हैदराबाद: गूगल ने अपने एनुअल इवेंट Google I/O 2025 में बहुत सारे प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया है. इस बार कंपनी ने एआई टेक्नोलॉजी और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स पर काफी जोर दिया है. उन्हीं से एक प्रोडक्ट का नाम Flow है. यह एक नया एआई फिल्मेकिंग टूल है, जिसे गूगल ने 20 मई 2025 को आयोजित अपने एनुअल इवेंट के दौरान लॉन्च किया है. गूगल के इस एआई फिल्ममेकिंग टूल का नाम फ्लो (Flow) है. इस टूल को कंपनी ने खासतौर पर अपने जेनरेटिव वीडियो मॉडल Veo के लिए डिज़ाइन किया है. इसके अलावा गूगल ने Veo 3 मॉडल्स का भी ऐलान किया है, जो एक अपडेटेड वर्ज़न है. अपडेट के बाद वीडियो में ऑडियो को शामिल करने की सुविधा ङी मिल सकती है, जैसे साउंड इफेक्ट्स, ब्रैकग्राउंड वॉइज़ या कैरेक्टर्स के डायलॉग्स आदि.
Veo 3 से चलने वाला गूगल का नया एआई फिल्ममेकिंग टूल फ्लो की मदद से स्टोरीटेलर्स सिर्फ साधारण टेक्स्ट वाले प्रॉम्प्ट्स का यूज़ करके अपनी कहानियों के लिए सिनेमैटिक सीन्स और क्लिप बना सकते हैं. गूगल का कहना है कि फ्लो प्रॉम्प्ट्स को गहराई से समझता और फिर उसका पालन करता है. इस कारण वो अटरैक्टिल सिनेमैटिक आउटपुट्स निकालता है, जो काफी शानदार होते हैं.
गूगल के एआई मॉडल जेमिनी की वजह से फ्लो में प्रॉम्प्टिंग वाला प्रोसेस काफी आसान हो गया है. इससे यूज़र्स अपनी डेली-लाइफ की भाषा में अपनी कल्पना को व्यक्त कर सकते हैं, जिसे वो किसी फिल्म या वीडियो क्लिप में दर्शाना चाहते हैं. इसके अलावा यूज़र्स या तो खुद के कंटेंट और एसेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं या फ्लो की मदद से भी कैरेक्टर्स और सीन्स को बनाने के लिए टेक्स्ट-टू-इमेज कैपिबलिटीज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए Imagen का यूज़ करना है, जिसके जरिए आप सिर्फ टेक्स्ट लिखेंगे तो वो इमेज बनाकर दे देगा.
यह भी पढ़ें: Google I/O 2025 में दिखी Android XR ग्लासेस की झलक, रियल-टाइम ट्रांसलेशन समेत कई फीचर्स से लैस |
फ्लो से कैसे बनाए सिनेमैटिक क्रिएशन
गूगल ने इसके बारे में अपने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि, यूज़र एक बार सीन बनाने के बाद उसका इस्तेमाल किसी दूसरे क्लिप्स या सीन्स को बनाने में भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप किसी नए शॉट के लिए भी सीन इमेज का इस्तेमाल कर सकते हैं. फ्लो टूल की मदद से सिनेमैटिक सीन्स बनाने के लिए यूज़र्स को नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करना पड़ सकता है:
टेक्स्ट टू इमेज: इस प्रोसेस में यूज़र्स को Imagen का यूज़ करते कैरेक्टर्स या सीन्स को क्रिएट कररना पड़ता है.
इंग्रेडिएट्स टू वीडियो: इस स्टेप में यूज़र्स को उन्हीं कैरेक्टर्स या सीन को यूज़ करके वीडियो क्लिप बनाना पड़ता है.
फ्रेम टू वीडियो: इस स्टेप में यूज़र्स को आसान शब्दों का इस्तेमाल करके अपने कैरेक्टर्स का रोल या सीन्स को एक्सप्लेन करना पड़ता है और फिर उससे क्लिप जनरेट करना पड़ता है.
फ्लो अपने यूज़र्स को कैमरा मोशन, कैमरा एंगल्स और पर्सपेक्टिव को डायरेक्टली कंट्रोल करने का फीचर देता है. यह आपको शॉट्स को एडिट करने और उसे एक्सप्लेन करने का फीचर देता है. यूज़र्स इसकी मदद से एक्शन दिखा सकते हैं, सीन्स में ट्रांजिशन का इस्तेमाल कर सकते हैं.