हैदराबाद: अगर आपको आकाश में होने वाली घटनाओं को देखना पसंद है तो 25 अप्रैल की सुबह आपके लिए काफी खास हो सकती है. 25 अप्रैल की सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले आकाश में त्रिग्रहीय संयोजन (Triple Conjunction) देखने को मिलेगा, जो आमतौर पर आसानी से देखने को नहीं मिलता है. आइए हम आपको ट्रिपल कंजेक्शन की इस खास घटना, इसकी टाइमिंग और देखने को तरीका बताते हैं.
ट्रिपल कंजेक्शन क्या होता है?
जब आकाश में तीन खगोलीय पिंड बहुत पास दिखाई देते हैं, तो उसे ट्रिपल कंजेक्शन या त्रिग्रहीय संयोजन कहते हैं. 25 अप्रैल की सुबह सूरज निकलने से पहले आकाश में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिलेगा. दरअसल, उस दिन आकाश में तीन खगोलीय पिंड—शुक्र (Venus), शनि (Saturn) और एक पतला चंद्रमा (Crescent Moon)- एक साथ दिखाई देंगे. यह एक तरह का दृष्टि भ्रम (Optical illusion) होता है, क्योंकि असलियत में खगोलिय पंड अंतरिक्ष में इतने पास नहीं होते हैं, लेकिन पृथ्वी से देखने पर ऐसा लगता है कि ये तीनों एक त्रिकोण के रूप में पास आ गए हैं.
25 अप्रैल को खास क्या है?
25 अप्रैल 2025 की सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले, आकाश में तीन खगोलीय पिंड—शुक्र, शनि और एक पतला चंद्रमा एक साथ दिखाई देंगे.ये तीनों मिलकर एक "मुस्कुराता चेहरा" (smiley face) जैसा आकार बनाएंगे. हालांकि, यह दृश्य काफी कम समय के लिए ही दिखाई देगा और सुबह 5:30 बजे सूरज निकलने के बाद अदृश्य हो जाएगा.
कैसे देखें ये नज़ारा?
समय: सुबह 5:30 बजे (स्थानीय समय) के आसपास.
दिशा: पूरब की ओर देखें.
स्थान: कोई ऐसा स्थान चुनें जहां पूरब की दिशा में कोई ऊंची इमारत या पेड़ न हो.
इसे आप बिना उपकरण के भी देख सकते हैं, लेकिन दूरबीन (binoculars) से और बेहतर अनुभव मिलेगा.
शुक्र, शनि और चंद्रमा कैसे दिखेंगे?
- शुक्र (Venus) सबसे चमकदार और ऊपर की ओर होगा. इसे "सुबह का तारा" भी कहते हैं.
- शनि (Saturn) थोड़ा हल्का चमकदार और शुक्र से नीचे-बाईं ओर दिखाई देता है.
- चंद्रमा (Moon) एक पतली और मुस्कुराहट जैसी आकृति में दिखाई देती है और सबसे नीचे की ओर होती है.
- इन तीनों के साथ-साथ लोगों को बुध (Mercury) भी दिखाई दे सकता है, लेकिन वो बहुत नीचे हॉरिज़न के पास दिखाई देगा और काफी हल्का नज़र आएगा.
लिरिड उल्का वर्षा (Lyrid Meteor Shower): 21-25 अप्रैल
इस उल्का की वर्षा हर साल होती है और इस साल इसकी शुरुआत 21 अप्रैल से होती है. 21 से 22 अप्रैल की रात इसका पीक होगा. अगर आप अंधेरे में हैं, तो हर घंते में करीब 15 तारों को टूटते हुए देख सकते हैं. हालांकि, इस बार चांद की रोशनी काफी कम होगी, जिससे उल्काओं को देखना काफी आसान होगा. आसमान में होने और दिखने वाली इन घटनाओं से हमें हमारे सौरमंडल और ऑब्टिकल मैकेनिक्स का पता चलता है.
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