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यूपी को डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेली मेडिसिन का हब बनाएगी योगी सरकार, जानिए कैसे - DIGITAL TECHNOLOGY HUB

हेल्थ सेक्टर में निवेश से 0.40 लाख करोड़ रुपये के जीएसवीए में होगा इजाफा.

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सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 26, 2025 at 7:15 PM IST

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लखनऊ: प्रदेश सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डाॅलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हेल्थ सेक्टर में टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन की सुविधा होने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी.

हेल्थ सेक्टर में होगा निवेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में ही वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की थी. सीएम ने बैठक में कहा कि रणनीति बनाकर हेल्थ सेक्टर में निवेश को आकर्षित किया जाए तो इससे प्रदेश को करीब 0.40 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है. इसके लिए दो चीजों पर विशेष ध्यान देना होगा. इसमें पहला अस्पतालों और हेल्थ सेंटर की सुविधाओं में इजाफा, दूसरा स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की योजनाओं को और मजबूत करना अहम पहलू है.

ऐसे में अस्पतालों और हेल्थ सेंटर की सुविधाएं बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे. इसके लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स का निर्माण, सेकंडरी केयर के लिए अस्पतालों के निर्माण में निजी निवेश काे बढ़ावा और डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन पर फोकस करना होगा. इससे प्रदेश को करीब 0.39 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है.

5 हजार नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए जगह चिन्हित: बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और डॉक्टरों व विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए निजी क्षेत्र में नए हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स के निर्माण में निवेश को प्राथमिकता दी जा रही है.

इसके तहत पीएम गति शक्ति पोर्टल और जीआईएस का उपयोग कर 5,000 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए स्थानों की पहचान की जा चुकी है. इन केंद्रों के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं तक ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.

वहीं, प्रदेश सरकार ने सेकंडरी केयर अस्पतालों के लिए पीपीपी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति को मंजूरी दी है, जिससे जीएसवीए में इजाफा होगा. इसके साथ ही डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और योजनाओं को सशक्त करने के लिए कदम उठाए गए हैं. ऐसे में स्वास्थ्य सेवा वितरण को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए टेलीमेडिसिन हब मॉडल को अपनाया जा रहा है.

फार्मा रिसर्च के लिए प्रदेश में तैयार किये जा रहे 11 मेडिकल कॉलेज: प्रदेश सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की योजनाओं को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. इससे प्रदेश को करीब .01 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है. वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेश की 43 प्रतिशत आबादी ले रही है, जिसे बढ़ाकर 63 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है.

इसके लिए राशन कार्ड वाले डेटा को हेल्थ स्कीम्स से जोड़ा जा रहा है. वहीं, फार्मा रिसर्च और हेल्थ डाटा का बढ़ावा देने के लिए 11 मेडिकल कॉलेजों को रिसर्च के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां दवाओं के ट्रायल होंगे. साथ ही, हेल्थ डाटा का सही इस्तेमाल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीक को अपनाया जा रहा है.

इसके साथ ही निजी अस्पतालों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योगी सरकार प्राइवेट अस्पतालों की सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए उनके लिए नियम और ग्रेडिंग सिस्टम तैयार कर रही है. एआई आधारित हेल्थ एनालिटिक्स इकोसिस्टम को भी सुदृढ़ किया जा रहा है. निजी अस्पतालों में सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर नियमावली और ग्रेडिंग सिस्टम तैयार करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें- यूपी टॉपर महक के संघर्ष की कहानी; 8 KM पैदल जाती थी स्कूल, भाई ने मजदूरी करके दी साइकिल, सिर पर छत और झोपड़ी में बिजली तक नहीं

लखनऊ: प्रदेश सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डाॅलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हेल्थ सेक्टर में टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन की सुविधा होने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी.

हेल्थ सेक्टर में होगा निवेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में ही वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की थी. सीएम ने बैठक में कहा कि रणनीति बनाकर हेल्थ सेक्टर में निवेश को आकर्षित किया जाए तो इससे प्रदेश को करीब 0.40 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है. इसके लिए दो चीजों पर विशेष ध्यान देना होगा. इसमें पहला अस्पतालों और हेल्थ सेंटर की सुविधाओं में इजाफा, दूसरा स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की योजनाओं को और मजबूत करना अहम पहलू है.

ऐसे में अस्पतालों और हेल्थ सेंटर की सुविधाएं बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे. इसके लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स का निर्माण, सेकंडरी केयर के लिए अस्पतालों के निर्माण में निजी निवेश काे बढ़ावा और डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन पर फोकस करना होगा. इससे प्रदेश को करीब 0.39 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है.

5 हजार नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए जगह चिन्हित: बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और डॉक्टरों व विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए निजी क्षेत्र में नए हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स के निर्माण में निवेश को प्राथमिकता दी जा रही है.

इसके तहत पीएम गति शक्ति पोर्टल और जीआईएस का उपयोग कर 5,000 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए स्थानों की पहचान की जा चुकी है. इन केंद्रों के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं तक ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.

वहीं, प्रदेश सरकार ने सेकंडरी केयर अस्पतालों के लिए पीपीपी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति को मंजूरी दी है, जिससे जीएसवीए में इजाफा होगा. इसके साथ ही डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और योजनाओं को सशक्त करने के लिए कदम उठाए गए हैं. ऐसे में स्वास्थ्य सेवा वितरण को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए टेलीमेडिसिन हब मॉडल को अपनाया जा रहा है.

फार्मा रिसर्च के लिए प्रदेश में तैयार किये जा रहे 11 मेडिकल कॉलेज: प्रदेश सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की योजनाओं को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. इससे प्रदेश को करीब .01 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा (GSVA)हो सकता है. वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेश की 43 प्रतिशत आबादी ले रही है, जिसे बढ़ाकर 63 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है.

इसके लिए राशन कार्ड वाले डेटा को हेल्थ स्कीम्स से जोड़ा जा रहा है. वहीं, फार्मा रिसर्च और हेल्थ डाटा का बढ़ावा देने के लिए 11 मेडिकल कॉलेजों को रिसर्च के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां दवाओं के ट्रायल होंगे. साथ ही, हेल्थ डाटा का सही इस्तेमाल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीक को अपनाया जा रहा है.

इसके साथ ही निजी अस्पतालों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योगी सरकार प्राइवेट अस्पतालों की सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए उनके लिए नियम और ग्रेडिंग सिस्टम तैयार कर रही है. एआई आधारित हेल्थ एनालिटिक्स इकोसिस्टम को भी सुदृढ़ किया जा रहा है. निजी अस्पतालों में सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर नियमावली और ग्रेडिंग सिस्टम तैयार करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है.

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