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अब सिर्फ सोचकर कंट्रोल कर पाएंगे iPhone, नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा Apple - APPLE BRAIN CONTROLLED DEVICES

Apple, Synchron के साथ मिलकर Stentrode इंप्लांट से Brain-Computer Interface (BCI) विकसित कर रहा है, जिससे दिमाग से iPhones और गैजेट्स कंट्रोल हो सकेंगे.

Apple Developing Brain Implant to Operate iPhone
एप्पल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस पर काम कर रहा है (Representational Picture, Credits: Apple)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : May 18, 2025 at 5:28 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: टेक्नोलॉजी की दुनिया में मौजूद दिग्गज कंपनियों में से एक एप्पल कथित तौर पर एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जिसकी मदद से लोग अपने दिमाग की सोच से अपने आईफोन और उसके साथ-साथ कई अन्य डिवाइस को कंट्रोल कर सकेंगे. आपको यह सोचना में थोड़ा अज़ीब लग रहा होगा. आइए हम आपको एप्पल के इस कथित टेक्नोलॉजी के बारे में बताते हैं.

इस टेक्नोलॉजी की मदद से इंसान सिर्फ सोचकर मोबाइल या कंप्यूटर जैसे किसी भी डिवाइस को चला पाएंगे. इसके लिए दिमाग में एक छोटा सा इम्प्लांट लगाया जाएगा. यह टेक्नोलॉजी एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक की तरह है. इस टेक्नोलॉजी से उन लोगों की काफी मदद हो सकती है, जिन्हें रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी हो, ALS (Amyotrophic Lateral Sclerosis) जैसी कोई गंभीर बीमारी हो या स्ट्रोक जैसी कोई समस्याएं हो, क्योंकि ऐसे लोग इस टेक्नोलॉजी की मदद से अपने लैपटॉप, फोन या किसी भी अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल बिना किसी की मदद लिए, सिर्फ अपनी दिमाग से सोचकर कर सकेंगे.

यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल एक ब्रेन-इंटरफेस कंपनी सिंक्रोन के साथ मिलकर इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है. सिंक्रोन ने स्टेंटरोड नाम का एक स्टेंट जैसा डिवाइस बनाया है,जो दिमाग में शरीर की गतिविधियों को कंट्रोल करने वाले हिस्से मोटर कॉर्टेक्स के पास वाली ब्लड वैसल में फिट किया जाएगा. यह इम्प्लांट दिमाग में चलने वाली सोच को पढ़ता है और उन्हें डिजिटल कमांड में बदल देता है. इसमें दिमाग के सिग्नल डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं. इसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) कहा जाता है, क्योंकि यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो दिमाग को बिना किसी टच के सीधे डिवाइस से जोड़ देता है.

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी के सिग्नल को सेंसर के जरिए रीड करता है. उसके बाद उन्हें टाइपिंग, कर्सर, मूवमेंट या ऐप खोलने जैसे कामों में बदल देता है. रिपोर्ट के अनुसार स्टेंटरोड डिवाइस एप्पल के स्विच कंट्रोल फीचर का यूज़ करता है. इससे यूज़र्स अपने दिमाग के सिग्नल से डिवाइस को ऑपरेट कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें डिवाइस को टच करने की जरूरत नहीं है.

सिंक्रोन के सीईओ टॉम ऑक्सले ने वॉल स्ट्रीन जर्नल को बताया कि अभी तक यह टेक्नोलॉजी एक माउस की तरह काम कर रही है, लेकिन एप्पल एक नया स्टैंडर्ड को पेश करने की प्लानिंग कर रही है, जो इम्प्लांट और डिवाइस के बीच डायरेक्ट कम्यूनिकेशन को आसान बनाएगा.

यह भी पढ़ें: YouTube ने लॉन्च किया Peak Points नाम का AI Feature, वीडियो के सबसे इंगेजिंग मूमेंट पर दिखेंगे विज्ञापन

हैदराबाद: टेक्नोलॉजी की दुनिया में मौजूद दिग्गज कंपनियों में से एक एप्पल कथित तौर पर एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जिसकी मदद से लोग अपने दिमाग की सोच से अपने आईफोन और उसके साथ-साथ कई अन्य डिवाइस को कंट्रोल कर सकेंगे. आपको यह सोचना में थोड़ा अज़ीब लग रहा होगा. आइए हम आपको एप्पल के इस कथित टेक्नोलॉजी के बारे में बताते हैं.

इस टेक्नोलॉजी की मदद से इंसान सिर्फ सोचकर मोबाइल या कंप्यूटर जैसे किसी भी डिवाइस को चला पाएंगे. इसके लिए दिमाग में एक छोटा सा इम्प्लांट लगाया जाएगा. यह टेक्नोलॉजी एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक की तरह है. इस टेक्नोलॉजी से उन लोगों की काफी मदद हो सकती है, जिन्हें रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी हो, ALS (Amyotrophic Lateral Sclerosis) जैसी कोई गंभीर बीमारी हो या स्ट्रोक जैसी कोई समस्याएं हो, क्योंकि ऐसे लोग इस टेक्नोलॉजी की मदद से अपने लैपटॉप, फोन या किसी भी अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल बिना किसी की मदद लिए, सिर्फ अपनी दिमाग से सोचकर कर सकेंगे.

यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल एक ब्रेन-इंटरफेस कंपनी सिंक्रोन के साथ मिलकर इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है. सिंक्रोन ने स्टेंटरोड नाम का एक स्टेंट जैसा डिवाइस बनाया है,जो दिमाग में शरीर की गतिविधियों को कंट्रोल करने वाले हिस्से मोटर कॉर्टेक्स के पास वाली ब्लड वैसल में फिट किया जाएगा. यह इम्प्लांट दिमाग में चलने वाली सोच को पढ़ता है और उन्हें डिजिटल कमांड में बदल देता है. इसमें दिमाग के सिग्नल डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं. इसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) कहा जाता है, क्योंकि यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो दिमाग को बिना किसी टच के सीधे डिवाइस से जोड़ देता है.

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी के सिग्नल को सेंसर के जरिए रीड करता है. उसके बाद उन्हें टाइपिंग, कर्सर, मूवमेंट या ऐप खोलने जैसे कामों में बदल देता है. रिपोर्ट के अनुसार स्टेंटरोड डिवाइस एप्पल के स्विच कंट्रोल फीचर का यूज़ करता है. इससे यूज़र्स अपने दिमाग के सिग्नल से डिवाइस को ऑपरेट कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें डिवाइस को टच करने की जरूरत नहीं है.

सिंक्रोन के सीईओ टॉम ऑक्सले ने वॉल स्ट्रीन जर्नल को बताया कि अभी तक यह टेक्नोलॉजी एक माउस की तरह काम कर रही है, लेकिन एप्पल एक नया स्टैंडर्ड को पेश करने की प्लानिंग कर रही है, जो इम्प्लांट और डिवाइस के बीच डायरेक्ट कम्यूनिकेशन को आसान बनाएगा.

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