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हिमालय के नीचे फट रही है धरती! वैज्ञानिकों ने की चौंकाने वाली खोज - HIMALAYAN EARTHQUAKE PREDICTION

नई रिसर्च में पता चला है कि भारतीय प्लेट हिमालय के नीचे खिसक नहीं रही, बल्कि दो हिस्सों में टूटकर नीचे धंस रही है.

Shocking changes are happening deep beneath the Himalayas
हिमालय के नीचे गहराई में हैरान करने वाले बदलाव हो रहे हैं (फोटो - Getty Images)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : April 24, 2025 at 8:25 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: हिमालय सदियो से अपनी विशालता और महानता के लिए जाना जाता है. हिमालय के बारे में जानना लोगों के लिए हमेशा से काफी जिज्ञासा का विषय रहा है, लेकिन अब इसके नीचे एक नई खोज हुई है, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया के लोगों को हैरान कर दिया है. नई रिसर्च के मुताबिक भारतीय टेक्टोनिक प्लेट सिर्फ खिसक नहीं रही, बल्कि धरती के गहराई में दो हिस्सों में टूट रही है. अभी तक वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि एशिया के नीचे भारतीय प्लेट धीरे-धीरे खिसकती जा रही है. इससे हिमालय की ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अब वैज्ञानिकों के द्वारा की गई नई रिसर्च ने पूरी तरह से बदल दिया है.

सैन फ्रांसिस्को में आयोजित एक बड़े सम्मेलन में इस रिसर्च को पेश किया गया है, जिसमें ज्ञानिकों ने पता लगाया है कि तिब्बत के भारतीय प्लेट, नीचे करीब 100 किलोमीटर की गहराई में दो हिस्सों में विभाजित हो रही है. इस रिसर्च की अगुवाई ओशन यूनिवर्सिटी के लिन लियू (Lin Liu) ने किया है. उनकी टीम ने सीस्मिक इमेजिंग टेक्नोलॉजी का यूज़ करके प्लेट की एक्टिविटीज़ को ट्रेस किया और उसकी स्थिति के बारे में पता लगाया. इसके अलावा उन्होंने धरती के नीचे गहराई में डिलैमिनेशन के सबूतों को भी ढूंढा है. अंग्रेजी के इस शब्द डिलैमिनेशन का मतलब होता है कि - प्लेट का घना और निचला हिस्सा नीचे की ओर धंसता जा रहा है, जबकि ऊपरी परत अभी भी ऊपर भी ओर ही बढ़ रहा है. यह घटना काफी दुर्लभ है और काफी कम देखने को मिलती है.

टूटने वाली प्लेट की 3डी तस्वीर

ओशन यूनिवर्सिटी के लिन लियू और उनकी टीम ने तिब्बत में मौजूद 94 सिस्मिक स्टेशन्स का डेटा जमा किया. उन्होंने S-waves, shear waves और P-waves का गहराई से अध्ययन किया और जमा किए तमाम आंकड़ों के आधार पर भारतीय प्लेट की 3डी इमेज बनाई. हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसी प्लेट का कुछ हिस्सा अभी भी एकसाथ है.लियू की रिपोर्ट के अनुसार तिब्बती पठार में लगातार फैलती जा रही दरारें और बार-बार आने वाले भूकंप से ऐसा लग रहा है कि धरती के नीचे गरहाई में कुछ बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है. इसके अलावा रिसर्चर्स ने वहां के झरनों में भी असामान्य रासायनिक तत्व पाए हैं, जिनमें हीलियम-3 गैस की मात्रा सबसे ज्यादा है. आपको बता दें कि हीलियम-3 गैस आमतौर पर धरती के बेहद गहरे हिस्से से निकलती है. इससे ऐसा लग रहा है कि प्लेट धरती के नीचे काफी गहराई से फट रही है.

वैज्ञानिकों के इस रिसर्च ने उनकी समझ को बेहतर तो किया ही है और उसके साथ भविष्य में दक्षिण एशिया में बार-बार भूकंप आने का भी अंदाजा लगाया है. वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके पास भारतीय प्लेट का एक 3डी मॉडल होगा, जिसके आधार पर वो आगे का अध्ययन कर पाएंगे और भविष्य में होने वाली संभावित घटनाओं का अनुमान लगा पाएंगे. वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि उनकी यह रिसर्च बेहतर सेफ्टी प्लान्स बनाने में मदद कर सकती है.

