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अमेज़न का Project Kuiper लॉन्च, लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचे पहले इंटरनेट सैटेलाइट्स, Starlink से होगी टक्कर - AMAZON PROJECT KUIPER

अमेज़न ने Project Kuiper के तहत 27 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. आइए हम अमेज़न के इस खास मिशन के बारे में बताते हैं.

A United Launch Alliance Atlas V rocket carrying the Kuiper-1 mission lifts off from Space Launch Complex-41
स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स-41 से Kuiper-1 मिशन को लेकर यूनाइटेड लॉन्च एलायंस का एटलस V रॉकेट रवाना हुआ (फोटो क्रेडिट: ULA)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : April 29, 2025 at 7:37 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: अमेज़न ने अपने पहले इंटरनेट सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) यानी पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. अमेज़न के इस मिशन का नाम Project Kuiper है. अमेज़न लो-अर्थ ऑर्बिट में इंटरनेट सैटेलाइट फिट करके स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारलिंक (Starlink) जैसे इंटरनेट सैटेलाइट को टक्कर देने की तैयारी कर रहा है. इस मिशन को पहले 10 अप्रैल 2025 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण, इसके लॉन्चिंग डेट को आगे बढ़ाना पड़ा और अब आखिरकार 29 अप्रैल 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 4:31 बजे Cape Canaveral स्पेस फोर्स स्टेशन से अमेज़न ने अपने इंटरनेट सैटेलाइट्स के पहले सेट को पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया. अमेज़न के इस मिशन Project Kuiper के तहत 27 Kuiper-1 सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया है. इन सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में स्थापित किया गया है.

Project Kuiper का मकसद

अमेज़न का लक्ष्य है कि वो अंतरिक्ष में 3,236 सैटेलाइट्स की एक बहुत बड़ी सीरीज तैयार करें और दुनिया के लोगों को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रदान कर सके. आपको बता दें कि सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में यूज़र्स बिना मोबाइल नेटवर्क, सिम या वाई-फाई के भी इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं. अमेज़न के अलावा अमेरिका की ही एक और कंपनी स्टारलिंक भी इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. अमेज़न के इस पूरे मिशन के तहत United Launch Alliance (ULA) नाम की कंपनी करीब 1,600 से भी ज्यादा सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाएगी. अमेज़न ने Project Kuiper की शानदार और सफल शुरुआत की है और अगर वो अपने इस मिशन में पूरी तरह से सफल होते हैं तो अमेज़न दुनियाभर के यूज़र्स को बिना नेटवर्क वाली यानी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइ़ड कर सकता है.

Project Kuiper के पहले बैच को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद यूएलए के वाइस प्रेसिडेंड गैरी वेंट्ज़ ने कहा कि, "यह लॉन्च Amazon की उस महत्वाकांक्षी पहल का एक बेहद अहम पड़ाव है, जिसका मकसद दुनिया के उन इलाकों तक तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अब तक सेवा नहीं पहुंची या कमज़ोर रही है." उन्होंने आगे कहा कि, ULA और Kuiper की टीम ने इस मिशन को सफल बनाने और सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट तक सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत की है और वो इस पार्टनरशिप को आगे भी जारी रखना चाहते हैं.

Project Kuiper में अभी तक क्या हुआ?

अमेज़न ने 2023 के अंत में दो प्रोटोटाइप सैटेलाइट – KuiperSat-1 और KuiperSat-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. उसके बाद इन सैटेलाइट्स ने लो-अर्थ ऑर्बिट में जाकर कंट्रोल्ड मूवमेंट्स का प्रदर्शन किया था. अमेज़न ने इस मिशन के शुरुआत में सैटेलाइट इंटरनेट को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाने के लिए ULA के साथ-साथ Arianespace, Blue Origin और SpaceX के साथ मिलकर 80 से भी ज्यादा लॉन्च शेड्यूल किए हैं. इस दौरान हरेक लॉन्च के साथ दर्जनों इंटरनेट सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा जो पूरी दुनिया में इंटरनेट का एक नेटवर्क बिछाएंगे और फिर दुनिया के उन कोने-कोने पर भी इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी, जहां अभी तक इंटरनेट सर्विस नहीं पहुंच पाई है. Amazon का Project Kuiper, Elon Musk की Starlink सर्विस को टक्कर देने वाला है.

