बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में सर्पदंश से संबंधित हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक युवक की सांप डसने से मौत हो गयी. मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे. इसी दौरान पता चला कि युवक की धड़कन चल रही है. इसके बाद परिजन उसे भागे-भागे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे और इलाज के लिए भर्ती कराया.
झाड़फूंक में पड़े परिजन: मामला जिले के घटना तेघरा थाना क्षेत्र के हरिहर पुर गावं की है. जानकारी के अनुसार रंजीत राम के पुत्र अमृत कुमार को सांप ने डस लिया था. परिजनों के अनुसार मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे सांप ने डसा था. स्नेक बाइट की इलाज के लिए सदर अस्पताल के बदले स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर और झाड़फूक के चककर में पड़ गए.
समय से नहीं मिला इलाज: काफी देर होने के कारण और समय से बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गयी. लेकिन युवक की मौत के बाद हैरान करने वाला मामला सामने आया. बताया जाता है कि युवक जिंदा हो गया था. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
परिजन को लगा बुखार है: मृतक के पिता रंजीत राम के अनुसार अमृत कुमार सुबह में आया, बोला मेरे पैर में बहुत दर्द कर रहा है. हमें लगा बुखार के कारण दर्द हो रहा होगा. उसे एक प्राइवेट अस्पातल में ले जाना था. सोचा सूई-दवा से ठीक हो जाएगा. इलाज कराने के बाद ड्यूटी पर जाना था लेकिन नहीं जा सके. आधा घंटा का भी समय नहीं मिला.
जख्म से पता चला सांप ने डंसा: बताया कि पैर में दर्द की बात कर रही रहे थे कि वह उठ गया और गिर गया. इतने में उसकी हालत खराब हो गयी. कुछ देर के बाद ही उसकी मौत हो गयी. पैर में जख्म देखने के बाद पता चला कि उसे सांप ने डस लिया है.
"मौत के बाद उसे अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जा रहे थे. लोगों ने कहा कि इसे केले के थंब पर डालकर पानी बहा दीजिए. शमशान घाट जाने के दौरान रास्ते में ऐसा लगा कि दिल का धड़कन चल रहा है. इसके बाद हमलोग रास्ते से वापस लौट गए. सदर अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया." -रंजीत राम, मृतक का पिता

अंध विश्वास में चली गयी जान: मीडिया से बात करते हुए पिता ने बताया कि जब पता चला कि सांप ने डसा है तो लोगों के कहने पर घर के बगल में मंदिर पर ले गए. कुछ देर वहां रखने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ. हमें लगा कि उसकी मौत हो चुकी है. इसलिए घाट ले जा रहे थे.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?: हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहदीप पाटिल के अनुसार ऐसा कई कारणों से हो सकता है. कहते हैं कि कभी-कभी व्यक्ति की मौत नहीं होती है लेकिन मेडिकल पैरामीटर मौत के संकेत देते हैं. इसकी कई वजह हो सकता है.
तीन तरह से होती है मौत: इंसान की मौत तीन तरह से होती है. पहली क्लीनिकल डेथ यानि दिल काम करना बंद कर देता है. दूसरी ब्रेन डेथ, इसमें आंखों की पुतली स्थिर हो जाती है. तीसरी बायोलॉजिकल डेथ, इसमें कुछ अंग और कोशिकाएं 2 घंटे के अंदर मर जाती है."
मौत के बाद जिंदा होना असंभव: डॉक्टर का मानना है कि इस तीन तरीके से मौत के बाद इंसान का जिंदा होना संभव नहीं है. बेगूसराय की घटना में भी डॉक्टर का कहना है कि जब शमशान घाट से शव लेकर पहुंचे तो उसमें कोई हरकत नहीं थी. उसकी मौत हो चुकी थी.
15 घंटे बाद अस्पताल ले गए: सदर अस्पताल के डॉक्टर राहुल कुमार ने बताया कि युवक को काफी देर बाद अस्पताल लाया गया था. सुबह के 6 बजे सांप ने डसा था लेकिन उसे रात के 9 बजे अस्पताल लाया गया था. तब तक काफी देर हो चुकी थी. पूरा शरीर नीला पड़ गया था. पूरे शरीर में जहर फैल चुका था. इस कारण उसकी मौत हो गयी. समय से अगर अस्पताल लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. अंधविश्वास के चक्कर में उसकी मौत हो गयी.

"सुबह 6 बजे के आसपास सांप ने डसा था. युवक को शमशान से इलाज के लिए मंगलवार की रात नौ बजे सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. सभी सरकारी अस्पताल में स्नेक बाइट की दवा मौजूद है. बाबजूद लोग झोलाछाप डॉक्टर और झाड़ फूंक के चककर मे फंस जाते हैं. इस कारण लोगों की मौत हो जाती है. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं जहां, मरीज की जान बच सके." -डॉक्टर राहुल कुमार, सदर अस्पताल