यह भी पढ़ें: IISc Bangalore के वैज्ञानिक बनाएंगे दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप, साइज जानकर दंग रह जाएंगे आप!

हैदराबाद: हिमालय सदियो से अपनी विशालता और महानता के लिए जाना जाता है. हिमालय के बारे में जानना लोगों के लिए हमेशा से काफी जिज्ञासा का विषय रहा है, लेकिन अब इसके नीचे एक नई खोज हुई है, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया के लोगों को हैरान कर दिया है. नई रिसर्च के मुताबिक भारतीय टेक्टोनिक प्लेट सिर्फ खिसक नहीं रही, बल्कि धरती के गहराई में दो हिस्सों में टूट रही है. अभी तक वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि एशिया के नीचे भारतीय प्लेट धीरे-धीरे खिसकती जा रही है. इससे हिमालय की ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अब वैज्ञानिकों के द्वारा की गई नई रिसर्च ने पूरी तरह से बदल दिया है.

सैन फ्रांसिस्को में आयोजित एक बड़े सम्मेलन में इस रिसर्च को पेश किया गया है, जिसमें ज्ञानिकों ने पता लगाया है कि तिब्बत के भारतीय प्लेट, नीचे करीब 100 किलोमीटर की गहराई में दो हिस्सों में विभाजित हो रही है. इस रिसर्च की अगुवाई ओशन यूनिवर्सिटी के लिन लियू (Lin Liu) ने किया है. उनकी टीम ने सीस्मिक इमेजिंग टेक्नोलॉजी का यूज़ करके प्लेट की एक्टिविटीज़ को ट्रेस किया और उसकी स्थिति के बारे में पता लगाया. इसके अलावा उन्होंने धरती के नीचे गहराई में डिलैमिनेशन के सबूतों को भी ढूंढा है. अंग्रेजी के इस शब्द डिलैमिनेशन का मतलब होता है कि - प्लेट का घना और निचला हिस्सा नीचे की ओर धंसता जा रहा है, जबकि ऊपरी परत अभी भी ऊपर भी ओर ही बढ़ रहा है. यह घटना काफी दुर्लभ है और काफी कम देखने को मिलती है.

टूटने वाली प्लेट की 3डी तस्वीर

ओशन यूनिवर्सिटी के लिन लियू और उनकी टीम ने तिब्बत में मौजूद 94 सिस्मिक स्टेशन्स का डेटा जमा किया. उन्होंने S-waves, shear waves और P-waves का गहराई से अध्ययन किया और जमा किए तमाम आंकड़ों के आधार पर भारतीय प्लेट की 3डी इमेज बनाई. हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसी प्लेट का कुछ हिस्सा अभी भी एकसाथ है.लियू की रिपोर्ट के अनुसार तिब्बती पठार में लगातार फैलती जा रही दरारें और बार-बार आने वाले भूकंप से ऐसा लग रहा है कि धरती के नीचे गरहाई में कुछ बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है. इसके अलावा रिसर्चर्स ने वहां के झरनों में भी असामान्य रासायनिक तत्व पाए हैं, जिनमें हीलियम-3 गैस की मात्रा सबसे ज्यादा है. आपको बता दें कि हीलियम-3 गैस आमतौर पर धरती के बेहद गहरे हिस्से से निकलती है. इससे ऐसा लग रहा है कि प्लेट धरती के नीचे काफी गहराई से फट रही है.

वैज्ञानिकों के इस रिसर्च ने उनकी समझ को बेहतर तो किया ही है और उसके साथ भविष्य में दक्षिण एशिया में बार-बार भूकंप आने का भी अंदाजा लगाया है. वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके पास भारतीय प्लेट का एक 3डी मॉडल होगा, जिसके आधार पर वो आगे का अध्ययन कर पाएंगे और भविष्य में होने वाली संभावित घटनाओं का अनुमान लगा पाएंगे. वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि उनकी यह रिसर्च बेहतर सेफ्टी प्लान्स बनाने में मदद कर सकती है.

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