लखनऊ: उत्तर प्रदेश का आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर राजनीतिक हमला बोला है. उन्होंने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के युवाओं की उम्मीदों से भाजपा सरकार खेल रही है. प्रदेश के युवाओं का भविष्य पेपर लीक और भर्ती घोटाले की भेंट चढ़ रहा है.
आप पार्टी के प्रदेश कार्यालय में शिक्षक भर्ती के मामले में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रयागराज में छात्रों का बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है. इसमें वह 90,000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि हमारे यहां 1 लाख 93 हजार पद खाली हैं. आदित्यनाथ सरकार का कहना था कि यह भर्तियां तीन चरण में होंगी. प्रत्येक चरण में 65,000 भर्तियां की जाएंगी, जो कि मार्च 2026 तक पूरी कर ली जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस ट्वीट के बाद छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. कुछ ही समय के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के ऑफिशियल हैंडल से इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया. ऐसा लगा मानो सरकार गजनी मोड में चली गई है, अब उसे ध्यान नहीं की उसने क्या ट्वीट किया था. आश्चर्य की बात है कि इस मामले में प्रदेश सरकार ने यह भी दावा किया था कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ प्रोजेक्ट के अप्रूवल के बाद ही शिक्षकों की भर्ती का यह निर्णय लिया गया.
यानी शिक्षक भर्ती के इस मुद्दे पर अब केंद्र सरकार यानी नरेन्द्र मोदी और योगी अदित्यनाथ दोनों ही पीछे हट गए हैं. बेरोजगारी की मार झेल रहा उत्तर प्रदेश का नौजवान आज आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है. प्रदेश के छोटे-छोटे गांव से मां-बाप कर्जा लेकर अपने बच्चों को बड़े शहरों में नौकरी की तलाश में पढ़ने के लिए भेजते हैं, जहां छात्र मुश्किलों के साथ रहकर छोटी से छोटी सरकारी नौकरी के लिए की जान से पढ़ाई करते हैं.

सिर्फ इस उम्मीद में कि उसे एक शिक्षक, एक क्लर्क यहां तक की एक चपरासी की ही नौकरी शायद मिल जाए. योगी आदित्यनाथ की सरकार इन छात्रों की इस उम्मीद से ही खेल कर रही है. कभी प्रदेश सरकार पुलिस भर्ती परीक्षा करती है और फिर कहती है कि उसमें कोई घपला हो गया घोटाला हो गया. वह भर्ती कैंसिल हो जाती है, फिर कभी कोई और भर्ती निकलती है और उसमें पेपर लीक होने के नाम पर उसे भारती को रद्द कर दिया जाता है. उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार पेपर लीक होने के नाम पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है.
ऐसे में प्रयागराज में शिक्षक भर्ती को लेकर छात्रों के चल रहे आंदोलन में और उनकी मांगों को लेकर आम आदमी पार्टी पूरी तरह छात्रों के समर्थन में खड़ी है. हम योगी सरकार को चेतावनी देते हैं कि वह छात्रों की मांगों को सुने और उसे पर जल्द से जल्द फैसला ले. प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के जो दो लाख पद खाली होने की घोषणा की थी, उन पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की जाए.
सांसद संजय सिंह ने कहा कि 2004 में बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती की गई थी. 2004 से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम लागू थी और 2004 के बाद नई पेंशन स्कीम लागू हो गई. ऐसे में प्रदेश सरकार 35000 शिक्षकों के लिए कह रही है कि अब उन्हें पुरानी पेंशन नहीं देगी भले ही आपकी भर्ती की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई हो. प्रदेश सरकार का तर्क है कि बीटीसी प्रशिक्षण शिक्षकों की ट्रेनिंग 2005 में ही पूरी हुई है.
आप नेता संजय सिंह बोले कि जब भर्ती की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई, तो नियम भी 2004 के ही लागू होने चाहिए. आज शिक्षामित्रों की हालत मजदूरों से भी बदतर हो गई है. मात्र बैटरी चोरी होने के शक में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है. महराजगंज में नलकूप पर बैठे किसान की फावड़े से गला काट कर हत्या कर दी जाती है, तो कहीं दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को दूध में जहर देकर मार दिया गया.
संजय सिंह ने कहा कि हाल ही में अयोध्या में एक युवक को 6 टुकड़ों में काटकर उसकी हत्या कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश में हत्या, लूटपाट और दुष्कर्म जैसे मामले कानून व्यवस्था की बदहाली को बताते हैं. मैं अपने गृह जनपद सुल्तानपुर गया था, वहां मैं सफाई कर्मियों के इलाके में गया. वहां रहने वाले सफाई कर्मी 30 साल से छप्पर डालकर कच्चे मकान बना कर रह रहे थे.
उन्होंने कहा कि छात्रों पर भी रहम न करते हुए योगी की सरकार ने बिना किसी नोटिस के उनके मकान पर बुलडोजर चलवा दिए. मैं पीएम और सीएम से एक सवाल करना चाहता हूं प्रधानमंत्री वाल्मीकि समाज के लोगों के पैर धुलने का नाटक करते हैं. वही कुंभ का मेला समाप्त होने के बाद योगी जी ने सफाई कर्मियों को सम्मानित किया था और दूसरी तरफ आपने 25-25 सालों से रह रहे इन सफाई कर्मियों के घरों पर बिना नोटिस दिए बुलडोजर चलवा दिया.
आप सांसद ने कहा कि किसी भी प्रदेश की कानून व्यवस्था तब ठीक होती है, जब सरकार उसका राजनीतिकरण करना बंद कर दें. जब सत्ताधारी ही अपराधियों को बचाने लगेंगे, तो कानून व्यवस्था बेहतर कैसे हो सकती है. उत्तर प्रदेश में अब पुलिस का भी राजनीतिकरण हो गया है. इसीलिए खुलेआम भाजपा नेता गुंडागर्दी पर उतर आए हैं.
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