यह भी पढ़ें: स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क क्या है? जानें भारत को इससे क्या फायदा होगा

हैदराबाद: अमेज़न ने अपने पहले इंटरनेट सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) यानी पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. अमेज़न के इस मिशन का नाम Project Kuiper है. अमेज़न लो-अर्थ ऑर्बिट में इंटरनेट सैटेलाइट फिट करके स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारलिंक (Starlink) जैसे इंटरनेट सैटेलाइट को टक्कर देने की तैयारी कर रहा है. इस मिशन को पहले 10 अप्रैल 2025 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण, इसके लॉन्चिंग डेट को आगे बढ़ाना पड़ा और अब आखिरकार 29 अप्रैल 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 4:31 बजे Cape Canaveral स्पेस फोर्स स्टेशन से अमेज़न ने अपने इंटरनेट सैटेलाइट्स के पहले सेट को पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया. अमेज़न के इस मिशन Project Kuiper के तहत 27 Kuiper-1 सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया है. इन सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में स्थापित किया गया है.

Project Kuiper का मकसद

अमेज़न का लक्ष्य है कि वो अंतरिक्ष में 3,236 सैटेलाइट्स की एक बहुत बड़ी सीरीज तैयार करें और दुनिया के लोगों को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रदान कर सके. आपको बता दें कि सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में यूज़र्स बिना मोबाइल नेटवर्क, सिम या वाई-फाई के भी इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं. अमेज़न के अलावा अमेरिका की ही एक और कंपनी स्टारलिंक भी इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. अमेज़न के इस पूरे मिशन के तहत United Launch Alliance (ULA) नाम की कंपनी करीब 1,600 से भी ज्यादा सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाएगी. अमेज़न ने Project Kuiper की शानदार और सफल शुरुआत की है और अगर वो अपने इस मिशन में पूरी तरह से सफल होते हैं तो अमेज़न दुनियाभर के यूज़र्स को बिना नेटवर्क वाली यानी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइ़ड कर सकता है.

Project Kuiper के पहले बैच को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद यूएलए के वाइस प्रेसिडेंड गैरी वेंट्ज़ ने कहा कि, "यह लॉन्च Amazon की उस महत्वाकांक्षी पहल का एक बेहद अहम पड़ाव है, जिसका मकसद दुनिया के उन इलाकों तक तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अब तक सेवा नहीं पहुंची या कमज़ोर रही है." उन्होंने आगे कहा कि, ULA और Kuiper की टीम ने इस मिशन को सफल बनाने और सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट तक सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत की है और वो इस पार्टनरशिप को आगे भी जारी रखना चाहते हैं.

Project Kuiper में अभी तक क्या हुआ?

अमेज़न ने 2023 के अंत में दो प्रोटोटाइप सैटेलाइट – KuiperSat-1 और KuiperSat-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. उसके बाद इन सैटेलाइट्स ने लो-अर्थ ऑर्बिट में जाकर कंट्रोल्ड मूवमेंट्स का प्रदर्शन किया था. अमेज़न ने इस मिशन के शुरुआत में सैटेलाइट इंटरनेट को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाने के लिए ULA के साथ-साथ Arianespace, Blue Origin और SpaceX के साथ मिलकर 80 से भी ज्यादा लॉन्च शेड्यूल किए हैं. इस दौरान हरेक लॉन्च के साथ दर्जनों इंटरनेट सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा जो पूरी दुनिया में इंटरनेट का एक नेटवर्क बिछाएंगे और फिर दुनिया के उन कोने-कोने पर भी इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी, जहां अभी तक इंटरनेट सर्विस नहीं पहुंच पाई है. Amazon का Project Kuiper, Elon Musk की Starlink सर्विस को टक्कर देने वाला है.

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