खेल खेल रही है. आर पी सिंह का कहना है कि राहुल का 'दलित न्याय' अभियान ,मात्र 'फोटो-ऑप' है. उन्होंने कहा कि पहले हरिओम के परिजनों ने उनसे मिलने मन कर दिया था मगर राहुल वहां गए और सियासत की.

ईटीवी भारत से बात करते आर पी सिंह (ETV Bharat)

14 लोग गिरफ्तार
बता दें कि रायबरेली के जामुनापुर गांव में 2 अक्टूबर को चोरी के शक में पीट-पीटकर मार दिए गए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. पुलिस ने मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल है. हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार दलितों पर अत्याचार रोकने में नाकाम रही है.

राहुल गांधी ने कहा, "दलित उत्पीड़न इस सरकार में चरम पर है. प्रशासन परिवार को धमकाने में लगा है. यहां तक कि मुझे मिलने से रोकने की कोशिश की. क्या दलित होना देश में अपराध बन गया है?" उन्होंने हरियाणा के दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरण कुमार की कथित आत्महत्या का भी जिक्र किया, जहां जातिगत भेदभाव का आरोप लगा.

कांग्रेस सासंद के दौरे से पहले परिवार ने वीडियो जारी कर कहा था कि कोई नेता राजनीति न करे. पोस्टर भी लगे थे— "हमें आपकी संवेदना की जरूरत नहीं, सरकार ने काफी कर दिया." लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन्हें फाड़ दिया. मुलाकात के बाद परिवार ने BJP पर धमकी का आरोप लगाया. एक्स पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें परिवार ने कहा, "भाजपा सरकार ने धमकाया कि राहुल से न मिलें."

फोटो-ऑप पॉलिटिक्स
वहीं, बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने कहा, "राहुल का फोटो-ऑप पॉलिटिक्स नया निम्न स्तर छू गया. परिवार ने ही उन्हें ठुकरा दिया." विधायक राम कदम ने भी तंज कसा, "न तो लोग और न ही उनकी पार्टी राहुल को गंभीरता से लेती है."

बीजेपी का कहना है कि आरोपी विभिन्न जातियों से हैं, इसे जाति का रंग न दिया जाए. हरिओम की बहन कुसुम को फतेहपुर मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की नौकरी का ऑफर लेटर भी मिला, जिसे कांग्रेस 'लॉबीइंग' बता रही है.

इससे पहले राहुल ने हाल ही में चंडीगढ़ में पुरण कुमार के परिवार से भी मुलाकात की थी, जहां उन्होंने 'सभी दलितों का सम्मान' की मांग की. विपक्ष का आरोप है कि भाजपा शासित राज्य दलितों पर अंकुश लगाने में विफल हैं, जबकि भाजपा इसे 'वोटबैंक पॉलिटिक्स' बता रही है.

फतेहपुर विवाद के बीच बिहार की सियासत पर भी एनडीए मोर्चा संभाले हुई है. भाजपा प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि एनडीए में सब ठीक है, लेकिन पूर्व जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा, "नीतीश एनडीए में बस गए हैं, लेकिन बिहार की जनता नया विकल्प मांगेगी."

आरसीपी सिंह, जो नीतीश के करीबी रहे, अब अपनी अलग पार्टी की तैयारी कर रहे हैं. उनके इस बयान ने एनडीए के अंदर 'सीएम फेस कन्फ्यूजन' को हवा दे दी है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि "कोई कन्फ्यूजन नहीं, नीतीश ही नेता हैं ये भाजपा पहले भी कह चुकी है."

यह भी पढ़ें- बिहार इलेक्शन पर EC सख्त: चुनावी क्षेत्र में नकदी से लेकर ड्रग-दारू के प्रवाह से निपटने के लिए एजेंसियों को किया टाइट