मिलिए गुजरात में वडोदरा के दर्पण इनानी से, जिन्होंने आंखों की रोशनी खोने के बावजूद अपने ख्वाबों को दिए पंख - CHESS DREAMS OF DARPAN INAANI
🎬 Watch Now: Feature Video

Published : March 25, 2025 at 4:40 PM IST
वडोदरा: दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपने ख्वाबों को कैसे पंख दिए जाते हैं, वडोदरा के रहने वाले दर्पण इनानी इसकी जीती जागती मिसाल हैं. दर्पण जब महज तीन साल के थे तब उनकी आंखों की रोशनी चली गई. बावजूद इसके उन्होंने हार नही मानी और शतरंज के अपने जुनून को हर पल जीया. आज इसकी बदौलत वो कई अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम कर चुके हैं
शतरंज खिलाड़ी दर्पण इनानी ने कहा, "मैंने इंडिया के लिए पैरा एशियन गेम्स में जो चाईना में हुए थे 2023 में उसमें दो गोल्ड मेडल जीते थे, एक इंडिविजुअल और एक टीम तो मेरा एक्चुअली चेस से परिचय हुआ था. उन्होंने कहा कि, वे 2008 से चेस खेल रहे है. उन्होंने कहा, चेस एक मात्र गेम है जो एक दृष्टिबाधित व्यक्ति खेल सकता है. दर्पण आने वाले वक्त में कई बड़ी प्रतियोगिताओं में शिरकत करने की तैयारी कर रहे हैं.
शतरंज खिलाड़ी दर्पण इनानी ने कहा कि उनका सपना ग्रैंडमास्टर बनने का है. दर्पण अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. उनका कहना है कि उनके माता पिता ने कभी उन्हें कमजोर पड़ने नहीं दिया. आज उनके आशीर्वाद से ही वो अपनी कामयाबी का सफर जारी रखे हुए हैं.
ये भी पढे़ं: घर की छत पर चढ़ा तेंदुआ, देखें CCTV