उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग से निपटने के लिए SOP जारी, देखें वीडियो - UTTARAKHAND WILDFIRE SOP
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Published : April 16, 2025 at 2:47 PM IST
|Updated : April 16, 2025 at 2:55 PM IST
उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग बार-बार एक चुनौती के तौर पर सामने आती है. जैसे-जैसे पारा चढ़ता है वन भूमि के बड़े हिस्से आग की चपेट में आ जाते हैं. इससे जैव विविधता, वन्यजीव और इलाके में रहने वाले लोग खतरे में पड़ जाते हैं. इस मुश्किल से निपटने के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया शुरू की है. ये अब सभी जिलों में लागू है. वन अधिकारियों को इलाके में बने रहने, तत्काल और लगातार हालात पर नजर रखने और आग की चेतावनी पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक उत्तराखंड के गांवों में जंगलों में लगने वाली आग के खतरों के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इलाके में पिरूल के नाम से जानी जाने वाली सूखी चीड़ की पत्तियों को जंगलों में लगने वाली आग की मुख्य वजहों में से एक माना जाता है. प्रशासन ने इनसे निपटने के लिए एक नई पहल का ऐलान किया है.