नई दिल्ली: टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर ओला कैब्स की मनमानी पर सरकार सख्त हो गई है. दरअसल, सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने ओला कैब्स को 'उपभोक्ता केंद्रित' नीति लागू करने का निर्देश दिया है. इसमें रिफंड विकल्प देना और ऑटो राइड के लिए बिल देना शामिल है. यह कदम तब उठाया गया जब सीसीपीए ने पाया कि जब भी कोई ग्राहक ओला ऐप पर शिकायत दर्ज करता है, तो ओला बिना किसी सवाल के रिफंड पॉलिसी के तहत केवल कूपन कोड जारी करता है. कूपन कोड का इस्तेमाल अगली बुकिंग के लिए किया जा सकता है. सीसीपीए के हालिया निर्देशों का मतलब है कि अब ग्राहक अपने बैंक खाते में या कूपन के रूप में रिफंड प्राप्त कर सकेंगे.
बैंक खाते में रिफंड का ऑप्शन नहीं था
सीसीपीए ने पाया कि ओला की रिफंड पॉलिसी में केवल भविष्य की सवारी के लिए कूपन कोड दिए गए थे, जबकि उपभोक्ता को बैंक खाते में रिफंड का विकल्प नहीं दिया गया था. सीसीपीए ने एक बयान में कहा कि यह प्रथा उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करती है.
बिल जारी करने का भी आदेश
नियामक CCPA ने कहा कि बिना सवाल पूछे रिफंड नीति का मतलब यह नहीं हो सकता कि कंपनी लोगों को इस सुविधा का इस्तेमाल सिर्फ दूसरी सवारी लेने के लिए करने के लिए प्रोत्साहित करती है. नियामक ने ओला को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए बुक की गई सभी ऑटो राइड के लिए बिल जारी करने का भी आदेश दिया.
उपभोक्ता हेल्पलाइन में ओला के खिलाफ 2,061 शिकायतें
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से 9 अक्टूबर 2024 तक ओला के खिलाफ 2,061 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें से ज्यादातर शिकायतें बुकिंग के समय से ज्यादा किराया वसूलने और ग्राहकों को पैसे वापस न करने को लेकर थीं.