कर्नाटक: मंगलुरु गांव में मनाया जाने वाला सदियों पुराना त्योहार है 'थूतेदरा', आग से खेल कर की जाती है भक्ति - SRI DURGAPARAMESHWARI TEMPLE

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 21, 2025 at 1:55 PM IST

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कर्नाटक के मंगलुरु के पास कटील गांव में हर साल अप्रैल के महीने में आग लग जाती है. डरिए मत, ये आग किसी नुकसान की नहीं, बल्कि भक्ति की है. इसे थूतेदरा या अग्नि केली कहते हैं, जो श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में आयोजित होने वाली सदियों पुरानी रस्म है. इस पूजा में अट्टूर और कोडेटूर के लोग साथ आते हैं. प्रार्थना और प्रसाद लेने के बाद, वे मंदिर से बाहर निकलते हैं और अग्नि अनुष्ठान में हिस्सा लेने के लिए तैयार होते हैं. इसमें श्रद्धालु सूखे पत्तों या कपड़ों और तेल से बनी जलती हुई मशालें एक-दूसरे पर फेंकते हैं. 'थूतेदरा' का मतलब 'मशालों की लड़ाई' है. ये 'थूटी', जिसका अर्थ है सूखे पत्तों का बंडल और 'दारा', जिसका मतलब है 'लड़ाई', से मिलकर बना है. इस त्योहार पर मामूली जलना सौभाग्य का संकेत माना जाता है. मामूली जलन वाले लोगों को तुरंत कुमकुम के पानी से उपचार दिया जाता है. माना जाता है कि थूतेदरा के जरिए शुद्धि होती है. इसमें भक्त अपने पापों को खत्म कर देवी से आशीर्वाद मांगते हैं.

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