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IISc Bangalore के वैज्ञानिक बनाएंगे दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप, साइज जानकर दंग रह जाएंगे आप! - SMALLEST SEMICONDUCTOR CHIP

भारत के बेंगलुरु में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप बनाने का प्लान बनाया है.

A visual representation of a semiconductor chip
सेमीकंडक्टर चिप का एक विजुअल रिप्रजेंटेशन (फोटो - ETV Bharat)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : April 22, 2025 at 8:52 PM IST

3 Min Read

बेंगलुरु: भारत के बेंगलुरु में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के 30 वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक बहुत ही बेहतरीन प्लान बनाया है, जिसके तहत उनका लक्ष्य दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप बनाना है, जिसे दो-आयानी यानी (2D) मटेरियल्स से बनाया जाएगा. इस चिप को बनाने के लिए ग्रैफीन और ट्रांजिशन मेटल डाइकाल्कोजेनाइड्स (TMDs) जैसे खास पदार्थों का उपयोग किया जाएगा. ये सभी पदार्थ इतने पतले हैं कि ये सिर्फ एक एटम के बराबर होते हैं. इस नई चिप का आकार बहुत छोटा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, IISc की वैज्ञानिक टीम जिस चिप को बनाने की प्लाननिंग कर रही है, उसका आकार लगभग एक एंग्स्ट्रॉम होगा, जो कि एक नैनोमीटर का भी दसवां हिस्सा होता है.

कितनी छोटी होगी सेमीकंडक्टर चिप?

यह सेमीकंडक्टर चिप कितनी छोटी होगी, इसका अंदाजा हम आपको अभी तक दुनिया में मौजूद सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप का आकार बताकर बताते हैं. इस वक्त दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप का आकार तीन नैनोमीटर है और अब IISc जिस चिप को बनाने की प्लानिंग कर रही है, उसका आकार एक नैनोमीटर का भी दसवां हिस्सा होगा. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह नई सेमीकंडक्टर चिप कितनी छोटी होगी.

इस नई और छोटी चिप से प्रोसेसिंग बहुत फास्ट होगी और इससे एनर्जी की भी काफी बजत होगी. इसके अलावा इससे स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और भी ज्यादा पावरफुल बन सकेंगे. इस टेक्नोलॉजी के जरिए भारत दुनिया के सबसे एडवांस चिप निर्माता देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है. इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए IISc के प्रोफेसर मयंक श्रीवास्तव ने बताया, "वैज्ञानिकों की टीम ने अप्रैल 2022 में इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) को भेजी थी. उसके बाद अक्टूबर 2024 में इसका अपडेटेड वर्जन जमा किया गया. इस रिपोर्ट को बाद में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के साथ शेयर किया गया था."

सरकार ने दिखाई दिलचस्पी

बेंगलुरु में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप बनाने की प्लानिंग में भारत सरकार भी दिलचस्पी ले रही है. इस योजना के विषय पर मंत्रालय ने कई मीटिंग्स भी की है और आगे भी कई संभावनाएं देखी जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इस चिप को बनाने के लिए अच्छा फंड और टेक्निकल सपोर्ट के साथ-साथ लगातार मेहनत की जरूरत होगी. IISc के 30 वैज्ञानिकों की टीम को उनके इस शानदार प्लान में अगर सफलता मिलती है तो भारत दुनिया की सबसे छोटी और सबसे एडवांस चिप बनाने वाला देश बन सकता है — जो स्मार्टफोन और दूसरी डिवाइसेज़ को और बेहतर बनाएगी.

यह भी पढ़ें: Microsoft ने लॉन्च किया Majorana 1, जानें दुनिया के पहले क्वांटम चिप की खास बातें

बेंगलुरु: भारत के बेंगलुरु में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के 30 वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक बहुत ही बेहतरीन प्लान बनाया है, जिसके तहत उनका लक्ष्य दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप बनाना है, जिसे दो-आयानी यानी (2D) मटेरियल्स से बनाया जाएगा. इस चिप को बनाने के लिए ग्रैफीन और ट्रांजिशन मेटल डाइकाल्कोजेनाइड्स (TMDs) जैसे खास पदार्थों का उपयोग किया जाएगा. ये सभी पदार्थ इतने पतले हैं कि ये सिर्फ एक एटम के बराबर होते हैं. इस नई चिप का आकार बहुत छोटा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, IISc की वैज्ञानिक टीम जिस चिप को बनाने की प्लाननिंग कर रही है, उसका आकार लगभग एक एंग्स्ट्रॉम होगा, जो कि एक नैनोमीटर का भी दसवां हिस्सा होता है.

कितनी छोटी होगी सेमीकंडक्टर चिप?

यह सेमीकंडक्टर चिप कितनी छोटी होगी, इसका अंदाजा हम आपको अभी तक दुनिया में मौजूद सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप का आकार बताकर बताते हैं. इस वक्त दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप का आकार तीन नैनोमीटर है और अब IISc जिस चिप को बनाने की प्लानिंग कर रही है, उसका आकार एक नैनोमीटर का भी दसवां हिस्सा होगा. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह नई सेमीकंडक्टर चिप कितनी छोटी होगी.

इस नई और छोटी चिप से प्रोसेसिंग बहुत फास्ट होगी और इससे एनर्जी की भी काफी बजत होगी. इसके अलावा इससे स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और भी ज्यादा पावरफुल बन सकेंगे. इस टेक्नोलॉजी के जरिए भारत दुनिया के सबसे एडवांस चिप निर्माता देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है. इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए IISc के प्रोफेसर मयंक श्रीवास्तव ने बताया, "वैज्ञानिकों की टीम ने अप्रैल 2022 में इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) को भेजी थी. उसके बाद अक्टूबर 2024 में इसका अपडेटेड वर्जन जमा किया गया. इस रिपोर्ट को बाद में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के साथ शेयर किया गया था."

सरकार ने दिखाई दिलचस्पी

बेंगलुरु में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप बनाने की प्लानिंग में भारत सरकार भी दिलचस्पी ले रही है. इस योजना के विषय पर मंत्रालय ने कई मीटिंग्स भी की है और आगे भी कई संभावनाएं देखी जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इस चिप को बनाने के लिए अच्छा फंड और टेक्निकल सपोर्ट के साथ-साथ लगातार मेहनत की जरूरत होगी. IISc के 30 वैज्ञानिकों की टीम को उनके इस शानदार प्लान में अगर सफलता मिलती है तो भारत दुनिया की सबसे छोटी और सबसे एडवांस चिप बनाने वाला देश बन सकता है — जो स्मार्टफोन और दूसरी डिवाइसेज़ को और बेहतर बनाएगी.

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